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BG BHAIYAJI
White तकलीफें तो लाखों हैं जिंदगी में मगर तेरा यूं गले लगाकर फिक्र करना एक सुकून सा दे जाता है ©BG BHAIYAJI #love_shayari तकलीफें तो लाखों हैं जिंदगी में मगर तेरा यूं गले लगाकर फिक्र करना एक सुकून सा दे जाता है
#love_shayari तकलीफें तो लाखों हैं जिंदगी में मगर तेरा यूं गले लगाकर फिक्र करना एक सुकून सा दे जाता है
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी तकाजा उम्रों का है दिलो में गहराई लाइये आकर्षक दो दिनों का है बाजार प्यार का ना गर्माइये फूल गुलदस्ते प्रपोज खूब करो मगर अश्लीलता फैलाकर दोष चरित्र को मत लगाइये प्रेम समर्पण माँगता है जीवन साथी चुनकर फूल खिलाइये बहकावे के सब यार है यहाँ अपनाने का होश तो जगाइये प्यार को दिखावे के लिये नही निभाने के लिये गले लगाइये प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #lung_cancer निभाने के लिये गले लगाइये
#lung_cancer निभाने के लिये गले लगाइये
read moreMahesh Patel
सहेली...... उसकी एक आदत खूब थी.. मैं जब भी उससे मिलता था.. मुझे गले लगा लेती थी.. ऐसा भी क्या था मुझ में. मैं जब भी दूर रहता था.. आंखों में आंसू भर लेती थी... उसकी एक आदत खूब थी.. ना चाहते हुए भी वह मुझे मिल लेती थी.. लाला... ©Mahesh Patel सहेली... गले लगा लेती.. लाला...
सहेली... गले लगा लेती.. लाला...
read moretripathi
White कभी कभी कुछ पाने से ज्यादा कुछ खो देने में संतोष होता है जैसे कुछ लोग कुछ सपने और वो🥹🥹 ©Rishu singh #Thinking कभी कभी कुछ पाने से ज्यादा कुछ खो देने में संतोष होता है जैसे कुछ लोग कुछ सपने और वो🥹🥹 आज का विचार
#Thinking कभी कभी कुछ पाने से ज्यादा कुछ खो देने में संतोष होता है जैसे कुछ लोग कुछ सपने और वो🥹🥹 आज का विचार
read moreSushma
Unsplash शाम घर आकर जब मशायद खुद को झड़ाया तो इतनी आँखें गिरी जमीं पर कुछ घूरती, कुछ रेंगती ,कुछ टटोलती मेरा तन मन कुछ आस्तीन में फंसी थी ,कुछ कॉलर में अटकी थी कुछ उलझी थी बालों में गर्दन के पीछे चिपकी मिली कुछ उंगलियों में पोरों में, कुछ नशीली कुछ रसीली कोई बेशर्मी से भरी हुई ये आंखें ऐसी क्यों हैं? उनकी हमारी सी आंखें पर इतना अंतर क्यों है? मैं रोज़ प्रार्थना करती हूँ कुछ न चिपका मिले मुझ पर जैसी मैं सुबह जाती हूँ घर से , वैसे साफ सुथरी आऊं वापस मगर ऐसा हो पाता नहीं बोझ उठाये नजरों का हरदम चलते रहना नियति है मेरी, शायद। ©Sushma #Ladki शाम घर आकर जब मशायद खुद को झड़ाया तो इतनी आँखें गिरी जमीं पर कुछ घूरती, कुछ रेंगती ,कुछ टटोलती मेरा तन मन कुछ आस्तीन में फंसी थी ,कुछ
#Ladki शाम घर आकर जब मशायद खुद को झड़ाया तो इतनी आँखें गिरी जमीं पर कुछ घूरती, कुछ रेंगती ,कुछ टटोलती मेरा तन मन कुछ आस्तीन में फंसी थी ,कुछ
read morePoet Kuldeep Singh Ruhela
Unsplash में बेरोजगार होके तेरी महफिल में आया हूं कुछ नाश्ता वास्ता करवा देना में मोहब्बत का पैगाम लाया हूँ ©Poet Kuldeep Singh Ruhela #lovelife में बेरोजगार होके तेरी महफिल में आया हूं कुछ नाश्ता वास्ता करवा देना में मोहब्बत का पैगाम लाया हूँ
#lovelife में बेरोजगार होके तेरी महफिल में आया हूं कुछ नाश्ता वास्ता करवा देना में मोहब्बत का पैगाम लाया हूँ
read moreRAMLALIT NIRALA
White Happy anniversary हाय दोस्तो आप सब कैसे हो मैं जानता हूं कि आप सब बहोत अच्छे होगें हर दिन मैं आप के लिये दुवा करता हूं प्राकृतिक से आपके जिवन में दुःख कभी न आये आज मेरा सालगिरह है 15-12-2023 देखता हूँ कि आप लोग कितना प्यार देते हैं मूझे और मेरी प्यारी पत्नी को आर के जी ©RAMLALIT NIRALA दुनिया में सब कुछ बिक सकता है पर प्यार नहीं
दुनिया में सब कुछ बिक सकता है पर प्यार नहीं
read moreBROKENBOY
कुछ शो पीस, कुछ निराशा के मोती, कुछ आस्तीन के सांप, कुछ मतलबी पीठ, कुछ झूठे कंधे, कुछ खीर में खटाई, और कुछ इक्का दुक्का आंसुओं के सौदागर, सब दोस्त दोस्त नहीं होते!!!! ©BROKENBOY #Exploration कुछ शो पीस, कुछ निराशा के मोती, कुछ आस्तीन के सांप, कुछ मतलबी पीठ, कुछ झूठे कंधे, कुछ खीर में खटाई, और कुछ इक्का दुक्का आंसुओं
#Exploration कुछ शो पीस, कुछ निराशा के मोती, कुछ आस्तीन के सांप, कुछ मतलबी पीठ, कुछ झूठे कंधे, कुछ खीर में खटाई, और कुछ इक्का दुक्का आंसुओं
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