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Stories related to नज़रें झुकाऊ नजरे उठाओ

Radhe Radhe

नजरे सब कह जाए

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कितना अच्छा होता होगा
जहां दो लोग कुछ भी ना कहे 
और 
नजरे सारी बाते कह जाए 
जय श्री राधे

©Radhe Radhe नजरे सब कह जाए

Diya

#Thinking यह जो #शाम है ना तेरे आने की आहट लाई है, दिलपर मेरे कब्जा कर ....फिर से मुस्कुराई है, खुशी है कि #धीरे-धीरे मेरी सांसों में भर आई

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White यह जो शाम है ना तेरे आने की आहट लाई है,
दिलपर मेरे कब्जा कर ....फिर से मुस्कुराई है,
खुशी है कि धीरे-धीरे मेरी सांसों में भर आई है,
कैसे उससे नजरे मिलाऊं सोच सोच कर मेरी 
आँखें भर आई है,

©Diya #Thinking 
यह जो #शाम है ना तेरे आने की आहट लाई है,
दिलपर मेरे कब्जा कर ....फिर से मुस्कुराई है,
खुशी है कि #धीरे-धीरे मेरी सांसों में भर आई

CHOUDHARY HARDIN KUKNA

स्वामी विवेकानंद जयंती ******************** जागों-जागो उठो मेरे युवाओं आगे कदम मिलकर बढ़ाओ स्वामी जी के पद चिंन्हो फर जीवन अपना नेक बनाओं स

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White स्वामी विवेकानंद जयंती
********************
जागों-जागो उठो मेरे युवाओं
आगे कदम मिलकर बढ़ाओ
स्वामी जी के पद चिंन्हो फर
जीवन अपना नेक बनाओं

सेवा,समर्पण और लगन से
जीवन अपना ही सुधर जाए
स्वामी जी के मूल मंत्र को
जीवन में लाकर सफल बनाओ

स्वामी जी के ओजस्वी जीवन से
जीवन अपना स्वर्ग सा बना लो
नव ज्योति की किरण से अपना
सूरज का तेज मस्तिष्क सजाओ

एक ठोकर से तुम संभल जाओ
चरित्र अपना तुम हीरे सा बनाओ
सत्य कि डगर साहस से  बढ़ाओं
आजीवन सुख से समय बिताओ

कर्म से अपने तेजस्वी बन जाओ
माता-पिता का सम्मान बढ़ाओं
देश के खातिर मजबूत बनाओ
देशभक्ति के लिए फौलाद बनाओं

जो मार्ग से गिर जाते उसे उठाओ
गले लगाकर जीवन उसका बनाओं
विपदाओं के वक्त साहस दिखाओं
आजीवन  विजेयता सब कहलाओं

"उर" से संकल्पित हो जाओ युवाओं
मां भारतीय पुकारती है तुम सबको
विघा ज्योति जगाकर भविष्य बनाओं
सपनों को साकार कर पहचान बनाओं

परसेवा परहित से स्वयं जीवन बनाओं
निर्मल मन से ही पहचान तुम बनाओं
शिखरों कि चोंटी को तुमको है छूना
स्वामी जी की वाणी से जीवन सुधारों
#स्वामी विवेकानंद

©CHOUDHARY HARDIN KUKNA स्वामी विवेकानंद जयंती
********************
जागों-जागो उठो मेरे युवाओं
आगे कदम मिलकर बढ़ाओ
स्वामी जी के पद चिंन्हो फर
जीवन अपना नेक बनाओं

स

theABHAYSINGH_BIPIN

#fog वो हक जताती है कभी-कभी वो हक जताती है कभी-कभी, प्यार जताती है कभी-कभी। डूब जाओगे गहरी आँखों में, पलके झुकाती है कभी-कभी।

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वो हक जताती है कभी-कभी

वो हक जताती है कभी-कभी,
प्यार जताती है कभी-कभी।
डूब जाओगे गहरी आँखों में,
पलके झुकाती है कभी-कभी।

मासूमियत से भर जाती नज़रें,
आँखें झुकाती है कभी-कभी।
जज़्बातों को बयां किए बिना,
बहुत कुछ कह जाती है कभी-कभी।

कितनी गर्मजोशी है अदाओं में,
वो बिजलियाँ गिराती है कभी-कभी।
इशारों में कह जाती है बातें,
पास बुलाती है कभी-कभी।

वैसे गुस्से में लाल हो जाती,
शरमाती भी है कभी-कभी।
बातों में अपनी उलझा कर,
दिल चुराती है कभी-कभी।

इश्क़ का आलम कुछ ऐसा,
कि पास बुलाती है कभी-कभी।
दिल के करीब रहकर भी,
फासले बढ़ा जाती है कभी-कभी।

ख्वाबों में छुपा लेती है खुद को,
हकीकत में दिख जाती है कभी-कभी।
साज़िश सी लगती है ये मोहब्बत,
हद से गुजर जाती है कभी-कभी।

©theABHAYSINGH_BIPIN #fog 

वो हक जताती है कभी-कभी

वो हक जताती है कभी-कभी,
प्यार जताती है कभी-कभी।
डूब जाओगे गहरी आँखों में,
पलके झुकाती है कभी-कभी।

Dar.baar

#leafbook वो मुस्करा कर, मुकर जाते हैं सामने से वो आंखे चुरा कर गुजर जाते हैं, सामने से  हम बात करना चाहते हैं यकीनन उनसे  मुंह फेर कर न

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Unsplash वो मुस्करा कर, मुकर जाते हैं सामने से
वो आंखे चुरा कर गुजर जाते हैं, सामने से 

हम बात करना चाहते हैं यकीनन उनसे 
मुंह फेर कर निकल जाते हैं, सामने से 

एक वो शख्स ही जो हमे बहुत भाता है 
यूंतो कही हसीन चेहरे गुजरते हैं सामने से 

कोई वजह है क्या हमसे आखें चुराने की
क्यों नजरे चुराकर गुजर जाते हैं, सामने से

©Parmeshwar gujjar Parm #leafbook वो मुस्करा कर, मुकर जाते हैं सामने से

वो आंखे चुरा कर गुजर जाते हैं, सामने से 


हम बात करना चाहते हैं यकीनन उनसे 

मुंह फेर कर न

theABHAYSINGH_BIPIN

#Thinking वयां करती है कभी इश्क़, कभी रंज, मेरे दर्द से आँखें चार नहीं करती। नज़रें मिले तो मुड़ जाए कहीं, वो अब मेरे साथ नहीं चलती। स्टेट

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White वयां करती है कभी इश्क़, कभी रंज,
मेरे दर्द से आँखें चार नहीं करती।
नज़रें मिले तो मुड़ जाए कहीं,
वो अब मेरे साथ नहीं चलती।

स्टेटस से बयाँ करती है अपना दर्द,
वो मुझसे अब प्यार नहीं करती।
जो कहती थी, "सात खून माफ़ तेरे",
गलती पर अब आँखें चार नहीं करती।

कसती है अपने शब्दों से मुझपे तंज,
सीधे-सीधे अब मुझसे कुछ नहीं कहती।
बयाँ करती है मुझसे अपने रंज सभी,
वो आँखों से कत्ल-ए-आम नहीं करती।

©theABHAYSINGH_BIPIN #Thinking 
वयां करती है कभी इश्क़, कभी रंज,
मेरे दर्द से आँखें चार नहीं करती।
नज़रें मिले तो मुड़ जाए कहीं,
वो अब मेरे साथ नहीं चलती।

स्टेट

s गोल्डी

कभी सोचता हूं कैसे नजरे मिला पाऊंगा अपने दोस्तों से.. जिनको मैं सीना ठोकर कहता था कि मेरी वली मुझे से ही शादी करेंगी...!💔😥

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कभी सोचता हूं कैसे नजरे मिला पाऊंगा अपने दोस्तों से..
 
 जिनको मैं सीना ठोकर कहता था कि मेरी वाली सबसे अलग है...!
💔😥

©s गोल्डी कभी सोचता हूं कैसे नजरे मिला पाऊंगा अपने दोस्तों से..
 
 जिनको मैं सीना ठोकर कहता था कि मेरी वली मुझे से ही शादी करेंगी...!💔😥
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