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DKJaroriya
1 st part._वो भी क्या दिन थे जब हम आपके अभिन्न थे सोचते थे की अब कभी दूर नही होंगे आपसे कोई छोटी सी बात से या बिना बात के बताता हु तुम्हे की क्या मेरे प्यार की शुरुआत थी तेरी हर छोटी छोटी बात मुझे आज भी याद थी वो स्वतंत्रता दिवस का उत्सव था ड्रेस तुम्हारी काली थी रंग इतना गोर था और कानो मे बाली डाली थी उस दिन हमने आपको पहली बार देखा था बस उसी वक्त मैं आपको अपना दिल दे बैठा था यही है यही है वो, मेरे दिल का बस यही कहना था तुम पसंद हो मुझे बस एक बार तुमसे यही कहना था बाकी तो सब बहाने थे हमे तो आपके दिल मे रहना था कैसे बढाउ नजदीकिया तुमसे हर पल बस यही सोचता था काश मैं आपकी क्लास मे होता हमेशा अपनी किस्स्मत को यू ही कोसता था ,,to be continue वो भी क्या दिन थे
Anil Rameshwar
कभी हँसके तो कभी गुस्से में भी प्यार जताया करते थे, सबसे हाथ मिलाके प्यार से उनको यार बनाया करते थे, कभी साथ साथ घूमने की मस्तियो से लेकर रुठने तक की बातो तक , सब बातों को मन में बैठा कर पूरे जीवन भर याद रहने वाली यादे बनाया करते थे।। ©Anil Rameshwar #वो भी क्या दिन थे
Arora PR
वो भी क्या दिन थे. ज़ब हम भी यारों क़ी महफिल मे शिरकत करते थे फिर वक़्त क्या बदला कि सब कुछ. बदल गया आज हम अपने बिस्तर पर पड़े पड़े या तो आसमान के तारो से मुख़ातिब होते है.. याफिर अपनी मंद होती हुई साँसो क़ो गिनते है ©Arora PR वो भी क्या दिन थे
ranjit Kumar rathour
कितनी खूबसूरत थी ये दुनिया क्यों लोग आज लड़े पड़े है जो अटक गया था पतंग मेरा सब के मिल भिड़े पड़े थे न कोई छोटा न बड़ा था कोई मदद को सब खड़े पड़े थे बना दो फिर से मुझको बच्चा बेवजह हम बड़े हुए थे बुला दो उसको तु पास मेरे जो जाके भूले मुझे पड़े है आओ अब तो घर भी आओ खेत मेरे सुने पड़े है सभी यार एक बार चले फिर से वो पेड़ अब भी खड़े पड़े है आना तू बच्चों के संग घर जब उसे बताएंगे वो कहानी जो तेरे मेरे जेहन में पड़े है बताएंगे उसको हम भी कितने शरारतों के संग पले बढ़े है डरता हूँ फर्क न दिख जाए तेरा वो शहर में पला बढ़ा है तेरा वो शहर में पल बढ़ा है कितनी खूबसूरत थी वो दुनिया लोग आज हर जगह लड़ा पड़ा है ©ranjit Kumar rathour वो भी क्या दिन थे #poetry month
Srivastava Rajti
बचपन के भी वो क्या दिन थे, सुबह उठकर खेलना, फिर मम्मी की फटकार खाकर स्कूल के लिए तैयार होना। दोपहर में घर आते ही बैग रखकर दोस्तो के साथ खेलना🏌️🏌️। फिर आकर खाना खाना और टीवी पर कार्टून देखना । और लास्ट में होमवर्क करना । वो दिन बहुत याद आता है।😟😟 ©Srivastava Rajti #Tanhai वो भी क्या दिन थे। #Childhood #mummy #FatherLove