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F M POETRY
White मनाने रूठने के खेल में हम.. बिछड़ जायेंगे ये सोचा नहीं था.. यूसुफ़ आर खान.... ©F M POETRY #मनाने रूठने के खेल में हम.....
#मनाने रूठने के खेल में हम.....
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी ठहरे हुये जज्बात है जमा समय खर्च रहा है कातिल कोई तो है जो बहाव का रुख बदल रहा है यकीनन हम शिकार राजनीत के है मगर व्यवस्थाओ को घुन की तरह पीस रहा है अगर आबाद नही होगी आबादी तो खतरों से खेलने के लिये आमदा हर वर्ग होगा संघर्षों में तब्दील होगी बस्तियां अराजकता का माहौल होगा प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Sad_shayri यकीनन हम शिकार राजनीति के है
#Sad_shayri यकीनन हम शिकार राजनीति के है
read moreVinod Mishra
"शक्तियां जिन्हें हम देख नहीं पाते उनमें रहती हैं जिन्हें हम देख पाते हैं पर वे विरले ही होते हैं जो इन्हें महसूस कर पाते हैं." विनो
read moreVinod Mishra
नवनीत ठाकुर
पिता की यादों में है वो ख़ामोश रहमत, उनके लफ़्ज़ों में आज भी वफ़ा का पैग़ाम बाकी है। हर मुश्किल घड़ी में वो हौसला बनकर आते हैं, वो दुनिया से रुख़्सत हुए, पर उनका असर बाकी है। वो चले गए, छोड़ गए ज़िंदगी की तालीम, उनके नक्श-ए-राह पर हर कदम का निशां बाकी है। जब भी टूटता हूँ सफर की ठोकरों में कहीं, उठाने को आज भी उनका अरमां बाकी है। पिता का साया आज भी है मेरे साथ यूं, उनकी दुआओं का साया हर राह पे बाकी है। चले गए वो फलक के सफर पर दूर कहीं, पर उनकी मौजूदगी का एहसास हर सांस में बाकी है। वो जुदा हुए, पर छोड़ गए अनमोल ख़ज़ाना, यादों में बसा है महकता उनका गुलिस्तां बाकी है। अब वो सितारा बनकर आसमां में रोशन हैं, उनकी रौशनी से मेरी हर रात और सुबह बाकी है। जैसे अंधेरों में चिराग़ की लौ जलती है, वैसे ही उनकी यादों का उजाला हर लम्हा बाकी है। इस फानी दुनिया से वो चले गए हैं भले, मगर मेरे दिल में वो जिंदा हैं, उनका हर वो लम्हा बाकी है। ©नवनीत ठाकुर #पिता का साया
#पिता का साया
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White किसको अपना लूँ उम्र भर के लिए.. किसको अपना कहूं ज़माने में.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #किसको अपना लूँ उम्र भर के लिए....
#किसको अपना लूँ उम्र भर के लिए....
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी लतो के हुये शिकार हम टेक्नोलॉजी अंग अंग खराब कर रही है कमजोर आँखे और कान, देखने और सुनने की शक्ति कम कर रही है अतिवाद की धारणा, पंगु बनाकर छोड़ेगी जवानी की दहलीज में बुढ़ापे की तान छेड़ेगी नही चाहिये अन्धविकास टेक्नोलॉजी मानव को गुलाम बनाकर छोड़ेगी प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Sad_Status लतो के हुये शिकार हम
#Sad_Status लतो के हुये शिकार हम
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White हम अपने आप में जो हैँ तुम्हे पसंद नहीं.. तुम्हें तुम्हारी तरह के ही लोग ज़चते हैँ.. यूसुफ़ आर खान..... ©F M POETRY #तुम्हें तुम्हारी तरह के ही लोग.....
#तुम्हें तुम्हारी तरह के ही लोग.....
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