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Kiran Chaudhary
green-leaves एक एक करके सब छोड़ गए मुझे, और, मैंने भी अब खुदको अकेला कर दिया।। ©Kiran Chaudhary एक एक करके सब छोड़ गए मुझे..
एक एक करके सब छोड़ गए मुझे..
read moreAnamika Raj
White तक़दीर ने जैसे चाहा वैसे ढल गए हम बहुत संभल कर चले फिर भी फिसल गए हम! किसी ने भरोसा तोड़ा तो किसी ने दिल... और लोगों को लगता है बहुत बदल गए हम! ©Anamika Raj तक़दीर ने जैसे चाहा वैसे ढल गए हम..
तक़दीर ने जैसे चाहा वैसे ढल गए हम..
read moreनवनीत ठाकुर
ज़रा सी बात पे बिखर गए जो रिश्ते, कभी सोचो उन लम्हों की क़ीमत क्या थी। तुमने समझा नहीं मेरा हाल-ए-दिल, वरना हमारी मोहब्बत में शिकायत क्या थी। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर ज़रा सी बात पे बिखर गए जो रिश्ते, कभी सोचो उन लम्हों की क़ीमत क्या थी। तुमने समझा नहीं मेरा हाल-ए-दिल, वरना हमारी मोहब्बत में श
#नवनीतठाकुर ज़रा सी बात पे बिखर गए जो रिश्ते, कभी सोचो उन लम्हों की क़ीमत क्या थी। तुमने समझा नहीं मेरा हाल-ए-दिल, वरना हमारी मोहब्बत में श
read moreनवनीत ठाकुर
सौ बरस की आरज़ू, पल में ढह गई, ज़िंदगी की ये कश्ती, लहरों में बह गई। ख्वाब जो संजोए थे, वो पल में बिखर गए, सफ़र का हिसाब करने से पहले ही गुज़र गए। बरसों बरस का सामान किस काम आएगा, जब मौत का फरिश्ता पल में बुलाएगा। जिंदगी को समझने में उम्र गुजर गई, और मौत ने आते ही कहानी बदल गई। साजो-सामान क्या, ये तख़्तो-ताज क्या, पल भर की है जिंदगी, फिर ये आज क्या। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर सौ बरस की आरज़ू, पल में ढह गई, ज़िंदगी की ये कश्ती, लहरों में बह गई। ख्वाब जो संजोए थे, वो पल में बिखर गए, सफ़र का हिसाब करने स
#नवनीतठाकुर सौ बरस की आरज़ू, पल में ढह गई, ज़िंदगी की ये कश्ती, लहरों में बह गई। ख्वाब जो संजोए थे, वो पल में बिखर गए, सफ़र का हिसाब करने स
read moreRaju Saini
White रिस्क हमेशा बड़ी लो जीत गए तो तुम खुश और हार गए तो पड़ोसी खुश...|| ©Raju Saini #Sad_Status #Rajusaini #sainishayri #rajushayri #रिस्क हमेशा बड़ी लो #जीत गए तो तुम खुश और #हार गए तो #पड़ोसी खुश...||
#Sad_Status #Rajusaini #sainishayri #rajushayri #रिस्क हमेशा बड़ी लो #जीत गए तो तुम खुश और #हार गए तो #पड़ोसी खुश...||
read moreनवनीत ठाकुर
पहाड़ों से निकली एक धारा खास, सपनों से भरी, एक नई तलाश। पत्थरों से टकराई, राह बनाई, हर दर्द को हँसी में समेट लाई।। हर ठोकर को उसने गले लगाया, रुकना उसकी किस्मत में नहीं था। दर्द से उसने अपना राग बनाया, सच में, वो कभी थमा नहीं था।। जब सागर से मिली, वो हर्षित हुई, उसकी लहरों में हर पीड़ा समा गई।। सागर ने उसे अपनी बाहों में समेटा, उसकी हर बूंद में जीवन का सन्देश देखा। नदी ने कहा, "मैं खुद को समर्पित करती हूँ, पर हर बूंद से तुझे अमर कर देती हूँ।। फ़ना होकर भी, वो अमर हो गई, सागर के आँचल में हर याद बस गई। ©नवनीत ठाकुर फना हो कर भी अमर हो गए
फना हो कर भी अमर हो गए
read moreSarvesh kumar kashyap
Aryan Shivam Mishra
धीरे–धीरे बिखर रहा हूं मैं लोगों को लगता है सादगी पसंद आ गई है मुझे ©Aryan Shivam Mishra धीरे धीरे बिखर रहा हूं मैं लाइफ कोट्स पॉजिटिव गुड मॉर्निंग कोट्स प्रेरणादायक मोटिवेशनल कोट्स गोल्डन कोट्स इन हिंदी
धीरे धीरे बिखर रहा हूं मैं लाइफ कोट्स पॉजिटिव गुड मॉर्निंग कोट्स प्रेरणादायक मोटिवेशनल कोट्स गोल्डन कोट्स इन हिंदी
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