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theABHAYSINGH_BIPIN
White नभ में काले बादल आये, अपने संग बारिश लाए। हवा संग इठलाते बादल, हवा संग ये पानी लाए। देखो काले बादल आये, कहा से और ऊपर जाएं। कितने पास बादल आये, हमको छूने बादल आये। किसने दिया पता मेरा, मेरे घर को बादल आये। देखो मुझपे गरज रहे हैं, संग अपने अंधेरा लाए। किसने छेद किया इसमें, जो बूँद-बूँद पानी गिराए। देखो काले बादल आये, नभ में काले बादल आये। इसको किसने बुलाया है, आंधी संग बिजली लाए। देखो कितने पास ये बादल, जैसे देखो पेड़ों को छू जाएं। ©theABHAYSINGH_BIPIN #badal #kavita #barish नभ में काले बादल आये, अपने संग बारिश लाए। हवा संग इठलाते बादल, हवा संग ये पानी लाए।
theABHAYSINGH_BIPIN
कोहरे से ठिठुर गया है सूरज दिखता नहीं कहीं भी मुहूर्त। छाई है काली घटा सी धुंध, धरती ढकी बर्फ की चादर में। हाथ-पैर अब जमने लगे हैं, सर्दी ने रोका हर काम। हिम्मत भी थरथर कांप उठी, लिपटे हम गर्म चादर में। उठकर मुंह धुलना भी दुश्वार है, किसने बर्फ डाल दी पानी में? कौन है जो यूं कहर ढा रहा, पूरे गांव को कैद किया है घर में? राह अंधेरी, जमी हुई है, थोड़ी उम्मीद बची है मन में। चलता हूं बस सहारे इसके, जो दिख रहा टॉर्च की रोशनी में। शिथिल पड़े हैं मेरे जज्बात, आलस ने ले लिया गिरफ्त में। यह कैसा दिन, एक पल न सुहा, सिकुड़ा पड़ा हूं एक चादर में। हर कदम जैसे थम सा रहा, जीवन को ढो रहा धुंध में। क्या कभी सूरज की रौशनी लौटेगी, या मैं यूं ही खो जाऊं रजाई में? ©theABHAYSINGH_BIPIN #coldwinter कोहरे से ठिठुर गया है सूरज दिखता नहीं कहीं भी मुहूर्त। छाई है काली घटा सी धुंध, धरती ढकी बर्फ की चादर में। हाथ-पैर अब जमने लगे
#coldwinter कोहरे से ठिठुर गया है सूरज दिखता नहीं कहीं भी मुहूर्त। छाई है काली घटा सी धुंध, धरती ढकी बर्फ की चादर में। हाथ-पैर अब जमने लगे
read moreसंगीत कुमार
(प्राणप्रिया) चंचल मन तू चंचला प्रिया। पुष्प-रूपी तू पुष्प लता।। दिव्यस्वरुपनी तू दिव्या प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया ।। रमा-रूपी तू कांता प्रिया। हरिप्रिया तू प्राण प्रिया।। श्रृंगार -रूपी तू दारा प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया। अपूर्व (तनय) की तू जननी प्रिया। घर की तु पद्मा प्रिया।। उपवन की तू कुसुम प्रिया चंचल मन तू चंचला प्रिया।। आलय की तू वामा प्रिया । सुख-दुख की तू छवि प्रिया।। आँगन की तू आह्लाद प्रिया । चंचल मन तू चंचला प्रिया ।। आकांक्षा की तू मयूख प्रिया। समृद्धि की तू लक्ष्मी प्रिया।। घरनी तू घरवाली प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया।। बाग की तू गुल प्रिया। आँगन की तू शोभा प्रिया।। परिवार की तू ऐश्वर्य प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया।। ©संगीत कुमार #BirthDay (प्राणप्रिया) चंचल मन तू चंचला प्रिया। पुष्प-रूपी तू पुष्प लता।। दिव्यस्वरुपनी तू दिव्या प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया ।। रमा-
#BirthDay (प्राणप्रिया) चंचल मन तू चंचला प्रिया। पुष्प-रूपी तू पुष्प लता।। दिव्यस्वरुपनी तू दिव्या प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया ।। रमा-
read moreRakesh frnds4ever
White मैं बुरा था या भला था मुझे पता तो ना था मेरी वजह से शहर भर में कोई रुसवा तो ना था किसने चाहा था मुझे,,,,!!???? किसने चाहा था मुझे,,!!???? मैं ये नहीं जानता लेकिन मेरे अलावा कहीं मेरा कोई भी ना था ,... ©Rakesh frnds4ever #मैं #बुरा था या #भला था मुझे पता तो ना था मेरी वजह से शहर भर में कोई #रुसवा तो ना था किसने #चाहा था #मुझे ,,,,!!???? किसने चाहा था मुझे
Satish Kumar Meena
White मैं झुक क्या गया, दुनियां कमजोर समझने लगी। अभी वक्त गया नहीं,, घड़ियां लौटकर आने लगी। मैं अकेला छोड़ चला था, मेरे अंदर के घरवालों को। अब उठने की बारी है,, दिखाना है दुनियां वालों को। कायनात भी देखेगी अब, चिंगारी किसने जलाई है। कुछ बनकर आया हूं,, खुदा ने ईदी बरसाई है।। ©Satish Kumar Meena चिंगारी किसने जलाई है
चिंगारी किसने जलाई है
read moreSuneel Nohara
White सबके अपने अपने दर्द हैं, अपना अफसाना हैं। ये आंसू दर्द के है या खुशी के, नोहरा ये किसने जाना हैं। ©Suneel Nohara किसने जाना हैं, Sethi Ji Anupriya Ashutosh Mishra Anshu writer Sana naaz
किसने जाना हैं, Sethi Ji Anupriya Ashutosh Mishra Anshu writer Sana naaz
read moreबेजुबान शायर shivkumar
White तुम रह्ते हो खयलो म्र् ©बेजुबान शायर shivkumar तुम पास ना होकर भी , तुम रहते हो मेरे #साथ मे इन #अंधेरी गलीयों को यु , तुम करते हो इन्हे रौशन इस बंजर से बाग को , तुम्ही तो #महकाते हो