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Arjit bansal
जैन धर्म के 24 वे अंतिम तीर्थंकर महावीर जयंती पर महान तेजस्वी गुणवान सत्यवान धैर्यवान प्रकाशवान अहिंसा प्रेमी जन कल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले महावीर जी को हम सब का नमन।। ©Arjit bansal #कैवल्य #24 तीरतीर्थंकर #जीयो और जीने दो #mahavir_Jayanti
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read moreManavazhagan
14.08.23 माता पुसम ज्योति दर्शनम्, वडालूर. #latestnewshindhi #toptrendingtoday #fbhindhi #instahindi #inhindi #googletopheadlines #googletop #trendingnow #पौराणिककथा #viralshorts
read moreCharudatta Thorat . in Abhyasaka
|| गुप्तज्ञान दत्ताश्रयम् || सर्वेक हरिरूपातळी | सुख सदा लायिं हरिपूर्ण || सर्वेक धन्यता अमृतमयः | आश्रयीत चित्त भावपूर्णः || सेवेंसीं सदैव
|| गुप्तज्ञान दत्ताश्रयम् || सर्वेक हरिरूपातळी | सुख सदा लायिं हरिपूर्ण || सर्वेक धन्यता अमृतमयः | आश्रयीत चित्त भावपूर्णः || सेवेंसीं सदैव #Indian #Trending #spiritual #nojotophoto #ॐ #मराठी #letest #nashik #charudattaThorat #CMThorat #kavyavishnusadan #IndianYogi #महाराष्ट्रधर्म #नशामुक्तसमाज
read moreCharudatta Thorat . in Abhyasaka
|| गुप्तज्ञान दत्ताश्रयम् || सर्वेक हरिरूपातळी | सुख सदा लायिं हरिपूर्ण || सर्वेक धन्यता अमृतमयः | आश्रयीत चित्त भावपूर्णः || सेवेंसीं सदैव
|| गुप्तज्ञान दत्ताश्रयम् || सर्वेक हरिरूपातळी | सुख सदा लायिं हरिपूर्ण || सर्वेक धन्यता अमृतमयः | आश्रयीत चित्त भावपूर्णः || सेवेंसीं सदैव #Indian #Trending #spiritual #nojotophoto #ॐ #मराठी #letest #nashik #charudattaThorat #CMThorat #kavyavishnusadan #IndianYogi #महाराष्ट्रधर्म #नशामुक्तसमाज
read moreVikas Sharma Shivaaya'
*सुबह उठते ही 'कर (हथेली) दर्शन' का महत्त्व क्यों?* *हमारी संस्कृति हमें धर्ममय जीवन जीना सिखाती है। हमारा जीवन सुखी, समृद्ध, आनंदमय बने इसके लिए संस्कार रचे गए और दिनचर्या तय की गई। दिनचर्या का आरंभ नींद खुलने के तत्काल बाद शुरू हो जाता है। दिन की शुरुआत का पहला कदम है- कर दर्शनम् अर्थात हथेलियों को देखना। सुबह उठते ही सबसे पहले हमें हथेलियों के ही दर्शन करना चाहिए। *सुबह सुहानी हो तो दिन अच्छा गुजरता है। दिन अच्छा हो इसके लिए हम सुबह अपने अंदर और बाहर अर्थात मन में और घर में शांति और प्रसन्नता चाहते हैं। हम आंख खुलते ही कोई ऐसी चीज देखना पसंद नहीं करते जिससे हमारा दिन खराब हो। हमारा दिन हमारे लिए शुभ हो इसके लिए ऋषियों ने कर दर्शनम् का संस्कार हमें दिया है।* *⚜️कैसे करें कर दर्शनम्* सुबह जब नींद से जागें तो अपनी हथेलियों को आपस मे मिलाकर पुस्तक की तरह खोल लें और यह श्लोक पढ़ते हुए हथेलियों का दर्शन करें- *🚩कराग्रे वसते लक्ष्मी: करमध्ये सरस्वती।* *कर मूले स्थितो ब्रह्मा प्रभाते कर दर्शनम्॥* *🌷अर्थात-* (मेरे) हाथ के अग्रभाग में लक्ष्मी का, मध्य में सरस्वती का और मूल भाग में ब्रह्मा का निवास है। *⚜️हथेलियों के दर्शन करते समय एक और मंत्र भी बोला जाता है...* *🚩कराग्रे वसते लक्ष्मी: करमध्ये सरस्वती।* *करमूले तू गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम ॥* *🌷अर्थात-* (मेरे) हाथ के अग्रभाग में लक्ष्मी का, मध्य में सरस्वती का और मूल भाग में भगवान विष्णु का निवास है। हथेलियों के दर्शन का मूल भाव तो यही है कि हम अपने कर्म पर विश्वास करें। हम भगवान से प्रार्थना करते हैं कि ऐसे कर्म करें जिससे जीवन में धन, सुख और ज्ञान प्राप्त करें। हमारे हाथों से ऐसा कर्म हों जिससे दूसरों का कल्याण हो। संसार में इन हाथों से कोई बुरा कार्य न करें। हथेलियों के दर्शन के समय मन में संकल्प लें कि मैं परिश्रम कर दरिद्रता और अज्ञान को दूर करूंगा और अपना व जगत का कल्याण करूंगा। *⚜️हाथों का ही दर्शन क्यों* हमारी संस्कृति हमें सदैव कर्म का संदेश देती है। जीवन के चार आधार- धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को पुरुषार्थ कहा गया है। ईश्वर पुरुषार्थी मनुष्य की ही सहायता करते हैं। कर्म से हम अपने जीवन को स्वर्ग बना सकते हैं और नर्क में भी ढकेल सकते हैं। मनुष्य के हाथ शरीर के महत्वपूर्ण अंग हैं। हमारे दो हाथ पुरुषार्थ और सफलता के प्रतीक हैं। *⚜️इस परंपरा के संबंध में वेद कहते हैं* *🚩कृतं मे दक्षिणेहस्ते जयो मे सष्य आहित:।* *•- अथर्ववेद 7/50/8* *🌷अर्थात-* मेरे दाहिने हाथ में पुरुषार्थ है और बाएं हाथ में सफलता। भावार्थ यही है कि हम यदि परिश्रम करते हैं तो सफलता अवश्य मिलती है। हमे अपने कर्म में पीछे नहीं हटना चाहिए, क्योंकि- *🚩अयं मे हस्तो भगवानयं मे भगवत्तर:।* *•- ऋग्वेद 10/60/12* *🌷अर्थात-* परिश्रम से हमारे हाथों में श्री और सौभाग्य होते हैं। अर्थ यह है कि हम परिश्रम करेंगे तो ही हमें धन मिलेगा। धन से हम सुख-समृद्धि का सौभाग्य पाएंगे। वेद हमें यह भी सचेत करते हैं कि हमारे हाथ से कोई बुरा काम न हो। *🌷हस्तच्युतं जनयत प्रशस्तम्।* *•- सामवेद -72* *🌷अर्थात-* हमारे हाथों से सदा श्रेष्ठ का निर्माण हो। हम सदा अच्छे काम करें। किसी का बुरा न करें। किसी को दु:ख न पहुंचाएं। *⚜️शिक्षा-* प्रभाते कर दर्शनम् का यही संदेश है। हम सुबह उठते ही अपनी हथेलियों के दर्शन कर अच्छे कार्य करने का संकल्प लें, ताकि दिनभर हमारे मन में कोई बुरे विचार न आएं। अच्छे कार्यां से ही हमारी अलग पहचान बनती है। विष्णु सहस्रनाम(एक हजार नाम) आज 730 से 741 नाम 730 यत् जिनसे सब भूत उत्पन्न होते हैं 731 तत् जो विस्तार करता है 732 पदमनुत्तमम् वह पद हैं और उनसे श्रेष्ठ कोई नहीं है इसलिए अनुत्तम भी हैं 733 लोकबन्धुः जिनमे सब लोक बंधे रहते हैं 734 लोकनाथः जो लोकों से याचना किये जाते हैं और उनपर शासन करते हैं 735 माधवः मधुवंश में उत्पन्न होने वाले हैं 736 भक्तवत्सलः जो भक्तों के प्रति स्नेहयुक्त हैं 737 सुवर्णवर्णः जिनका वर्ण सुवर्ण के समान है 738 हेमांगः जिनका शरीर हेम(सुवर्ण) के समान है 739 वरांगः जिनके अंग वर (सुन्दर) हैं 740 चन्दनांगदी जो चंदनों और अंगदों(भुजबन्द) से विभूषित हैं 741 वीरहा धर्म की रक्षा के लिए दैत्यवीरों का हनन करने वाले हैं 🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' *सुबह उठते ही 'कर (हथेली) दर्शन' का महत्त्व क्यों?* *हमारी संस्कृति हमें धर्ममय जीवन जीना सिखाती है। हमारा जीवन सुखी, समृद्ध, आनंदमय बने इस
*सुबह उठते ही 'कर (हथेली) दर्शन' का महत्त्व क्यों?* *हमारी संस्कृति हमें धर्ममय जीवन जीना सिखाती है। हमारा जीवन सुखी, समृद्ध, आनंदमय बने इस #समाज
read moreN S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} सब कुछ भगवान श्री कृष्ण हैं :- जिन के चरणों में स्वयं प्रकाश हैं, वह सबके साक्षी परमात्मा हैं, उनको मैं नमस्कार करता हूँ। जो मन, वाणी और चित्त से अत्यंत दूर हैं- उन परमात्मा को मैं नमस्कार करता हूँ। विवेकी पुरुष कर्म-सन्यास अथवा कर्म-समर्पण के द्वारा अपना अन्तःकरण शुद्ध करके जिन्हें प्राप्त करते हैं तथा जो स्वयं तो नित्यमुक्त, परमानन्द एवं ज्ञानस्वरूप हैं, दूसरों को कैवल्य-मुक्ति देने की सामर्थ्य भी केवल उन्हीं में हैं- उन प्रभु को मैं नमस्कार करता हूँ।।जो सत्व, रज, तम- इन तीन गुणों का धर्म स्वीकार करके क्रमशः शांत, घोर और मूढ़ अवस्था भी धारण करते हैं, उन भेद रहित समभाव से स्थित एवं ज्ञानघन प्रभु को मैं बार-बार नमस्कार करता हूँ। ©N S Yadav GoldMine #Blood {Bolo Ji Radhey Radhey} सब कुछ भगवान श्री कृष्ण हैं :- जिन के चरणों में स्वयं प्रकाश हैं, वह सबके साक्षी परमात्मा हैं, उनको मैं नमस्
#Blood {Bolo Ji Radhey Radhey} सब कुछ भगवान श्री कृष्ण हैं :- जिन के चरणों में स्वयं प्रकाश हैं, वह सबके साक्षी परमात्मा हैं, उनको मैं नमस् #मोटिवेशनल
read moreDivyanshu Pathak
भक्ति गुण की सुगंध भी गुण पुष्प का गुण का ही तो मापदंड होता है ना ! बिल्कुल मिटाता है अज्ञान का तिमिर थाल में प्रज्वलित दीप जैसे बुद्धि का ज्ञान ! कोई तो नही मिटा पाता इस द्वंद को जब तक कि स्वयं ही "स्व" को यं से अलग होकर प्राप्त हो "कैवल्य" ! Collab on this click by Lunostellar and sprinkle the magic of your words by complimenting this beautiful canvas. #CnC147 (Please don't remo
Collab on this click by Lunostellar and sprinkle the magic of your words by complimenting this beautiful canvas. #CnC147 (Please don't remo #yqbaba #YourQuoteAndMine #clicksncanvas #MyCnC #cncnew
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