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manoj kumar jha"Manu"
प्रियो भवति अद्वेष्टा द्वेष न करने वाला सबका प्रिय होता है। (स्कन्दपुराण, श्रावण मास महात्म्य) प्रियो भवति अद्वेष्टा द्वेष न करने वाला सबका प्रिय होता है। (स्कन्दपुराण, श्रावण मास महात्म्य)
Rajesh Srivastava
तीन शूल के तीन गुण, तीनों शिव आवास। रजो तमो या हो सतो, प्राणी इनका दास।। चिता भस्म का लेप कर,करते शिव शृंगार। हर प्राणी को ज्ञात हो,यही सत्य आधार।। बैल धर्म का मूल है,सदा दिखाता मार्ग। कर्म यहाँ पर साधिए,चले सभी सन्मार्ग ।। सर्प काल का चिन्ह है,लेता है जो भांप। मृत्यु अटल इक सत्य है,नहीं करे संताप।। भुवन चतुर्दश व्यापकता,डमरु ध्वनि का नाद। होता है शिव शक्ति से,जन्म मृत्यु अवसाद।। सृष्टि के कल्याण में,करते विष का पान। नीलकंठ कहला गए,रहा जगत अनजान।। ©Rajesh Srivastava #mahashivratri शिव महात्म्य
Muktak kavya manch
रातें बदलती हैं और बदलते हैं दिन। यहां हर चीज बदलती हैं इक दिन।। मैने किलकारियों को शब्दों में बदलते देखा। मैने कई परायों को अपनों में बदलते देखा।। जो भी खड़े किये हैं घमंड के परकोटे, वो भी खंडहर होते देखे हैं इक दिन। यहां हर चीज...................।। कभी कुछ सपने भी बदलते हैं। तो कई दफा अपने भी बदलते हैं।। मैने यहां बदलता हर मंजर देखा हैं। अपनों के हाथों में भी खञ्जर देखा हैं।। जो सांसो के साथ धड़कती हैं हर दिन, यहां वो धड़कन भी बदलती हैं इक दिन। यहां हर चीज..................... ..........।। छोटी सी आंखों में समन्दर देखा हैं। कभी मासूम चेहरों में बवण्डर देखा हैं।। किसी को दिल से अमीर तो किसी को गरीब देखा हैं। अपनों को दूर जाते तो दुश्मनों को करीब देखा हैं।। जिस पर खुद से भी ज्यादा भरोसा हो, वो शख्स भी बदल जाता हैं इक दिन। यहां हर चीज......................।। कभी आदत बदलती हैं कभी फितरत बदलती हैं। बदलता हैं जमाना जब तभी कुदरत बदलती हैं।। इस बेईमान जमाने की जद में। बचकर रहे जो ईमान की हद में।। ठोकर खाकर जो संभले, वही तकदीर बदलती हैं इक दिन। यहां हर चीज.................।। ✍️कवि- पुरूषोत्तम शर्मा ©Purushottam Sharma कवि-पुरूषोत्तम शर्मा #Drops
Deepak bisht
उनकी कया महानता, विशेषता बतलाएं इस दुनिया में रावण तो बहुत है, पर कोई एक हमे पुरुषोत्तम राम बनके दिखलाए ।🙏 पुरूषोत्तम राम 🙏#Nojotoofficial
Archana Chaudhary"Abhimaan"
लोग कहते है बहुत जिंदादिल हूं मैं लेकिन जिंदादिली के पीछे का दर्द नही दिखता लोग कहते है मुझे फर्क नहीं पड़ता लेकिन मेरे तन्हा रह जाना नही दिखता। लोग कहते है बहुत मजबूत हूं मैं लेकिन मेरे अंदर का टूटा अक्स नही दिखता। लोग कहते है बड़ी खुशनसीब हूं मैं लेकिन मेरे खुशनसीबी की कीमत नही दिखती। लोग कहते है बहुत आत्मनिर्भर हूं मैं लेकिन मेरे रास्ते के कांटे नही दिखते। औरत होना क्या मेरा गुनाह है जो लोग रौंद जाते मेरे ख्वाइशो को। कोई खिलौना तो नही मैं,जो दर्द नही होगा, इंसान हूं हाड़ मांस की, गुड़िया नही। जो मुझको फर्क नहीं पड़ेगा। #हाड़ मास
Rising लेखक
ॐ वन्दे देव उमापतिं सुरगुरुं.. वन्दे जगत्कारणम् !! वन्दे पन्नगभूषणं मृगधरं.. वन्दे पशूनां पतिम् !! वन्दे सूर्य शशांक वह्नि नयनं.. वन्दे मुकुन्दप्रियम् !! वन्दे भक्त जनाश्रयं च वरदं.. वन्दे शिवंशंकरम् !! #हर-हर महादेव🚩🌼 ©Rising लेखक #"सावन मास 2022