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Mubarak
White हर सख्स ने मुझे इस्तीमाल किया अपने तरिके से इन सड़को की तरह धुल मिट्टी दिल मे था और हम जिन्दगी भर चेहरा साफ करता रहा ©Mubarak #Thinking हर सख्स ने मुझे इसतिमाल किया इन सड़कों की तरह धुल मिट्टी दिल में थाऔर हम जिंदगी भर चेहरा साफ करता रहा
#Thinking हर सख्स ने मुझे इसतिमाल किया इन सड़कों की तरह धुल मिट्टी दिल में थाऔर हम जिंदगी भर चेहरा साफ करता रहा
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी चरित्र राजनीत का स्तरहीन हरण वोटो का करता है मशीनरी को बस में करके हेरा फेरी मतदानो में करता है जहर जातिवाद भाषा और धार्मिकता का भरकर बीज पृथकता का बोता है नही सरोकार मूल व्यवस्थाओ से धनबल से चुनाव जीतता है अपराधों से भरे पड़े है नेता सत्ता की आड़ में चुनौती न्यायालय को देता है लोकतंत्र बस नाटक बनकर रह गया लूटतंत्र का बोल बाला चलता है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #election_2024 हरण वोटो का करता है
#election_2024 हरण वोटो का करता है
read more- Arun Aarya
White काफ़ी दिनों से उदास रहा है , भूखा दिल इश्क़ तलाश रहा है..!! - अरुन आर्या ©- Arun Aarya #love_shayari #तलाश रहा है
#love_shayari #तलाश रहा है
read more- Arun Aarya
उसको जीताने के वास्ते मैं हार रहा हूँ ज़िंदगी , महज़ मैं मयकदे में अपनी गुजार रहा हूँ ज़िंदगी ! माँ-बाप ने कभी नहीं उठाये मुझपर हाथ अपनी ,, मग़र मैं रोज ख़ुद को एक थप्पड़ मार रहा हूँ ज़िंदगी..!! - अरुन आर्या ©- Arun Aarya #AloneInCity #गुजार रहा हूँ
#AloneInCity #गुजार रहा हूँ
read moreAbdhesh prajapati
White रूठ जाने के बाद चाहे कसूर किसी का भी हो, बात शुरू वही करता है जो बेहद प्रेम करता हो।। ©Abdhesh prajapati प्रेम वही करता है
प्रेम वही करता है
read moreKhushi Kandu
इश्क़ को उस मंज़िल तक लेकर जाना है जहां मिरी "रूह" रब को देकर आना है शेर सं०- १ ©Khushi Kandu #ख़ुदा #इबादत #khushikandu
Abdhesh prajapati
White मनुष्य अपने जीवन का निर्माण एवं विनाश स्वयं तय करता है..? ©Abdhesh prajapati स्वयं तय करता है
स्वयं तय करता है
read moreShanur Rahman
सर सजदे में रखा है तो मतलब अपना है, बेज़रूरत कौन किसी के आगे झुकने वाला है. ©Shanur Rahman #इबादत
Shashi Bhushan Mishra
आज, कल, परसों पे टलता जा रहा, साईं पल-पल दिन निकलता जा रहा, तैरने वाले गये उस पार कबके, कुछ किनारे हाथ मलता जा रहा, भूलने वाले भुला बैठे अदावत, टीसने वाले को खलता जा रहा, जम गई है बर्फ़ सी संवेदनाएं, वेदना से ग़म पिघलता जा रहा, कोई बच पाया नहीं इस काल से, समय की चक्की में दलता जा रहा, संभलकर ही कर्म करना जगत में, भाग्य बनकर बीज फलता जा रहा, ज्ञान दीपक से मिटे अंधियार 'गुंजन', हृदय में सुख-शांति पलता जा रहा, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra #दिन निकलता जा रहा#
#दिन निकलता जा रहा#
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