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Rohit
White inme ye 😝kitne hai 😛😛😛😛😛😛😛😛😛😛😛😛😛 😛😛😛😛😛😛😛😛😛😛😛😛😛 😛😛😛😛😛😛😛😛😛😛😛😛😛 😛😛😛😛😛😛😛😛😛😛😛😛😛 😛😛😛😛😝😛😛😛😛😛😛😛😛 😛😛😛😛😛😛😛😛😛😛😛😛😛 comment me btaye.......... ©Rohit #World_Emoji_Day #Emoji #Question #Mind #Test
#World_Emoji_Day #Emoji #Question #Mind #Test
read moreSchizology
Question Maybe it's bullshit Maybe it's a lie But whatever it is It's been worth the time If it isn't forever And the end is in sight Kill me before then Because it's too good to fight ©Schizology This is one of my oldest poems Going back thirty years maybe ©Schizology Question #poem✍🧡🧡💛
Question poem✍🧡🧡💛
read moreSchizology
Question Maybe it's bullshit Maybe it's a lie But whatever it is It's been worth the time If it isn't forever And the end is in sight Kill me before then Because it's too good to fight ©Schizology Question #poem✍🧡🧡💛
Question poem✍🧡🧡💛
read moreAnkita Tiwari
Unsplash जरूरी नहीं है हर सवालों का जवाब बोलकर ही दिया जाए, कुछ सवालो के जवाब शांत रहकर भी दिए जाते हैं।। ©Ankita Tiwari #library #Quote #jawab #Life #Question
sakhi_1310
White मै सोचती बहुत हु तुम मुझे शांत कर पाओगे क्या मै उदास बहुत रहती हु तुम मुझे खुश रख पाओगे क्या मै गुस्सा बहुत जल्दी करती हु तुम सहन कर पाओगे क्या मै रोती बहुत हु तुम मुझे संभाल पाओगे क्या मै चीजों की बहुत शौकीन हु तुम नखरे उठा पाओगे क्या मै हर मुश्किल में अकेले होती हु तुम साथ दे पाओगे क्या मै बीमार बहुत रहती हु तुम ख्याल रख पाओगे क्या मै गलतिया बहुत करती हु तुम माफी माँग पाओगे क्या मुझे सर्दी बहुत लगती है तुम कंबल ओढ़ा पाओगे क्या मुझे खाना पीना बहुत पसंद है तुम मेरे लिए खाना बना पाओगे क्या मुझे घूमना बहुत पसंद है तुम घुमा पाओगे क्या ©sakhi_1310 #Question
Baljeet Singh
White उठो जागो और प्रयास करो तब तक करते रहो जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाए, बदलाव क्षणों में होता है। ©Baljeet Singh उठो जागो।
उठो जागो।
read moreShashi Bhushan Mishra
बस इतने में हांफ रहे हो, डर से थर-थर कांप रहे हो, मारे जाओगे एक दिन सब, आस्तीन के सांप रहे हो, रंग बदलने में तुम माहिर, गिरगिट के भी बाप रहे हो, सिर्फ़ सियासत धर्म-कर्म है, फूंक दिया घर ताप रहे हो, पोल खुली तो बिल में दुबके, तुम कब रस्ता नाप रहे हो, पढ़े-लिखे भी बैल बुद्धि ही, लगते झोलाछाप रहे हो, भूंक रहे अपनी गलियों से, कभी तो लल्लन टाप रहे हो, 'गुंजन' घड़ा फूटना तय था, अबतक भरते पाप रहे हो, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra #बस इतने में#
#बस इतने में#
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