Nojoto: Largest Storytelling Platform

New बावरा मन देखने चला एक सपना lyrics Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about बावरा मन देखने चला एक सपना lyrics from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, बावरा मन देखने चला एक सपना lyrics.

Parasram Arora

विशिष्ट सपना

read more
Unsplash प्रेम तों बस सपना ही सपना है 
  हा प्रेम अगर मिल जाए तों फिर 
वोसपना एक बिशिष्ट सपना जरूर बन जाता है

©Parasram Arora विशिष्ट  सपना

Vinod Kuma

lyrics 💥

read more

Nilam Agarwalla

#“मन”

read more
Unsplash 
मन तो पापी मतवाला है, नहीं किसी की सुनता है।
क्षणभर के सुख की खातिर जो,गलत राह पर चलता है।
समझाए से नहीं समझता, पछताता फिर जीवन भर 
आंसू बहते रहते दृग से, पल-पल आहें भरता है।।
स्वरचित -निलम अग्रवाला, खड़गपुर

©Nilam Agarwalla #“मन”

Kavi Arya

White मैंने भी एक सपना सजाया था..
 साला..
सपना, सपना ही रह गया...
😢😢😢

©Kavi Arya #sad_quotes #सपना #dream

neelu

#sad_quotes एक बात को मन कर मत बैठिए एक बात को पकड़ कर मत बैठिए

read more
White एक बात को म1न कर मत बैठिए
 एक बात को पकड़ कर मत बैठिए

©neelu #sad_quotes एक बात को मन कर मत बैठिए एक बात को पकड़ कर मत बैठिए

Matangi Upadhyay( चिंका )

एक स्त्री का अंतर मन 🤔 #matangiupadhyay #Hindi

read more
वो पुरुष कभी प्रेम की पवित्रता को समझ नहीं सकते 
जो स्त्रियों को भोग की वस्तु समझते है 
जो दैहिक इच्छाओं की पूर्ति के लिए 
प्रेम करने का नाटक करते है 
वो ताउम्र बस देह तक रह जाते है 
कभी स्त्रियों के अंतर्मन तक पहुँच पाना संभव ही नहीं उनसे..

©Matangi Upadhyay( चिंका ) एक स्त्री का अंतर मन 🤔
#matangiupadhyay #Nojoto #Hindi

Narender Kumar

जलते घर को देखने वालो।

read more

Ritesh Pathak

#Love song❣️ #lyrics

read more

Ajeet Singh

##my song lyrics

read more

Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)

#मन

read more
कद न अंगुष्ट सा 
  मन बैरी दुष्ट सा
       नैनों से नीर ले 
             पैरों को पीर दे 
                चर्म चर्म चीर के.. 
                  आप में संतुष्ट सा 
                      अंग अंग रुष्ट सा... 
                          मन बैरी दुष्ट सा...
         करता मनमानी है 
          आफत में प्राणी है.. 
              इसकी ना मानी तो 
                   काया को हानी है 
                      रोग लगे कुष्ट सा.. 
                          मन बैरी दुष्ट सा..
अवलम्बित देह का 
  स्वारथ के नेह का 
         प्रेरक प्रमेह का
          सत्य में संदेह सा 
             छिन छिन में पुष्ट सा.. 
                 मन बैरी दुष्ट सा..
संगी एकांत का 
     प्यासा देहांत का  
        मृत्यु तक छोड़े ना.. 
           दामन भी तोड़े ना.. 
               उददंड अतुष्ट सा...
                  मन बैरी दुष्ट सा..

©अज्ञात #मन
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile