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Suchismita Sengupta
Zara Do Modak idhar Dena... Abhi sab shradha me liin hai Ganpati Bappa Morya Mangal Murti Morya!!!! सुख करता दुखहर्ता, वार्ता विघ्नाची नूर्वी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची सर्वांगी सुन्दर उटी शेंदु राची
Dr. Satyendra Sharma #कलमसत्यकी
कोई ज्ञानी तो , कोई बाबा बन रहा है, कोई मंदिर तो, कोई काबा बन रहा है, होड़ लगी है फोटो खींचाने की, हर व्यक्ति धर्म का, ढाबा बन रहा है। शरीर कंठी माला की, दुकान बन गई है, दिखावा ही असली, पहचान बन गई है। #कलमसत्यकी ©Satyendra Satya #galiyaan कोई ज्ञानी तो , कोई बाबा बन रहा है, कोई मंदिर तो, कोई काबा बन रहा है, होड़ लगी है फोटो खींचाने की, हर व्यक्ति धर्म का, ढाबा बन रह
आशुतोष आर्य "हिन्दुस्तानी"
राहुल तिवारी
बेटियाँ आंगन की चिड़िया कही मिट्टी, कही सोने, कही कागज की गुड़िया हैं मेरी नन्ही सी बेटी तो मेरे आंगन की चिडिया हैं ॥ 1॥ मेरी धड़कन में रहती हैं मेरी साँसो में बसती हैं। वो माँ का नूर लगती हैं पिता के प्राण लगती हैं॥2॥ कभी दादी , कभी नानी, कभी भैया की बहना हैं । वो हीरा सी दमकती हैं चमकते मोती की लड़ियां हैं॥3॥ कभी झुमकी कभी कंगन कभी पहने नथनीयां हैं। पहन कर सोने की पैंजनिया रुकमण सी दुल्हनियां हैं ॥4॥ कभी वंदन कभी चंदन कभी कंठी की माला हैं । जो पंखो से उतरती हैं पावन सी वो परियां है। ॥5॥ संभालो बेटियो को "सत्य "गीता कुरान वालों वो। आब ए जमजम की मटकी हैं अमृत की गगरिया हैं ॥6॥ #girl #rahultiwariबेटियाँ आंगन की चिड़िया कही मिट्टी, कही सोने, कही कागज की गुड़िया हैं मेरी नन्ही सी बेटी तो मेरे आंगन की चिडिया हैं ॥
Swarima Tewari
कल किसी ने कहा, अच्छा लिखती हो, लिखती रहा करो, नई ऊर्जा का हुआ संचार, जैसे भीतर में कहीं, हालांकि ऐसा कुछ अलग, तो नहीं लिखती मैं, पर भर देता है किसी का कह भर देना,सुकून अंदर। कहते रहना चाहिए, किसी ना किसी से, कुछ अच्छा, कर दो तारीफ,बांट दो हंसी। अच्छा गाते हो,क्या आंखें है नृत्य तुम्हारे अंदर बसा, कितना तेज दिमाग, क्या खाना बनाती हो, बातों से मस्त हंसाते हो। हां!हो नहीं सकता हर कोई, कोकिल कंठी,सुधा चंद्रन, मास्टर शेफ या गुलज़ार, पर बसता ही होगा, हर किसी में एक कलाकार, बाहर निकालने की ज़िम्मेदारी क्यूं ना हम उठा लें बेवजह। करते रहो तारीफें क्यूंकि, ऐसा करने से, कुछ अच्छा हो तो, तारीफें अच्छी है। तारीफें अच्छी होती हैं सेहत के लिए💕 कल किसी ने कहा, अच्छा लिखती हो, लिखती रहा करो, नई ऊर्जा का हुआ संचार, जैसे भीतर में कहीं, हालांकि ऐसा कु
yogesh atmaram ambawale
कसा विसरू मी,माझ्यासाठी आईवडीलांनी घेतलेले कष्ट, लहानपणापासून पाहतोय आई घरात जीव तोडून काम करतेय नि वडील बाहेर अमाप कष्ट. कमी असे कधीच काही पडू दिले नाही जीवनात,त्या त्या सर्व इच्छा पूर्ण केल्या ज्या होत्या माझ्या मनात. वडील माझे कारखान्यात बिगारी काम करायचे, झाडू मारायचे,पाणी भरायचे सर्वत्र पसरलेली कापसाची घाण साफ करायचे. आईनेही वेळोवेळी वाडीलांना मदत केली,खर्च वाढायला लागला म्हणून स्वतः ही कामाला जाऊ लागली, पाहिलंय मी वडिलांना काम सुटल्यावर हातगाडी खेचताना नि आईला लोकांची भांडी घासताना. खूप वाईट वाटायचे तेव्हा पण लहान होतो ,शाळेत जायचो म्हणून काही करू शकत नव्हतो. रविवारी सुट्टीच्या दिवशी कधी वडीलांबरोबर कारखान्यात जायचो,वडिलांना झाडू मारताना पाहून आतल्या आत रडायचो. एके रविवारी असेच मदत करण्यासाठी मी ही हातात झाडू घेतले,कधी नव्हे ते पहिल्यांदाच वडील माझ्यावर खूप ओरडले. कधीतरी संध्याकाळी आईला ही आणायला मी जायचो, खूप वाईट वाटायचे श्रीमंतांच्या त्या वसाहतीतून जेव्हा भांडी घासून आलेल्या आईला पाहायचो. माझ्याच काय बहुतेकांच्या आई वडिलांचे कष्ट हे असे असते, मोठे होऊन विसरू नका आई वडीलांपेक्षा ह्या जगात श्रेष्ठ काहीच नसते. सुप्रभात मित्र आणि मैत्रिणीनों कसे आहात? आजचा विषय आहे आई वडिलांचे कष्ट... हा विषय आहे Gauri Vishwanathe यांचा. चला तर मग मस्त मस्त लिहुया.
Vikas Sharma Shivaaya'
✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की आज का युवा बेवजह बेरोजगारी का रोना रोता है , हकीकत तो ये है की अगर वो करना चाहे तो प्राइवेट सेक्टर में अनगिनत रोजगार उपलब्ध है पर युवा ख़ास कर लड़के दिल से -ईमानदारी से काम ही नहीं करना चाहते ,काम की तो छोड़िये इंटरव्यू तक के लिए आने में उन्हें तकलीफ होती है -फ़ोन पर ही सब कुछ जानना समझना चाहते हैं ..., जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की अगर आपको प्रसनचित रहना है तो ये स्वीकार करना ही पड़ेगा की जिंदगी का असली पर्यायवाची ये पल -ये समां -ये समय है जो बीत गया वो भूत -आने वाला आपको पता नहीं तो क्यों ना जैसा है उसे ही बेहतरीन मान कर वर्तमान को खुशनुमा बनाया जाये ..., जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जब इंसान की नियत में ईर्ष्या -जलन -द्वेष -क्रोध -अहंकार -अन्य विकार हों तो कोई जप -तप -पूजा -पाठ -व्रत -उपवास -कंठी -माला काम नहीं आते ..., आखिर में एक ही बात समझ आई की जिंदगी की यही रीत है -हार के बाद ही जीत है बस जरुरत है जूनून -समर्पण -लक्ष्य -सपने -मेहनत -ईमानदारी और श्रद्धा सबूरी की ....! बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....! 🙏सुप्रभात 🌹 आपका दिन शुभ हो विकास शर्मा'"शिवाया" 🔱जयपुर -राजस्थान 🔱 ©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की आज का युवा बेवजह बेरोजगारी का रोना र
Manak desai
थाके नथडी घड़ाय दूँ ,थाके नाक में पैराय दूँ सा.. बन्नी हिवड़े बैठाय थाणे राखूँळा.. थाके बोरियो घड़ाय दूँ, थाके माथा पे ळगा दूँ थाके टेवटियो घड़ाय दूं ,थाके गळा में पैहरा दूँ सा.. बन्नी हिवड़े बैठाय थाणे राखूँळा थाणे जोधाणा ळे जावूं, थाने जोधाणो दिखावूं, थाने जोधाणा घुमाय दूं सा.. बन्नी हिवड़े बैठाय थाणे राखूँळा.. थाणे सोजत शहर ळे जावूं, हाथां मेहंदी में ळगा दूँ सा.. बन्नी हिवड़े बैठाय थाणे राखूँळा.. थाणे पाळी शहर ळे जावूं,थाके पड़ळा मोळा दूँ सा... बन्नी हिवड़े बैठाय थाणे राखूँळा.. थाणे कंठी घड़ाय दूँ, हीरा मोतियां सूं जडा दूँ... थाके कंठ में पैराय दूँ सा... बन्नी हिवड़े बैठाय थाणे राखूँळा.. थाके झुमका घड़ाय दूँ, साथे झैळे भी ळगा दूँ थाके कानां में पैराय दूँ सा.. बन्नी हिवड़े बैठाय थाणे राखूँळा.. थाके बाजुबन घड़ाय दूँ, थाके हाथां में पैराय दूँ सा... बन्नी हिवड़े बैठाय थाणे राखूँळा.. थाणे मोची जी घर ळे जावूं,पग में मोजड़ी पैराय दूँ सा... बन्नी हिवड़े बैठाय थाणे राखूँळा.. थाणे जैपुर में ळे जावूं,थाके चुनडी मोळा दूँ सा.. बन्नी हिवड़े बैठाय थाणे राखूँळा.. थाणे बाजारा ळे जावूं, थाके चुडलो मोळा दूँ सा बन्नी हिवड़े बैठाय थाणे राखूँळा..! ©Manak desai खम्मा घणी सा राम राम ❤️🙏👏 तस्वीर ली है गुगल से 👏👏🙏🙏 और आज कुछ और लिखने की कोशिश की है अपनी भाषा में 🤭🤭❣️❣️ एक प्रेमी अपनी प्रेमिका जी से क्य
sandy
#मन_का__बोलाविते_पुन्हा_त्या_दिवसांना. . . "एकदा केव्हातरी शांतपणे बसावं आणि वयानुसार आपण काय काय गोष्टी सोडल्या ह्याचा आढावा घ्यावा. मग लक