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Bharat Bhushan pathak
White जाने अकेले में वो किस से बात करती है, पूछुँ तो कहती है आसमाँ से मुलाकात करती है।। ना रात को सोती है वो खुद ही हँसती है, कैसे बताऊँ क्या वो यहाँ हालात करती है। मिरी न सुनती भी है जो कहता हूँ मैं , जवाब देती नहीं है बस सवालात करती है। ना चैन लेती है ना मुझको लेने देती , कहने से अश्कों से बरसात करती है। ©Bharat Bhushan pathak #Moon #ग़ज़लप्रयास#attempttowriteghazal#poetrybasedonthoughts#hindipoetry#nojotohindi#nojotoapp जाने अकेले में वो किस से बात करती है, पूछुँ
Poet Maddy
शायरों की महफ़िल उसको याद करती है, हमेशा उससे मिलने की फ़रियाद करती है......... जब हम पढ़ते हैं ग़ज़ल अपने महबूब पर, उसके बाद तो ये हमारा धन्यवाद करती है.......... ©Poet Maddy शायरों की महफ़िल उसको याद करती है, हमेशा उससे मिलने की फ़रियाद करती है......... #Gathering#Poets#Remember#MeetUp#Read#Gazal#Lover#Thanks......
मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *
Year end 2023 कैसे-कैसो को हमराज़ करती है., अपने लोगो को नाराज़ करती है.....!! तेरे बाद ही हमने ये जाना., के घड़ी "टिक टिक" की आवाज़ करती है...!! ©मुखौटा A HIDDEN FEELINGS #कैसे-केसो #को #हमराज़ करती है., अपने लोगो को नाराज़ करती है.....! तेरे बाद ही हमने ये जाना., के घड़ी "टिक टिक" की आवाज़ करती है...!!
Rameshkumar Mehra Mehra
तेरी जुदाई भी हमें...... प्यार करती है...! तेरी याद बहुत बेकरार करती है...!! बह दिन जो तेरे साथ गुजारे थे..!!! नजरें तलाश उनको बार-बार करती है...... ©Rameshkumar Mehra Mehra # तेरी जुदाई भी हमें,प्यार करती है,तेरी याद बहुत बेकरार करती है,बह दिन जो तेरे साथ गुजारे थे,नजरें तलाश उनको बार-बार करती है...💕
KUNWA SAY
क्यों मदहोश करती है मुझे मौजूदगी तेरी कहीं मुझे तुमसे प्यार तो नहीं हो गया। फोलो करें ©KUNWA SAY #retro क्यों मदहोश करती है मुझे मौजूदगी तेरी कहीं मुझे तुमसे प्यार तो नहीं हो गया।
Alfaaz-E-Sukoon
तुझे लिखूँ कागज़ पे या मिटाऊँ, रख लूं छुपा के सबसे या भूल जाऊँ फिर सोचती हूं देख लूं तस्वीर तुम्हारी और मुस्कुराऊँ ©Alfaaz-E-Sukoon #hugday तस्वीर तेरी अच्छी लगती है....✍️✍️
vikas maurya
वो अपने सपनों को अपनी बेटी में देखा करती है वो रख कर उसको छाँव में खुद को धूप में सेंका करती है लड़ती है पूरी दुनिया से कि एक दिन नाज़ करेगी वो जब बात अगर तेरी हो वो खुद को अनदेखा करती है ©vikas maurya वो अपने सपनों को अपनी बेटी में देखा करती है वो रख कर उसको छाँव में खुद को धूप में सेंका करती है लड़ती है पूरी दुनिया से कि एक दिन नाज़ करेगी