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Ganesh Bihari

वहीं अमर कहलाते हैं #कविता

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pramod malakar

#हम हिन्दू कहलाते हैं।

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हम हिन्दू कहलाते हैं 
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हम हैं भारत वासी , हम हिंदू कहलाते हैं ।।
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई , हम भाई बन जाते हैं ।
हम सब हिंदू कहलाते हैं ।।
हम हैं मन मौजी , जापान हो या सऊदी,
हम हिंदू से पहचाने जाते हैं ,
हम हिन्दू कहलाते हैं ।।
लाखों वर्ष पुराना है इतिहास हमारा ,
दुनिया को हम जगाते हैं ,
धर्म एक है सनातनी ,
यह दुनिया को हम समझाते हैं ।
हम हिन्दू कहलाते हैं।।
ब्रह्माण्ड का रूप हमने है समझाया ,
चांद और सूरज का दूरी , हमने है बतलाया ,
ईश्वर निराकार और अनंत है ,
इस्लाम और ईसाई धर्म नहीं पंथ है।
हम हैं सनातनी दुनिया में हम पहचाने जाते हैं....
हम सब हिंदू कहलाते हैं ।।
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प्रमोद मालाकार की कलम से
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©pramod malakar #हम हिन्दू कहलाते हैं।

Simran Simar

महादेव अर्द्धनारीश्वर कहलाते हैं।। #Shayari

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KRISHNA KUMAR

चल आ बाजीगर कहलाते हैं।

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🙏आ हारी बाजी फिर से जीत दिखाते हैं,🙏                                                                                                                                                                        कुछ कायर लोगों को साथ लेकर, गलियों में कहते फिरते हो।                                                                                 हो तु बड़ा खिलाड़ी हो,तु इस क्षेत्र का बादशाह।                                                                                              कभी हाथो में हथियार लेकर ,                                                                                                                                 तो कभी दूसरों को गाली देकर यूंही डराते हो।                                                                                                           पर ये बात समझ नहीं आता है तुम ये कौन सी बादशाहत दिखाते हो।                                                                   किसी की मां,बहन , बेटी पर भी हाथ उठाते हो।                                                                                                 कायर ना कहूं तो क्या कहूं तुझे,                                                                                                                     पहले भी तो एक जंग छोड़कर तुम भाग आए थे।                                                                                                   बोलो अपने सच्चे ह्रदय से क्या तुम्हें तुम्हारे माता-पिता हाथो में हथियार ही थमहाये थे ?                                                                                     तुमने उस कलम की भी उपहास उड़ाया है।                                                                                                      जिसने पुरी दुनिया बदल दिखाया है।                                                                                                                   अब तु यही बोलोगे मेरा मन नहीं लगता था कलम चलाने में।                                                                                पर  ये तु नहीं तेरे मन ने ये करवाया है।                                                                                                                  मत बन तु इस मन का गुलाम, इसने बहुतो को भरमाया है।                                                                               अभी भी मौका है तेरे पास बाजीगर कहलाने की,                                                                                        हारी हुई बाजी फिर से जीत दिखाने की।                                                                                                               अगर तुम ऐसा नहीं कर पाओगे हजारों अंगुलियों को काट कर भी,                                                                      एक दिन अंगुलिमाल जैसे ही किसी संन्यासी  के चरणों में गिर जाओगे।                                                                   हां,मैं जानता हूं तुम्हे शान            से जिने की आदतें हैं।                                                                                                      तो जियो शान से,पर अपने जीवन का पहली बाजी जीत कर दिखा।                                                                         और फिर बाजीगर कहला।               🙏🙏🙏                                                                                  by            Krishna         (k.b.w) चल आ बाजीगर कहलाते हैं।

Future Writer

व्यंजन #विचार

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स्वादिष्ट व्यंजन ग्रहण करना 
संसार का मुख्य सुख है।
आत्मा भी तृप्त हो जाती 
मात्र नही यह मुख-सुख है।

©Future Writer व्यंजन

कुलदीप सभ्रवाल

#moonlight कुछ लोग बेवफा कहलाते हैं....3337💐 #शायरी

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कुछ लोग बदल जाते हैं,
और कुछ लोग बदल दिये जाते है,
 फर्क बस इतना सा ही है इन बातों में,
कि यहां वफादार होकर भी, 
कुछ लोग बेवफा कहलाते हैं,
💐(दीप...3337)💐 #moonlight कुछ लोग बेवफा कहलाते हैं....3337💐

Rashid Moradabadi

ऐसे शख्स ही तो सुल्तान जौहर कहलाते हैं।

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Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma

व्यंजन माला #SaawanAaya #जानकारी

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Dr. Shivani❤dreams

#HappyDaughtersDay2020 तब जाकर हम एक अच्छी लड़की कहलाते हैं!!!

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हर एहसास को दिल में लाकर फिर उसमें ही दफन कर जाते हैं,,
तब जाकर हम एक अच्छी लड़की कहलाते हैं,,,
बेरूखी जब हम अपनों की हँसते-हँसते सह जाते हैं,,
शिकवा-गिला तो दूर यें जुबान जब 'उफ' तक भी नहीं कर पाते हैं,,
तब जाकर हम एक अच्छी लड़की कहलाते हैं,,
मायके में पापा भैया की बात को जब दिल से नहीं लगाते हैं,,
और ससुराल में पति के ताने भी मुस्कुरा कर झेल जाते हैं,,
तब जाकर हम एक अच्छी लड़की कहलाते हैं,,
कुछ सपने लेकर जब हम मायके से ससुराल जाते हैं,,
सपनों से लेकर जब हम खुद भी पूरी तरह बदल जाते हैं,,
तब जाकर हम एक अच्छी लड़की कहलाते हैं,,
नहीं कोई मोल यहाँ औरत के त्याग का,,
नहीं कोई कदर यहाँ औरत के जज़्बात का,,
नहीं कोई इज्जत यहाँ औरत के बलिदान का,,
जब हम अपने ख्वाहिंशों की खुद ही पंख कतर कर उसकी उड़ान पर लगाम लगाते हैं,,
तब जाकर हम एक अच्छी लड़की कहलाते हैं!!! #HappyDaughtersDay2020 तब जाकर हम एक अच्छी लड़की कहलाते हैं!!!

Mr.Poet

wod चौथा स्तम्भ धूप में छांव में हम बरसात में भी खड़े रहते हैं, कलमवाले हैं हम इसलिए चौथा स्तम्भ कहलाते हैं। भूख प्यास को भूलकर हम सबको दिन #कहानी

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कलम हिंदी पत्रकारिता दिवस पर सभी पत्रकार साथियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं...!

हिंदी पत्रकार दिवस के अवसर पर पढ़िए पत्रकार ने लिखी पत्रकारो की कहानी...
👇👇👇👇 #wod चौथा स्तम्भ

धूप में छांव में हम बरसात में भी खड़े रहते हैं,
कलमवाले हैं हम इसलिए चौथा स्तम्भ कहलाते हैं।
भूख प्यास को भूलकर हम
सबको दिन
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