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SANTU KUMAR
संविधान के रचयिता, शोषितों वंचितों एवं महिलाओं के मुक्तिदाता, ज्ञान के प्रतीक विश्वरत्न डॉ. बाबासाहेब भीमराव आम्बेडकर जी को उनके परिनिर्वाण दिवस पर शत शत नमन। #ranjanmangoliya ©SANTU KUMAR #SunSet संविधान के रचयिता, शोषितों वंचितों एवं महिलाओं के मुक्तिदाता, ज्ञान के प्रतीक विश्वरत्न डॉ. बाबासाहेब भीमराव आम्बेडकर जी को उनके परि
Sonu Dhangaya
श्री देवनारायण किराना स्टोर स्पेड कॉलेज जयपुर रोड केकड़ी श्री देवनारायण किराना स्टोर स्पेड कॉलेज जयपुर रोड केकड़ी
गणेश लाल गुर्जर मण्डा ©श्री देवनारायण किराना स्टोर स्पेड कॉलेज जयपुर रोड केकड़ी श्री देवनारायण किराना स्टोर स्पेड कॉलेज जयपुर रोड केकड़ी भारतीय संविधान निर्माता कानून के शिल्पकार शोषितों व समाज में समरसता का निर्माण करने वाले भारत रत्न श्री बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जी की जन्
"GumNaam ShaYer" (انصار احمد)
تکبر کی بیماری ہے اسے حسد کا نشا بھی ہے، غریبوں اور مظلوموں کو دیکھ کیسے اکڑتا ہے۔ دیکھو تو اسے رب کو چھوڑ لوگوں سے ڈر رہا ہے، نا مراد جنت کو چھوڑ جہنم کو ڈھونڈ رہا ہے۔ (انصار احمد) "GumNaam ShaYer" उसे घमंड की और उसे ईर्ष्या की बीमारी भी है, वह गरीबों और शोषितों को देख कैसे हंसता है। वह ईश्वर से नहीं मनुष्य से डरता हैं।, दुष्ट स्वर्ग को
Bhupendra Rawat
जिनके पांव में छाले है वो इतिहास बनाने वाले है देखकर मौन हुआ है जो वो सत्ता के रखवाले है आलीशान बंगलो में बैठ करते है चर्चा वो शोषितों का हिस्सा खाने वाले है दुःख दर्द सबने बांट लिया है सब चंद कौड़ी में बिकने वाले है लोभी सत्ता की ख़ातिर मासूमों का रक्त बहाने वाले है भूपेंद्र रावत 24।05।2020 #जिनके पांव में छाले है वो इतिहास बनाने वाले है देखकर मौन हुआ है जो वो सत्ता के रखवाले है आलीशान बंगलो में बैठ करते है चर्चा वो शोषितों का
Dharmendra Singh
एक शिक्षक न हताश हूँ न निराश हूं न जीवन से बदहवास हूँ जो समेट ले बादलों को अपने सीने में वह अविचल खड़ा आकाश हूं । संग्रामियों के जीवन क
Santosh Bsp
बामसेफ, डी0एस0-4 व बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक सामाजिक परिवर्तन के महानायक मान्यवर कांशीराम साहब के 13वें परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर मान्य
The blankdotts
प्यारे दोस्त सामाजिक न्याय व समता की सोंच वाले साथियों व देशवासियों को *"विश्व ज्ञान दिवस" 14 अप्रैल 2021(बाबा साहब की 130 वीं जयंती पर कोटिशः नमन एवं असीम मंगलकामनाएं*🇮🇳💐🙏🌻🌷🌹🙏 *जब भारत अपना बिखरा था तो लौह पुरुष ने अखण्ड किया,अपनी कलम के दम से इसको बाबा आपने बुलन्द किया*🙏🇮🇳💐🌹🌷 भारतीय संविधान के शिल्पकार,शोषितों-वंचितों-गरीबों व पीड़ित मानवता के मसीहा,नारी के मुक्तिदाता,विश्व का ज्ञान दीप,सिम्बल आफ नोलेज,चैंपियन आफ सोशल जस्टिस,भारत रत्न बोधिसत्व,अद्वितीय प्रतिभा के धनी,महान दार्शनिक,कुशल राजनीतिज्ञ,अर्थशास्त्री, समाज सुधारक,देश के प्रथम विधि एवं न्याय मन्त्री, *बाबा साहब डॉ0 भीमराव अम्बेडकर जी के 130 वें जन्मदिन पर कोटि कोटि नमन एवं हार्दिक शुभकामनायें।।* 🌹🙏💐🇮🇳🌷🌹🌻 *आपका अपना नागेंद्र* ©The blankdotts सामाजिक न्याय व समता की सोंच वाले साथियों व देशवासियों को *"विश्व ज्ञान दिवस" 14 अप्रैल 2021(बाबा साहब की 130 वीं जयंती पर कोटिशः नमन एवं अस
JALAJ KUMAR RATHOUR
आज मैं जिनकी वजह से स्वतंत्र हो बोल पा रहा हूँ ।उसकी प्रमुख वजह मध्य प्रदेश के महू में 14 अप्रैल 1891 को जन्मे ब्रिटिश सम्राज्य के सूबेदार रामजी मालोजी सकपाल और भीमाबाई की 14 वीं व अंतिम संतान भिवा है। जिसने बचपन में क्लास चौथी टॉप करने के बाद अपने दादा से पुरुस्कार स्वरूप भगवान बुद्ध की जीवनी को प्राप्त किया और उसे पढकर उस समय फैली छुआछूत को मिटाने का संकल्प लिया।बचपं की शिक्षा पूर्ण कर भिवा ने मुंबई विश्वविद्यालय से बी ए और कोलंबिया से डॉ के उपाधि प्राप्त की और डॉ. भीम राव राम जी आंबेडकर बन कर भारत वापस लौटे। बचपन में बुद्ध की जीवनी थामने वाला भिवा बड़ा होकर संविधान निर्माता बाबा साहेब के नाम से प्रसिद्ध हुआ। बाबा साहेब विधिवेत्ता,अर्थशास्त्री,राजनीतिज्ञ,शिक्षाविद्,दार्शनिक,लेखक,पत्रकार,समाजशास्त्री, मानवविज्ञानी, शिक्षाविद्,धर्मशास्त्री, इतिहासविद् प्रोफेसर थे। भारत रत्न बाबा साहेब ने दलितों और शोषितों के लिए अपना संपूर्ण जीवन न्यौछावर कर दिया ।14 अक्टूबर 1956 को भीमराव अंबेडकर ने अपने 5 लाख समर्थको के साथ में बुद्ध धर्म अपना लिया।इसके बाद उन्होंने बोधिसत्व की उपाधि ग्रहण की , इसी साल 6 दिसम्बर 1956 को भारत का यह रत्न पंचतत्व मे विलीन हो गया। अंबेडकर जी का उद्देश्य था भेदभाव मिटाना परंतु और उन्हे पता था की शिक्षा के बिना ये संभव नही। उन्होंने शिक्षा को हथियार बनाने के लियेे कहा पर कुछ फ़ायदा उठाने वालों ने अपने समाज से ही गद्दारी कर फिर से भोले लोगो को अशिक्षा की और ढकेल दिया। आज भी शिक्षा से दूर दलित समाज एक और भीम की आस में है जो शिक्षा के महत्व को समझाए और जो घृणा नही अपनाना सिखाये। मैं भारत का नागरिक अपने इस महान पूर्वज को नमन करता हूँ। जय हिंद जय भारत ..... #जलज राठौर #Ambedkar_Jayanti आज मैं जिनकी वजह से बोल पा रहा हूँ ।उसकी प्रमुख वजह मध्य प्रदेश के महू में 14 अप्रैल 1891 को जन्मे ब्रिटिश सम्राज्य के सू
JALAJ KUMAR RATHOUR
आज मैं जिनकी वजह से बोल पा रहा हूँ ।उसकी प्रमुख वजह मध्य प्रदेश के महू में 14 अप्रैल 1891 को जन्मे ब्रिटिश सम्राज्य के सूबेदार रामजी मालोजी सकपाल और भीमाबाई की 14 वीं व अंतिम संतान भिवा है। जिसने बचपन में क्लास चौथी टॉप करने के बाद अपने दादा से पुरुस्कार स्वरूप भगवान बुद्ध की जीवनी को प्राप्त किया और उसे पढकर उस समय फैली छुआछूत को मिटाने का संकल्प लिया।बचपंन की शिक्षा पूर्ण कर भिवा ने मुंबई विश्वविद्यालय से बी ए और कोलंबिया से डॉ के उपाधि प्राप्त की और डॉ. भीम राव राम जी आंबेडकर बन कर भारत वापस लौटे। बचपन में बुद्ध की जीवनी थामने वाला भिवा बड़ा होकर संविधान निर्माता बाबा साहेब के नाम से प्रसिद्ध हुआ। बाबा साहेब विधिवेत्ता,अर्थशास्त्री,राजनीतिज्ञ, शिक्षाविद्,दार्शनिक,लेखक,पत्रकार,समाजशास्त्री,मानवविज्ञानी, शिक्षाविद्,धर्मशास्त्री, इतिहासविद् प्रोफेसर थे। भारत रत्न बाबा साहेब ने दलितों और शोषितों के लिए अपना संपूर्ण जीवन न्यौछावर कर दिया ।14 अक्टूबर 1956 को भीमराव अंबेडकर जी ने अपने 5 लाख समर्थको के साथ में बुद्ध धर्म अपना लिया।इसके बाद उन्होंने बोधिसत्व की उपाधि ग्रहण की , अंबेडकर जी का उद्देश्य था भेदभाव मिटाना परंतु और उन्हे पता था की शिक्षा के बिना ये संभव नही। उन्होंने शिक्षा को हथियार बनाने के लियेे कहा पर कुछ फ़ायदा उठाने वालों ने अपने समाज से ही गद्दारी कर फिर से भोले लोगो को अशिक्षा की और ढकेल दिया। आज भी शिक्षा से दूर दलित समाज एक और भीम की आस में है जो शिक्षा के महत्व को समझाए और जो घृणा नही अपनाना सिखाये। मैं भारत का नागरिक अपने इस महान पूर्वज को नमन करता हूँ। 6 दिसम्बर 1956 को भारत का यह रत्न पंचतत्व मे विलीन हो गया। जय हिंद जय भारत ..... #जलज राठौर #Hum_bhartiya_hain आज मैं जिनकी वजह से बोल पा रहा हूँ ।उसकी प्रमुख वजह मध्य प्रदेश के महू में 14 अप्रैल 1891 को जन्मे ब्रिटिश सम्राज्य के सू