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Stories related to मुश्किल है अपना मेल प्रिये कविता

Sonu Gami

हमारा शरीर तो तत्वों के मेल से बना है । Sonu Gami #Shorts अच्छे विचारों शुभ विचार

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Dev Rishi

कविता जिन्दा रहता है

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Shashi Bhushan Mishra

#ताल-मेल बैठाना पड़ता#

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तालमेल   बैठाना   पड़ता,
मिलने आना-जाना पड़ता,

मज़बूरी को दरकिनार कर,
यारा  फ़र्ज़ निभाना पड़ता,

बदले हों हालात तो सबको,
वक्त की धुन पे गाना पड़ता,

चोर के मन में रहता खटका,
राह में जिसके थाना पड़ता,

खो जाने की  फ़िक्र  सताए,
उस मंज़र तक आना पड़ता,

हार मानकर बैठ न अब तू,
विजयी सदा सयाना पड़ता,

जैसा देश  भेष भी  'गुंजन',
अपने-आप  बनाना पड़ता,
--शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' 
      प्रयागराज उ०प्र०

©Shashi Bhushan Mishra #ताल-मेल बैठाना पड़ता#

Mithilesh Kumar Jha

#इस पार प्रिये मधु है तुम हो...

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Uttam Bajpai

मेल और फीमेल में क्या समानता होती है

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Vinod Mishra

"सबका अपना अपना स्वभाव है पर भाव के अभाव में अभाव ही अभाव है." #विनोद #मिश्र #मोटिवेशन ✍️

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Short And Sweet Blog

इतना मुश्किल क्यों होता है? 🩵✨🥹❤️‍🩹। बहुत मुश्किल है उससे बात कर पाना,बहुत मुश्किल है उसके बगैर रह पाना। ( दोनों ही सुरतों में हार मेरी है?

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कवि प्रभात

हिंदी कविता कविता कोश कविता

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मग देखेंगे नैन द्वय, तव तब  तक  प्रियतम |
जब तक काल के ग्रास न, बन जायेंगे हम ||

©कवि प्रभात  हिंदी कविता कविता कोश कविता

Anurag Nishad

बारिश पर कविता हिंदी कविता कविता कोश प्रेम कविता कविता

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नवनीत ठाकुर

#ये कौन चित्रकार है हिंदी कविता

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जिसे कोई छू न पाया, उसी आकाश को
नीले और सफेद के संग रंग डाला, 
ये कौन चित्रकार है।।
कांटों को हर फूल के संग बगिया में जिसने बसाया,
 वो किसका विचार है।।
मछलियों को जिसने गहरे सागर में खेलना सिखाया,
हर लहर में जीने का नया अंदाज़ दिखाया, 
ये किसका चमत्कार है।।
जमीन को काट कर जिसने पहाड़ों को ऊंचा बनाया,
ये कैसा अद्भुत शिल्पकार है।।
नदी छल-छल कर कानों में संगीत जो सुनाए,
हर बहाव में छुपा कोई तो अनदेखा गीतकार है।।
चांद जो रात भर सबको अपनी निगरानी में रखता,
खामोश रात का वो  मौन पहरेदार है।।
अनगिनत तारे भी दिन में आने की हिम्मत नहीं कर पाते,
सूरज को अकेले जिसने आकाश में जलना सिखाया,
वो ही तो प्रकृति का महान आधार है।।
वो अदृश्य है, पर हर जगह है रचा-बसा,
हर सांस में, हर धड़कन में उसी का उपकार है।।
कुदरत के हर कण ,
हर रंग, हर रूप में बस उसी का अधिकार है।।

©Navneet Thakur #ये कौन चित्रकार है  हिंदी कविता
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