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Eshwari
White प्राण गेल्यावरही "नेत्र" चार तास जिवंत असतात या चार तासात आपल्या माणसांची वागणूक पाहून प्राणशून्य देहाला "मरण" म्हणजे खुप मोठं गिफ्ट वाटत असेल..... ईश्वरी ©Eshwari #मरण एक आनंद
#मरण एक आनंद
read moreShailendra Anand
रचना दिनांक,1, दिसंबर 2024,, वार रविवार समय सुबह पांच बजे ्््भावचित्र ्् ््निज विचार ्् ््शीर्षक ्् ्््आंतकवाद क्या है और वह किस अंन्दाज में फलता फूलता है,, उस पर देश और दुनिया भर में एक अंकूश बहुत जरूरी प्रयास होना , मानव सभ्यता संस्कृति के लिए सम्पूर्ण विश्व में सबसे अधिक प्रभावित करती है निजविचार ्््््् प्रिय मित्र,, सादर वन्दे, आंतकवाद किसे कहते हैं ्् आतंक से आत्ममंथन तक सामान्य रूप से जोअपराध अपराधी के चाल चरित्र से जो चौकस रहते मुस्तैद होकर लक्ष्य विद्रोह ,खौफ, भय, दहशत, मानव जीवन में जिसने भी फैलाया उसका तात्कालिक मकसद अराजकता और दमनकारी और अपने धर्म और नीति नियत पर अक़ामकता से घात प्रतिघात संघर्ष का रुप धारण जिस किसी का विरोध करने वाले राजसत्ता विरोध ही जनमानस में खतरा बन जाना ही आतंकवाद कहते हैं ।। जो उस अपराध में डुबता है वह आतंकवादी कहलाता है ।। अपराधी सिर्फ अपराधी होता है।। माना कि एक वर्ग विशेष समुह के लोग अधिकांश देश भक्त होते हैं।। ठीक विपरीत एक वर्ग विशेष समुह समाज का के लोग विश्व में अधिकांश साम्यवादी विचारधारा आक़ोश खौफ दहशत के साथ और समर्पित होकर अपने कर्म लक्ष्य पर मर मिट जाता है।। यही जस्बा विद्रोह बन जाता है।। वही आगे चलकर अफगानिस्तान में शासक वर्ग बनकर राष्ट्र संघ द्वारा आयोजित देश का अंग बन जाता है।।््् ््््््निजविचार ््् ््् यह प्रक्रियाओं से जन्मा विचार सच में एक त्रासदी है ् ््कवि शैलेंद्र आनंद ्् 1, दिसंबर 2024 कवि शैलेंद्र आनंद,, 1,, दिसंबर 2024,, ©Shailendra Anand मोटिवेशनल कोट्स समस्याओं पर कवि शैलेंद्र आनंद
मोटिवेशनल कोट्स समस्याओं पर कवि शैलेंद्र आनंद
read moreShailendra Anand
रचना दिनांक 25,, नवम्बर 2024,, वार। सोमवार समय सुबह पांच बजे ्््भावचित्र ्् ््््छाया चित्र में सिनहरियो में झिलमिलाते तारे सितारे एक अलग ही सुन्दर अपनी बात को लेकर खुश हो प्यारा सा जीवन में कुछ भी कर रहे हैं,, ऐसा प्रतीत होता देख रही है प्रेम मूर्ति प्रेम शब्द से जन्मा विचार सच है ््् निज विचार ्् ्भावचित्र ् ्शीर्षक ् ््दर्द ऐं ग़म पर जमाना हंसेगा, फ़कत अश्क आंखों में हमको छुपाना पड़ा्् कहे तो जाने अंजाने में,, आंखें यूंही बदनाम हो गई ्् प्यार करने वाले खूद ही खुद से,, सवाल जवाब बन गये।।1 ।। जो प्यार नहीं करते है वो प्यार के,, मायने क्या समझेगे।।2 ।। वो बस झुठे किस्से ख्याली पुलाव,, बनाने वाले होते हैं ।।3 ।। जिन्हें किसी की मोहब्बत भरी नज़रों से,, ना था कोई वास्ता ना,ही, कोई रिश्ता नाता, बस वो ग़म ऐं द़र्द पर जिंदगी के मज़ाक उड़ाते हैं।।4 ।। वो लफ्जो का मोल अश्कों का तोल ,, और मेरे प्यारे नयनों में ढलकते अश्कों के छुपने का प्रहर।।5 ।। मेरी मुस्कान मन्द अधर पर ले उड़े होश का आनंद लें,, जो कोमल सा गुलाबी से लाल हो,प्यारी सी जीवन शैली ।।6 ।। शैलेंद्र आनंद की सज गई तस्वीर,, मेरे प्यार की रंगत इस ज़माने में।।7 ।। ्््कवि््शैलेन्द़ आनंद 25,,, नवम्बर,,2024 ©Shailendra Anand Extraterrestrial life ््दर्द ऐं ग़म पर जिंदगी ्््््कवि शैलेंद्र आनंद
Extraterrestrial life ््दर्द ऐं ग़म पर जिंदगी ्््््कवि शैलेंद्र आनंद
read moreShailendra Anand
White रचना दिनांक,,,,,,26,,,,10,,,,2024 वार,,,, शनिवार समय,,,, सुबह,,, ्््पांच बजे ्््निजविचार ््् ,,,,,,,,शीर्षक,,,,,,, ्््््छाया चित्र में दिखाया गया चंद्र के अस्त होते हुए सभय में,, बदलाव और मनोवैज्ञानिक रूप से जीवन में परिवर्तित कर रहे कई पूरातन पुरातत्व सर्वेक्षण में खगोल विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान में समकालीन परिदृश्य पर आधारित शोध से वायुमंडल में, कार्बन उत्सर्जन और उसके दूष्परिणाम से धरती पर रह रहे जीवन में,, जींव जीवाश्म प्राणी संसार में जगत में एक तरह से जन्मा विनाशकारी शक्तिशाली विश्व की महाशक्ति ने संसार जगत को रसायनिक पदार्थ और हथियार से लैस, दुनिया को शक्तिशाली देश बनाने वाले छोटे देशों में वो चाहे एशियाई देशों में, हौड प्रतिस्पर्धी बनाकर आज सारा विश्व बारुद के ढेर पर खडा, विनाशकारी खण्डहरो में तब्दील होने को सहर्ष तैयार खड़े हो ।। आज सम्पूर्ण विश्व में अणु परमाणु ऊर्जा संयंत्र मात्र अग्नि भूगर्भीय संरचना और,, अपने आप में कुछ भी नकारात्मक प्रभाव से सारे वैचारिक वैज्ञानिक आधार तौ, र तरीके से जो कुछ भी छोटे देशों और बड़े देशों को जैसे ही वाद से, प्रतिशोध में आज हर देश में अराजकता विराजमान हैं ।। उसके परिणाम आज हमारे देश में नरसंहारों और प्रकृतिवादी जीवन शैली में , आज तक सारे देश धर्म कर्म से तहस नहस हो चुकी है ।। वायुमंडल में जनजीवन की सकारात्मक जीवन स्तर में परिवर्तित हो,, ऐसे असंख्य लोगों में यह विचार दुनिया में धर्म समाज सभ्यता संस्कृति में, समकालीन परिदृश्य को परखना ही आज विश्व को विनाशकारी युद्ध नीति नियत परिधि फितरत से सजाया गया यह समझना होगा क्योंकि यह आज के विनाश कारी , जनजीवन अस्त व्यस्त वातावरण बना हुआ यह छायाचित्र संग्रह पोस्ट मुख्यपृष्ठ पर जिंदगी का , आयना नजरिया बदल रहे परिवर्तन शील समाज सभ्यता संस्कृति में, समकालीन परिदृश्य का एक सकारात्मक सोच रखा गया है।। यह एक जीवन की भविष्यवाणी है मानव सभ्यता विनाश को बचाने के लिए सम्पूर्ण विश्व में परमाणु हथियार का अनावश्यक रूप से चल रहे वायुमंडलीय दबाव को कम करने की दिशा में परमाणु नियंत्रण का नीति को लेकर मानव संसाधन विकास को विश्वस्तर पर बचाया जा सकता ह ्््््कवि शैलेंद्र आनंद ©Shailendra Anand #good_night मोटिवेशनल कोट्स समस्याओं पर Extraterrestrial life ्््््कवि शैलेंद्र आनंद
#good_night मोटिवेशनल कोट्स समस्याओं पर Extraterrestrial life ्््््कवि शैलेंद्र आनंद
read moreseema patidar
बहुत मित्र कभी नहीं होते मित्र जीवन में कम ही हो सकते है पहचान बहुतों से हो सकती है सहजता बहुतों से हो सकती है पहचान दुनिया से हो सकती है उससे कम लोगो से संबंध हो सकते है उससे और कम लोगो से मित्रता हो सकती है उससे और कम लोगो पर विश्वास हो सकता है उससे भी और कम लोगो से प्रेम हो सकता है ऐसा प्रेम स्थायी और अनंत होता है जो जीवन की किसी परिस्थिति में समाप्त नहीं होता । ©seema patidar आनंद पथ
आनंद पथ
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