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New इथे बस रे मोरा Quotes, Status, Photo, Video

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Amrut Sonwane

जग हे सारे स्वार्थी रे..... कोणीच नाही इथे कोणाचे

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The world is all selfish
 and nobody here जग हे सारे स्वार्थी रे..... कोणीच नाही इथे कोणाचे

M R Mehata(रानिसीगं )

#WoRasta बस चलते जाना रे #प्रेरक

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AVINASH SINGH

#मोरा बेटवा ##

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जीवत है वैसे जिव जीव यह यहां के  सारे....
जीना ऐसे तू  की नाम  लेट लोग तेरो बार -  बारे .... ##मोरा बेटवा ##

Random quotes Swati

# चंचल-मन-मोरा

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मन मोरा है बहुत चंचल  
इक जगहो टिको ना पाय,
ज्यादा पाने की चाह में , 
इधर-उधर भटकत जाय।  # चंचल-मन-मोरा

KUNWA SAY

दीवाना पन मोरा # #Shayari

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Tarakeshwar Dubey

मोरा पीय #Rose #कविता

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मोरा पीय
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मोरा पीय मोह से बोलत नाहीं।
जाने न काहे रूठे बैठे हैं, घुंघट पट खोलत नाहीं।
सोरह श्रृंगार, सजाई सेजरिया, पर मुंह फेरत नाहीं।
नैनन मे भरी-भरी कजरवा, तनिको पर चितवत नाहीं।
हाथ में मेंहदी, पांव महावर, कौनो रंग भावत नाहीं।
माथे पे बिंदिया, अधर गुलाबी, हिय हरसावत नाहीं।
रूठे बैठे हैं कबहिं से, भेद जिय खोलत नाहीं।
तन्हाई मे बीत गयो रैना, निंदिया आवत नाहीं।
“मृत्युंजय” जरा चेत कराओ, मोहि से मानत नाहीं।

© मृत्युंजय तारकेश्वर दुबे।
कोलकाता.
📞 ९८३१०१२९६७.

©Tarakeshwar Dubey मोरा पीय

#Rose

Tarakeshwar Dubey

मोरा गांव #WatchingSunset #कविता

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मोरा गांव

ए बंधू चलबो अब हम गउंआ डगरिया,
मत भरमाओ हमका।

रोहिणी में बरसेला चानी अस बूंदवा,
मृगशीषवा दमके दाह।
आदरा में चमकेले नागिनी बिजूरिया,
खेतवा में लहरेला धान।
डरिया पर कुहूंके काली रे कोयलिया,
बगिया में टपकेला आम।
चल रे बटोहिया देखाईं तोंहे मोरा गांव,
जहवां बसेला मोर प्रान।
ए बंधू चलबो अब हम गउंआ डगरिया,
मत भरमाओ हमका।

जेठवा त धधकेला दिनवा दूपहरिया,
छहरेला भरल आषाढ़।
सवनवा लहरे लोग बाबा के दूअरिया,
दूधवा चढ़ावेले अगाध।
भादो में चम चम चमके रे बिजूरिया,
कान्हा जनमे आधी रात।
कुअरवा गमकेला माई के दूअरिया,
होखेला घर घर जगरात।
ए बंधू चलबो अब हम गउंआ डगरिया,
मत भरमाओ हमका।

खेतवा त पहिरेली धानी रे चुनरिया,
नहरिया उठेले हिलोर।
नीमिया के झूरु झूरु झूलेले पतइया,
सूहूताले मजूर कठोर।
महूअवा, इमीलिया, उख, अमरुधिया,
बड़हर, कटहर, टिकोढ़।
सूरुज बाबा लागे धन बा जवनियां,
चांदनी बरसावेली इंजोर।
ए बंधू चलबो अब हम गउंआ डगरिया,
मत भरमाओ हमका।

पीपरा पर पीहूकेला पीहू पीहू पपीहवा,
बगिया नाचेला मन मोर।
निरमल निरखेला शिवजी के पोखरवा,
होखे जमात सांझ भोर।
वहूरा तीज सखी सब झूलेली बगीचवा,
निरखे श्याम चित चोर।
चल ए सखी चली सब भृगुजी मंदिरवा,
मनवा भइल बा विभोर।
ए बंधू चलबो अब हम गउंआ डगरिया,
मत भरमाओ हमका।

©Tarakeshwar Dubey मोरा गांव

#WatchingSunset

Dinesh Kashyap

#मन मोरा बावरा #Poetry

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Bh@Wn@ Sh@Rm@

#कोन् लागे मोरा ❤️ #ज़िन्दगी

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KK Mishra

मोरा मन दर्पण कहलाए

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 मोरा मन दर्पण कहलाए
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