Find the Best मेल Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutlove मेल id सॉन्ग, मुश्किल है अपना मेल प्रिये कविता, ई-मेल क्या गुजरती है, ई-मेल है क्या, मुश्किल है अपना मेल प्रिये,
रिपुदमन झा 'पिनाकी'
मुझको मुझसे ही मिला दे मेरे मालिक अब तो, एक मुद्दत से मैं ख़ुद से नहीं मिल पाया हूं। रिपुदमन झा 'पिनाकी' धनबाद (झारखण्ड) स्वरचित एवं मौलिक ©Ripudaman Jha Pinaki #मेल
Hiren. B. Brahmbhatt
खेल सकते हो तो जरूर खेलों, इस माटी के संसार से, मेल सबसे करना तो पड़ेगा ही कयोंकि, सब ब़ाजी तो रब के हाथ में है... #खेल #संसार #मेल #रब #alone
Arun kr.
जब आपास में ना मेल हो अपनों में ना स्नेह हो जब रिस्तो का नीव कमजोर हो सबकी अपनी अपनी हौर हो तब जाते घर गिर तब होते नही कोई करीब दोस्तों आपस में मेल रखो अपनों में स्नेह रखो हो कोई कड़वाहट तो बदलो उसे मुस्कुराहट में की घर की नींव ढीली ना हो अपनों के बीच दुरी ना हो #NojotoQuote
Arun kr.
जब आपास में ना मेल हो अपनों में ना स्नेह हो जब रिस्तो का नीव कमजोर हो सबकी अपनी अपनी हौर हो तब जाते घर गिर तब होते नही कोई करीब दोस्तों आपस में मेल रखो अपनों में स्नेह रखो हो कोई कड़वाहट तो बदलो उसे मुस्कुराहट में की घर की नींव ढीली ना हो अपनों के बीच दुरी ना हो #NojotoQuote
Santosh Sagar
मुश्किल है अपना मेल प्रिये , ये रेल नहीं है खेल प्रिये !-2. तुम घुमावदार GT रोड, मैं सीधा-साधा रेल प्रिये.... मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये रेल नहीं है खेल प्रिये.... तुम खुले हवा में सोते हो , मैं इंजन में ही रोता हु ! तुम थाली में खाना खाना खाती, मैं टिफिन में हाथें धोता हु !! तुम मार्सिटीज से निकले तो, मैं पैदल लॉबी जाता हु , तुम ताजा भोजन करती हो ,मैं सुखी रोटी चवाता हूँ ! जज्बातों की बातों में ..... न ऐसे हमे धकेल प्रिये ......... मुश्किल है अपना मेल प्रिये , ये रेल नहीं है खेल प्रिये!! सपने भी मेरी सुनले पगली ,हर रात तुझे तड़पायेगी! मैं जागूँगा सारी रात पर नींद तुझे न आएगी !! हरी , पिली पर सांत रहता हू लाल को देख घबराता हु , लाल के पहले जोरो से मैं लाल -लाल चिल्लाता हू! खींचा-तानी के चक्कर में कुशल न हम रह पाएंगे, ड्यूटी जब - जब लगेगी मेरी खाना तुम्ही से बनवाएंगे! आटा- चावल , दाल के साथ में....दे देना तुम तेल प्रिये .... मुश्किल है अपना मेल प्रिये , ये रेल नहीं है खेल प्रिये! इन सकरी पतली पटरियों पर जब दिन से रात हो जाते है . कब तक ड्यूटी ऑफ होगी हम खुद ही समझ नहीं पाते है , घर को जाते जाते काफी देर हो जाते है , घर में पापा ,मम्मी ,भैया ,दीदी सब सो जाते है खुद खाना लेकर चारपाई पर अकेले खाते है एक अकेला तकिया लेकर कोने में कही सो जाते है-2 मेरे अरमानो के चलते खुद से ना तुम खेल प्रिये ..... मुश्किल है अपना मेल प्रिये , ये रेल नहीं है खेल प्रिये..... :- संतोष 'साग़र' मुश्किल है अपना मेल प्रिये , ये रेल नहीं है खेल प्रिये !-2. तुम घुमावदार GT रोड, मैं सीधा-साधा रेल प्रिये.... मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये रेल नहीं है खेल प्रिये.... तुम खुले हवा में सोते हो , मैं इंजन में ही रोता हु ! तुम थाली में खाना खाना खाती, मैं टिफिन में हाथें धोता हु !! तुम मार्सिटीज से निकले तो, मैं पैदल लॉबी जाता हु , तुम ताजा भोजन करती हो ,मैं सुखी रोटी चवाता हूँ ! जज्बातों की बातों में ..... न ऐसे हमे धकेल प्रिये ......... मुश्किल है अपना मेल प्रिये , ये रेल नहीं है खेल प्रि
मुश्किल है अपना मेल प्रिये , ये रेल नहीं है खेल प्रिये !-2. तुम घुमावदार GT रोड, मैं सीधा-साधा रेल प्रिये.... मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये रेल नहीं है खेल प्रिये.... तुम खुले हवा में सोते हो , मैं इंजन में ही रोता हु ! तुम थाली में खाना खाना खाती, मैं टिफिन में हाथें धोता हु !! तुम मार्सिटीज से निकले तो, मैं पैदल लॉबी जाता हु , तुम ताजा भोजन करती हो ,मैं सुखी रोटी चवाता हूँ ! जज्बातों की बातों में ..... न ऐसे हमे धकेल प्रिये ......... मुश्किल है अपना मेल प्रिये , ये रेल नहीं है खेल प्रि
read moreKD
एक छोटे से शहर के प्राथमिक स्कूल में कक्षा 5 की शिक्षिका थीं। उनकी एक आदत थी कि वह कक्षा शुरू करने से पहले हमेशा "आई लव यू ऑल" बोला करतीं। मगर वह जानती थीं कि वह सच नहीं कहती । वह कक्षा के सभी बच्चों से उतना प्यार नहीं करती थीं। कक्षा में एक ऐसा बच्चा था जो उनको एक आंख नहीं भाता। उसका नाम राजू था। राजू मैली कुचेली स्थिति में स्कूल आजाया करता है। उसके बाल खराब होते, जूतों के बन्ध खुले, शर्ट के कॉलर पर मेल के निशान। । । व्याख्यान के दौरान भी उसका ध्यान कहीं और होता। मिस के डाँटने पर वह चौंक कर उन्
एक छोटे से शहर के प्राथमिक स्कूल में कक्षा 5 की शिक्षिका थीं। उनकी एक आदत थी कि वह कक्षा शुरू करने से पहले हमेशा "आई लव यू ऑल" बोला करतीं। मगर वह जानती थीं कि वह सच नहीं कहती । वह कक्षा के सभी बच्चों से उतना प्यार नहीं करती थीं। कक्षा में एक ऐसा बच्चा था जो उनको एक आंख नहीं भाता। उसका नाम राजू था। राजू मैली कुचेली स्थिति में स्कूल आजाया करता है। उसके बाल खराब होते, जूतों के बन्ध खुले, शर्ट के कॉलर पर मेल के निशान। । । व्याख्यान के दौरान भी उसका ध्यान कहीं और होता। मिस के डाँटने पर वह चौंक कर उन्
read more
About Nojoto | Team Nojoto | Contact Us
Creator Monetization | Creator Academy | Get Famous & Awards | Leaderboard
Terms & Conditions | Privacy Policy | Purchase & Payment Policy Guidelines | DMCA Policy | Directory | Bug Bounty Program
© NJT Network Private Limited