Find the Latest Status about in mahabharat father of satyasen from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, in mahabharat father of satyasen.
sarika
इस से ज्यादा खुशी की बात क्या हो सकती हैं जब कोई कहें कि बेटी बिल्कुल अपने बाप पर गई हैं ©sarika #father
#कहेंगे ना...
मध्यवर्गीय पिता... महंगाई के इस बाजार से कुछ लाता हूँ, अपने बच्चों में बांट के शर्माता हूँ। ©#कहेंगे ना... Father
Father
read moreKiran Pawara
बिना मांगे देते आ रहा है सब कुछ …. वो बाप है मेरा …. आज वक्त ऐसा है की वो मांग ले कुछ …… और मै दे दु उसे अपनी जिंदगी भी…. बस वो मांगता नहीं… शायद इसीलिये बाप तो बाप ही है …. ©Kiran Pawara #father
Muneendra Garapati
"A father's love is a steadfast compass, guiding us through uncharted waters, teaching us resilience with every challenge, and instilling in us the courage to chase our dreams." ©Muneendra Garapati Father Love #father #FatherLove #Father❤
Father Love #father #FatherLove #father❤
read moreusFAUJI
पिता कितनी ही बार हार जाएं लेकिन अपने बच्चों की जीत के लिए अपनी पूरी ज़िन्दगी लगा देता है। ©usFAUJI Father Love #father #पिता #Life
Shaurya Pratap Singh
“Every father should remember one day his son will follow his example, not his advice.” ©Shaurya Pratap Singh #FATHER # Son
#father # Son
read moreAvinash Jha
कुरुक्षेत्र की धरा पर, रण का उन्माद था, दोनों ओर खड़े, अपनों का संवाद था। धनुष उठाए वीर अर्जुन, किंतु व्याकुल मन, सामने खड़ा कुल-परिवार, और प्रियजन। व्यूह में थे गुरु द्रोण, आशीष जिनसे पाया, भीष्म पितामह खड़े, जिन्होंने धर्म सिखाया। मातुल शकुनि, सखा दुर्योधन का दंभ, किंतु कौरवों के संग, सत्य का कहाँ था पंथ? पांडवों के साथ थे, धर्म का साथ निभाना, पर अपनों को हानि पहुँचा, क्या धर्म कहलाना? जिनसे बचपन के सुखद क्षण बिताए, आज उन्हीं पर बाण चलाने को उठाए। "हे कृष्ण! यह कैसी विकट घड़ी आई, जब अपनों को मारने की आज्ञा मुझे दिलाई। क्या सत्य-असत्य का भेद इतना गहरा, जो मुझे अपनों का ही रक्त बहाए कह रहा?" अर्जुन के मन में यह विषाद का सवाल, धर्म और कर्तव्य का बना था जंजाल। कृष्ण मुस्काए, बोले प्रेम और करुणा से, "जो सत्य का संग दे, वही विजय का आस है। हे पार्थ, कर्म करो, न फल की सोच रखो, धर्म की रेखा पर, अपना मनोबल सखो। यह युद्ध नहीं, यह धर्म का निर्णय है, तुम्हारा उद्देश्य बस सत्य का उद्गम है। ©Avinash Jha #संशय #Mythology #aeastheticthoughtes #Mahabharat #gita #Krishna #arjun
#संशय Mythology #aeastheticthoughtes #Mahabharat #gita #Krishna #arjun
read more