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Jashvant
White मुद्दतों बा'द आई हो तुम और तुम्हें इतनी फ़ुर्सत कहाँ अन-कहे हर्फ़ भी सुन सको आरज़ू की वो तहरीर भी पढ़ सको जो अभी तक लिखी ही नहीं जा सकी इतनी मोहलत कहाँ मेरे बाग़ों में जो खिल न पाए अभी उन शगूफ़ों की बातें करो दर्द ही बाँट लो मेरे किन माहताबों से तुम मिल सकीं कितनी आँखों के ख़्वाबों से तुम मिल सकीं हाँ तुम्हारी निगाह-ए-सताइश ने घर की सब आराइशें देख लीं तन की आसाइशें देख लीं मेरे दिल में जो पैकाँ तराज़ू हुए तुम को भी लाला-ओ-गुल के बे-साख़्ता इस्तिआ'रे लगे ©Jashvant मुद्दतों बाद आई हो तुम Geet Sangeet PФФJД ЦDΞSHI vineetapanchal Dr.Mahira khan Andy Mann
Priyanka Jaiswal
आई आईची वेडी माया, देते उन्हामध्ये छाया... काय लिहु तीच्यावरी, स्वामी तिन्ही जगाचा आईविना भिकारी.... जन्म मला देऊन, आनंद तिला झाला.... बोट धरुनी शिकवले, तिने मला चालवया.... भूक लागली मला जेव्हा, भरविला घास तिने तेव्हा. . स्वतः राहुनी उपाशी, स्वप्न पूर्ण केली रे पिलांची... तिच्या ममतेची काय सांगू कहाणी, ती आहे माता ,तीच जगतजनानी... ऐकून तिची अंगाई, मन शांत निजी जाई... विसरुनी साऱ्या दुःखाला, शांती मिळते मनाला... तिच्या उपकाराची काय दाखऊ काया, तिच्या अंतकर्णात आहे, धागाएवढी माया... आई आज तुला, सांगावेसे वाटते ग, जर नसती तू,तर मिपण नसते ग... माझे अस्तत्व सुरू झाले तुझ्यामुळे, तुझ्या ममतेचे काय उदाहरण देऊ जगापुढे... हाथ जोडुनी प्रार्थना करते देवाला, साती जन्मी हीच आई देरे देवा मला.. ©Priyanka Jaiswal #आई
Aarzoo smriti
Blue Moon वो सवँर के सामने आई, हम नज़र क्या उठा बैठे, उसे देखते ही, पल में सारा जहाँ भुला बैठे। सागर से गहरी वो नशीली आँखें उसकी, वो नज़र क्या मिलाई हम होश गवाँ बैठे। ©Aarzoo smriti #वो सामने आई,,,,
Neel
भर आई आँखें पर.. क्यूं नमी हाथों में थी, दिल में था दर्द पर.. क्यूं गमी बातों में थी। समझ ही न आया कि.. रेत सा क्यूं वक्त था, धड़कनें थी मद्धम पर.. रवानगी सांसों में थी। 🍁🍁🍁 ©Neel भर आई आँखें 🍁
सागर मंथन
लो तुम्हारी याद को हम ताजा करते हैं आओ कुछ किस्से पुराने साँझा करते हैं वो देख आया कक्षा में किसी दमकते चेहरे को फ़िर आया मुझे बताया उस चमकते चेहरे को मैं भी हक्का वक्का था यार के कहने सुनने पर चैन न आया धैर्य न पाया लगा यार से कहने को कल सबेरे मैं भी चलूँगा तेरे साथ में पढ़ने को उठा के साइकल लगा किताबें सीधा कक्षा में प्रवेश हुआ जिगरी बोला उधर को देखो, देखा ह्रदय में क्लेश हुआ रंग गोरिया, ढँग शर्मीला आँखो में मदिरा छाई है काले तिल से सजी हुई मानो कोई अप्सरा आई है! ©सागर मंथन #Tulips मानो कोई अप्सरा आई है
Anjali Singhal