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Shailendra Anand
रचना दिनांक 20फरवरी 2025,, वार ्् गुरुवार ,, समय सुबह पांच बजे ्््भावचित्र ््््््निज विचार ्् ्््शीर्षक ््् ्््फ़रवरी माह और साथ बंसत महोत्सव और फागुनी बयार बह रही है प्रेम से अन्तर्मन केपरिद़ष्य से रंग दे बसंती और रंग पंचमी और सरस्वती पूजा अर्चना करते हुए फूलों का आयना नज़रिया राज से पर्दा उठ गयाजिसे आप चुनते हुए गुलाब जल गुलाबपुष्प इत्र या सुगंधित पुष्प वर्षा से,, प्रभावित होकर पाया खोया हुआ आनंद मस्ती छाई , हमारे दिल में एक टीस सी उठती हुई,, मंगल पर जीवन फूलों पर जिंदगी में एक अलौकिक शक्ति पूंज आत्मिक सुख में वृद्धि में डुब गया है।। चंचल मन चंचल कृत संकल्प है,, कि इस समय पर गुरुणा करुणा मंत्रणा में एक रहस्यमय ढंग से परिस्थिति से गुजर रहा है।। तरो ताजगीभरा भरा हुआ अमृत बरसाता जीवन कलश कुंभ में फूलों से वो लफ्जो की आस्था प्रकट कर गया।। ्् वह अनंत परिपूर्ण शब्दयोग आनंद बोध ईश में ईश की अनंत ध्वनि न्यास में निर्राकार धुन पर हर ओर गूंजा शौर भुमंडल मुखमंडल सुकृत परिष्कृत शिल्प कृति है।। मन आकृति में खो गई है प्रेम की शाश्वत शिल्प शब्द कल्पना ही ,, मनस्वी से अपनी रूह में समाया हुआ प्रेम ही सत्य अदृश्य शक्ति देती है।। जो कर्म कर्ण से सुनकर अखिल विश्व में अनेक अनेकानेक अध्यात्मिक दर्शन कर देख रहा है इस सरजमीं धरा पर जिंदगी में फूलों से फूलों में अपनीअपनी मान्यता है जो कब कहां किसे कब काम आये यह पसंद गुलाब पुष्प देश में ईश्वर सत्य में मेरे तेरे प्यार में ख्याल में रहना पसंद है।। इंतजार में आंखें छलछला गई इंतजार में गुलाब की पंखुड़ियों से बनी आवाज सेज से जिंदा कफ़न तक या फिर किसी किरदार में खो गई ।। परिणीती शवयात्रा में या फिर शहीदों की समाधियों पर ख्यालात आधारित एक शानदार स्थल है इस सरजमीं पर जिंदगी में एक गुलाब के पुष्पों का अभिनव विश्व जगत में एकाकार हो गया है ,, गुलाब जल मिलाकर एक पूजा एक निष्ठा ही जिंदगी है।। ्््््कवि शैलेंद्र आनंद ्् 20 2025,, ©Shailendra Anand नये अच्छे विचार बेस्ट सुविचार सुविचार इन हिंदी Extraterrestrial life अनमोल विचार कवि शैलेंद्र आनंद
नये अच्छे विचार बेस्ट सुविचार सुविचार इन हिंदी Extraterrestrial life अनमोल विचार कवि शैलेंद्र आनंद
read morekuldeepbabra
इसीलिए मुझे लाइक कमेंट शेर फॉलो कर लीजिए 🙏 ©kuldeepbabra समय रहने पर ही कदर करनी चाहिए# हिंदी छोटे सुविचार
समय रहने पर ही कदर करनी चाहिए# हिंदी छोटे सुविचार
read moreJatin Verma
White तुम धर्म की रक्षा करो । धर्म तुम्हारी रक्षा करेगी ।। ©Jatin Verma #सुविचार
Shailendra Anand
रचना दिनांक 13जनवरी 2025 वार सोमवार, समय सुबह ्््पांच बजे ्भावचित्र ् ्निज विचार ् ्शीर्षक ् ्आकर देख जय जवान और अच्छे इंसान में वो अलख जगाने आया हूं ्् मंन्दिर मंन्दिर मत खोजो,, ईश वंदना, प्रेयर,नमन, वन्दंनीय है।1। वह वंदना यश कीर्ति ,, आजाद भारत की हकीकत है।2। मन का दरवाजा तो खोलो, देख रही थी मन की गीता,, और रामायण पाठ यही है।3। मूरत सूरत तो वही है, लेकिन मन ना बदले तो वो,, इन्सान नही वो भगवान है।4। कर्म की गीता हाथ में लेकर,, श्रम के गीत गाता हैं।5। इन्सान के पसीने की बून्दो में,, वो भीग गया वो छुप गया।6। अपनो की नजरों से वो ओझल हूआ अपने स्वर्णिम सपने लेकर ,, वो कर्म से भाग्य चमकता है।7। जो रक्त तिलक से अपनी रूह में,, युद्ध कला में खो जाता है।8। जो शत्रुओं के बीच में जाकर भी, इन्सानी जस्बा औरशत्रुओं को झटका,, दोनों ही युद्ध का हिस्सा है।9। रणभुमि से अपनी अपनी,, रणनीति पर चौकन्ना रहना है।10। मातृभूमि पर शीश चढ़ाने,, वीरजवान निकल पड़ा है।11। देश देश में अपने देश की,, देश प्रेम कीअलख जगाने वाला हूं।12। नौजवान में वीर शौर्यता की,, अलख जगाने आया हूं।13। उन जवानो के मन मन्दिर का,, मैं दरवाजा खोल गया हूं।14। आकर देख जय जवान, औरअच्छे इन्सानों में,, वो अलख जगाने आया हूं।15। ्कवि शैलेंद्र आनंद ् ©Shailendra Anand Extraterrestrial life हिंदी छोटे सुविचार Aaj Ka Panchang कवि शैलेंद्र आनंद
Extraterrestrial life हिंदी छोटे सुविचार Aaj Ka Panchang कवि शैलेंद्र आनंद
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green-leaves विश्च हिन्दी दिवस 10 जनवरी ©Zindgi Ka Safar # priyaa #GreenLeaves सुविचार इन हिंदी हिंदी छोटे सुविचार बेस्ट सुविचार
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a-person-standing-on-a-beach-at-sunset good morning🌞🌞 have a nice👍 day ©Munni Devi #SunSet बेस्ट सुविचार हिंदी छोटे सुविचार
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read moreShailendra Anand
रचना दिनांक,1, दिसंबर 2024,, वार रविवार समय सुबह पांच बजे ्््भावचित्र ्् ््निज विचार ्् ््शीर्षक ्् ्््आंतकवाद क्या है और वह किस अंन्दाज में फलता फूलता है,, उस पर देश और दुनिया भर में एक अंकूश बहुत जरूरी प्रयास होना , मानव सभ्यता संस्कृति के लिए सम्पूर्ण विश्व में सबसे अधिक प्रभावित करती है निजविचार ्््््् प्रिय मित्र,, सादर वन्दे, आंतकवाद किसे कहते हैं ्् आतंक से आत्ममंथन तक सामान्य रूप से जोअपराध अपराधी के चाल चरित्र से जो चौकस रहते मुस्तैद होकर लक्ष्य विद्रोह ,खौफ, भय, दहशत, मानव जीवन में जिसने भी फैलाया उसका तात्कालिक मकसद अराजकता और दमनकारी और अपने धर्म और नीति नियत पर अक़ामकता से घात प्रतिघात संघर्ष का रुप धारण जिस किसी का विरोध करने वाले राजसत्ता विरोध ही जनमानस में खतरा बन जाना ही आतंकवाद कहते हैं ।। जो उस अपराध में डुबता है वह आतंकवादी कहलाता है ।। अपराधी सिर्फ अपराधी होता है।। माना कि एक वर्ग विशेष समुह के लोग अधिकांश देश भक्त होते हैं।। ठीक विपरीत एक वर्ग विशेष समुह समाज का के लोग विश्व में अधिकांश साम्यवादी विचारधारा आक़ोश खौफ दहशत के साथ और समर्पित होकर अपने कर्म लक्ष्य पर मर मिट जाता है।। यही जस्बा विद्रोह बन जाता है।। वही आगे चलकर अफगानिस्तान में शासक वर्ग बनकर राष्ट्र संघ द्वारा आयोजित देश का अंग बन जाता है।।््् ््््््निजविचार ््् ््् यह प्रक्रियाओं से जन्मा विचार सच में एक त्रासदी है ् ््कवि शैलेंद्र आनंद ्् 1, दिसंबर 2024 कवि शैलेंद्र आनंद,, 1,, दिसंबर 2024,, ©Shailendra Anand मोटिवेशनल कोट्स समस्याओं पर कवि शैलेंद्र आनंद
मोटिवेशनल कोट्स समस्याओं पर कवि शैलेंद्र आनंद
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रचना दिनांक 25,, नवम्बर 2024,, वार। सोमवार समय सुबह पांच बजे ्््भावचित्र ्् ््््छाया चित्र में सिनहरियो में झिलमिलाते तारे सितारे एक अलग ही सुन्दर अपनी बात को लेकर खुश हो प्यारा सा जीवन में कुछ भी कर रहे हैं,, ऐसा प्रतीत होता देख रही है प्रेम मूर्ति प्रेम शब्द से जन्मा विचार सच है ््् निज विचार ्् ्भावचित्र ् ्शीर्षक ् ््दर्द ऐं ग़म पर जमाना हंसेगा, फ़कत अश्क आंखों में हमको छुपाना पड़ा्् कहे तो जाने अंजाने में,, आंखें यूंही बदनाम हो गई ्् प्यार करने वाले खूद ही खुद से,, सवाल जवाब बन गये।।1 ।। जो प्यार नहीं करते है वो प्यार के,, मायने क्या समझेगे।।2 ।। वो बस झुठे किस्से ख्याली पुलाव,, बनाने वाले होते हैं ।।3 ।। जिन्हें किसी की मोहब्बत भरी नज़रों से,, ना था कोई वास्ता ना,ही, कोई रिश्ता नाता, बस वो ग़म ऐं द़र्द पर जिंदगी के मज़ाक उड़ाते हैं।।4 ।। वो लफ्जो का मोल अश्कों का तोल ,, और मेरे प्यारे नयनों में ढलकते अश्कों के छुपने का प्रहर।।5 ।। मेरी मुस्कान मन्द अधर पर ले उड़े होश का आनंद लें,, जो कोमल सा गुलाबी से लाल हो,प्यारी सी जीवन शैली ।।6 ।। शैलेंद्र आनंद की सज गई तस्वीर,, मेरे प्यार की रंगत इस ज़माने में।।7 ।। ्््कवि््शैलेन्द़ आनंद 25,,, नवम्बर,,2024 ©Shailendra Anand Extraterrestrial life ््दर्द ऐं ग़म पर जिंदगी ्््््कवि शैलेंद्र आनंद
Extraterrestrial life ््दर्द ऐं ग़म पर जिंदगी ्््््कवि शैलेंद्र आनंद
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