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Anmol Singh
सात फेरे सात वचन सात जनम का वादा था; मैं तेरा तू मेरी बस यही इरादा था; न जाने कब कहां कैसे रास्ता भटक गया; तुझसे दूर खुद से खुद को भूल गया; अब फिर वही रहा पकड़ी है; तू हां बोल तो फिर वही सात फेरे सात वचन सात जनम का वादा है। ©Anmol Singh सात फेरे सात वचन सात जन्म
maher singaniya
💞 झोली दामन का है साथ सात वचन और फेरे सात...! खुशियों की लाए बरसात सात वचन और फेरे सात...! दो जिस्म और एक जान हुए जीने का अरमान हुए...! फिर कोई तुफा भी आए घर गहसी को तोड ना पाए...! ये बंधन है एक सौगात सात वचन और फेरे सात...! ये है ख्वाब सुनहरे सात वचन और फेरे सात...! 💞 ©maher singaniya सात वचन और फेरे सात...
Mili
प्यार किया था तुमसे पर साथ नहीं निभा पाया क्या करु इन साँसों को थमने से में नही रोक पाया बहुत कोशिश की रोकने की पर कुछ ना कर पाया प्यार किया था तुमसे पर साथ नहीं निभा पाया milind guddnattikar (sutar) ©Mili #सात
शिवम् मिश्रा
सात वादे -- सात उपहार !! चल चार कदम जो साथ मेरे, तो पायल तेरी...1 सुनती रहों अगर जो बातें मेरी, तो झूमके तेरे...2 देखती रहों बस तुम मुझे, तो काजल तेरा...3 महकती रहों जो तुम मुझमें, तो नथ(लौंग) तेरी...4 हाथ थामा तुमने जो मेरा, तो चूडियां तेरी...5 मुस्कान रही जो तुम मेरी l, तो सुर्खी(लिपस्टिक) तेरी...6 सोचतीं रहो जो अगर मुझे, तो बिन्दी तेरी...7 "जो ये वादे पूरे हुए, तो मैं पूरा शृंगार तेरा" !!! ©शिवम् पण्डित सात वादे--सात उपहार #ishq #Love #Shayari
CK JOHNY
नहीं चाहिए सात जन्म के साथ की कसमें तू शिद्दत से आखिरी साँस तक निभा वफा की रस्में। ऐसा नहीं मैं तेरे जजबात की कद्र करती हूँ कल का भरोसा नहीं कहाँ सात जन्म की खबर करती हूँ। इक साँस गया वापस आयेगा कि नहीं आयेगा जब इतना भी नहीं है मेरे महबूब तेरे और मेरे बसमें। नहीं चाहिए सात जन्म के साथ की कसमें तू शिद्दत से आखिरी साँस तक निभा वफा की रस्में। बी डी शर्मा चण्डीगढ़ सात जन्म
Mohan Sardarshahari
सात वर्ष यों गुजरे जैसे हों सात जन्म जीवन नैया डोल रही ज्यों झूले कटी पतंग नेकी आपकी साथ रही जब फंसे किसी उलझन आपके उसूल हमारे साथ हैं यह बात नहीं है कम पावन स्मृतियों के श्रद्धा सुमन सहित आपको बार -बार नमन ।। 🌹🌹🌹🌹🌹 ©Mohan Sardarshahari सात साल
Mohan Sardarshahari
कभी खट्टी,कभी मीठी यह जिंदगी है बड़ी अनूठी भावनाओं में बहना नहीं समझ के भी कहना नहीं अंतरात्मा जो कहे वह काम करने में डरना नहीं काम चाहे हो ना हो स्वयं की नजरों में गिरना नहीं नियति लिखने वाले का हिसाब चुकता करने में कोताही बरतना नहीं।। ©Mohan Sardarshahari सात जुलाई