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अश्लेष माडे (प्रीत कवी )
तुम्हे दिल्लगी भूल जानी पडेगी मोहब्बत के राहों में आकर देखों.. तुम्हे दिल्लगी भूल जानी पडेगी कभी दिल किसीसे लगाकर तो देखो... ©अश्लेष माडे (प्रीत कवी ) फक्त तुझ्यासाठी फक्त प्रेम वेडे
फक्त तुझ्यासाठी फक्त प्रेम वेडे
read moreAdv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)
हम भूल गये अपने घर को भगवान तुम्हारा क्या होगा जब मोह की निद्रा सोये रहे सम्मान तुम्हारा क्या होगा हम खोज रहे सुःख भोगों में सच्चे सुःख की पहचान नहीं पापों से धसते जाते हैं पुण्यों को इक सोपान नहीं इस स्वारथ में जीने वाला इंसान तुम्हारा क्या होगा जीवन में धन दौलत चाहा दौलत के मद में फूल गये जिहव्या के रस तो भोग लिये बस ध्यान तुम्हारा भूल गये तन मन को नर्क बना डाला अब भान तुम्हारा क्या होगा हम आलस को आराम कहें हे राम न मुख से आता है ये काया माया के बंधन कब छोड़ इन्हें मन पाता है सुःख दुख की चिंता भारी है गुणगान तुम्हारा क्या होगा ©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) #राम भजन
#राम भजन
read moreTushar pagar
Unsplash एकच अनमोल स्वप्न माझ माझ्या पासून कोणी तरी चोरुन नेल तुज्या सोबत जगायच स्वप्न आत्ता स्वप्नच राहुन गेल... हो घालवलेले ते क्षण आठवतात अजून मला तु जवळ नसून ही जवळ असल्याचा भास होतोय मला... किती आठवु त्या दिवसांना डोळ्यातल पाणी ही आत्ता संपून गेलं तुज्या सोबत जगायच स्वप्न आत्ता राहुन गेलं... ©Tushar pagar #lovelife मराठी प्रेम कविता फक्त तुझ्यासाठी
#lovelife मराठी प्रेम कविता फक्त तुझ्यासाठी
read moreNarendra kumar
साहस भरो प्रभु संघर्ष करूं। नित्य तेरा नाम उत्कर्ष करूं। गाऊं महिमा सदा तेरे नाम का। तेरा ध्यान धरूं तेरा नाम करूं। प्रेम भरों प्रभु जन सेवा करूं। फैलाऊं तेरा कृति तेरा स्तुति करूं। कर्मठ बनु सत्य कर्म करूं। सहास भरो प्रभु संघर्ष करूं। ©Narendra kumar भक्ति भजन
भक्ति भजन
read moreAdv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)
मुझे हो गया भरोसा तुझको ख़बर है मेरी मैं चाहे भूल जाऊँ तुमको फिकर है मेरी अहसास बनके मेरे दिल में करो बसेरा दीदार की पिपासा शामो सहर है मेरी होता है जब अँधेरा तुम बनते हो उजाला तुझको न देख पाती पापी नज़र है मेरी अपना तो न ठिकाना सारे जहाँ में कोई तेरे ही आसरे से चलती गुजर है मेरी जाने क्या हाल होता दर दर की ठोकरों से तूने संभाला जब से घर घर कदर है मेरी अब तक तो थामे रख्खा आगे भी थाम लेना भव से लगा किनारे नैया भँवर है मेरी पहला ही नाम तेरा मेरी जुबाँ पे आये तेरे चरण की दासी सारी उमर है मेरी ©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) #श्रीकृष्ण भजन
#श्रीकृष्ण भजन
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