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Dr Nutan Sharma Naval
White चुनावी दोहे सोच समझकर कीजिए,सब अपना मतदान। ऐसा नेता लाइए,बढ़े देश का मान। राष्ट्र उन्नति के लिए,हो कैसी सरकार। वोट दीजिए सब यहां,करके स्वयं विचार। सभी यहां पर भ्रष्ट हैं, कैसे करें चुनाव। सदाचार का देश में, कौन पढ़े प्रस्ताव। खाते माल गरीब का,कहते चौकीदार। खुद ही सब कुछ लूटकर,बना रहे सरकार। खाली जेबें भर रहे,नेता,साहूकार। लोकतंत्र का कर रहे,जनता से व्यापार।। ©Dr Nutan Sharma Naval #चुनावी_मुद्दा दोहे
अदनासा-
Dr Wasim Raja
White तुलसी दास रचित रामचरितमानस की पंक्ति सबको है भाई। हां ''रघुकुल रीत सदा चली आई प्राण जाए पर वचन न जाई''। मानव है सब, ऊंच- नीच के भेदभाव से होती है जग हंसाई। इंसान है इंसानियत हो,धरा पर सब आपस में है भाई भाई। राम नाम जपना पराया माल अपना अंध भक्तों की भीड़ है छाई। सुख शांति समृद्धि के लिए पूरे विश्व में भारत की हो अगुवाई। अस्त्र-शस्त्र चल रहे सर्वत्र, अब ढाई अक्षर प्रेम की बरसात कीजिए रघुराई। दशरथ पुत्र श्री राम के जन्मदिन,रामनवमी की ससको हार्दिक बधाई।। ©Dr Wasim Raja रामनवमी पर समर्पित
Dr Wasim Raja
White तुलसी दास रचित रामचरितमानस की पंक्ति सबको है भाई। हां ''रघुकुल रीत सदा चली आई प्राण जाए पर वचन न जाई''। मानव है सब, ऊंच- नीच के भेदभाव से होती है जग हंसाई। इंसान है इंसानियत हो,धरा पर सब आपस में है भाई भाई। राम नाम जपना पराया माल अपना अंध भक्तों की भीड़ है छाई। सुख शांति समृद्धि के लिए पूरे विश्व में भारत की हो अगुवाई। अस्त्र-शस्त्र चल रहे सर्वत्र, अब ढाई अक्षर प्रेम की बरसात कीजिए रघुराई। दशरथ पुत्र श्री राम के जन्मदिन,रामनवमी की ससको हार्दिक बधाई।। ©Dr Wasim Raja रामनवमी पर समर्पित
अमित कुमार
White इंसान अगर बांध ना बनाए,वो नदियों के जलधारा को मोड़ेगा कैसे । दूसरों से ज्यादा खुद पर भरोशा हो,और कोई अपना दिल तोड़ेगा कैसे।। ©Amit खुद पर भरोशा
Godambari Negi
Autumn खुश्बू बिखरी बाग में, भ्रमर करे गुंजार। जगत नियंता ईश की, महिमा अपरंपार।। भूल कभी जो हो गई, करो उसे स्वीकार। गलती अपनी मान लो, बने सुखी संसार।। ©Godambari Negi #दोहे
Godambari Negi
Autumn विमल हृदय सब का रहे, कृपा रखें श्रीराम। स्वार्थ रहित हो भावना , शीघ्र मिले सुख धाम।। कैसा ये गठजोड़ है, बंध खिसकता रोज। भाग न मनचाहा मिला, करे नई फिर खोज।। ©Godambari Negi #दोहे
dharmik__Ayush
कबीरदास जी कहते है " बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजोर, " पंथी को छाया नहीं फल लागे अति दूर" भावार्थ __ बड़े होने से कुछ नही होता जैसे पेड़ खजोर न ही पक्षी को छाया दे पाता है और फल भी इतने दूर लगे होते है | ©dharmik__Ayush #wholegrain #कबीरदास #कबीर के दोहे
Nilam Agarwalla
देश के लिए कुछ करूं, मन में जागी चाह। चाहे कोई कुछ कहे, तनिक नहीं परवाह।। दोस्तों के लिए जिऊं,मन में जागी चाह। हर गम मैं उनका सहूं, कभी ना भरूं आह।। ©Nilam Agarwalla दोहे