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Keshav Kashyap
White राम राम जी ©Keshav Kashyap #sad_quotes राम राम जी
#sad_quotes राम राम जी
read moreDANVEER SINGH DUNIYA
New Year 2024-25 "वैसे तो तेरे आगे मेरी कोई औकात नही है पर गुरुर इस बात का है कि हम तेरे गुरु है" Happy New Year ( 2025 ) ©DANVEER SINGH DUNIYA #NewYear2024-25 जी
#Newyear2024-25 जी
read moreGurudeen Verma
White शीर्षक- आदमी मैं नहीं वैसा --------------------------------------------------------------------- आदमी मैं नहीं वैसा, जैसा कि तुम मानते हो। हकीकत क्या है मेरी, तुम नहीं जानते हो।। आदमी मैं नहीं वैसा------------------------।। मुझको पसंद नहीं है झूठ, ना झूठ मैं बोलता हूँ। सच को तुम सुनना नहीं चाहते, इसलिए चुप रहता हूँ।। जब भी बोला मैं सच तो, मुझे सच की सजा मिली। इसीलिए हूँ मैं अकेला, यह नहीं जानते हो।। आदमी मैं नहीं वैसा---------------------।। मुझको भी चाहिए खुशी, देखता हूँ ख्वाब ऐसे। मांगें मुझसे सभी खुशियां, इतने हो पास मेरे पैसे।। मतलब मुझको भी चाहिए, शान और शौहरत। मकसद मेरा यह तुम, शायद बुरा मानते हो।। आदमी मैं नहीं वैसा----------------------।। एक तरफा मोहब्बत क्या, जायज नहीं कहलाती है। प्यार करना गुनाह है क्या, दुनिया किससे चलती है।। लेकिन उससे मेरा प्यार, सच्चा और पवित्र है। नहीं हूँ बेवफा मैं, क्यों सच नहीं मानते हो।। आदमी मैं नहीं वैसा--------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा ऊर्फ़ जी. आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma #पोएट्री लव शायरी लव स्टोरी
#पोएट्री लव शायरी लव स्टोरी
read morePrakash Vidyarthi
White "प्रथा स्वयंवर होता" ::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::: काश फिर से कोई प्रथा स्वयंवर होता। नीचे स्वतंत्र धरती ऊपर खुला अम्बर होता।। मिलता सबको आमंत्रण सब धुरंधर होता। न कल छपत किसी के अन्दर होता।। भेदता कोई जन मानव मछली की आँखें सही आंसर होता। बन जाते सारथी कान्हा जीवन में न भूमि कोई बंजर होता।। प्रेमी अपनी प्रतिष्ठा में जाता सात समन्दर होता। प्रेम की परीक्षा में जो जीता वहीं सिकन्दर होता।। कोई भी राम सीता लखन कोई बजरंगी बन्दर होता। जाती धर्म के बन्धन से परे मुहब्बत का मंतर होता।। न कोई बड़ा न कोई छोटा न कोई छुछुंदर होता। समानता का सामान अवसर प्राप्त पुरंदर होता।। तोड़ देता कोई भी धनुष शिव भक्ती का तंतर होता। सह लेता कोई भी कष्ट चाहें पथ में कांटे कंकड़ होता।। त्याग देती गर सुख नारी लोभ लालच न किसी के अन्दर होता। स्वर्ग से सुन्दर लगता भारत न श्रृंगार जलन जालंधर होता।। मिलता सबको बराबर मौका शुभ मुहूर्त का जंतर होता। करता प्रयास हर विद्यार्थी गर न कोई भेदभाव अन्तर होता।। जीत लेता प्रकाश कलयुगी सीता को न कोई आडंबर होता। गूंजता जय माता दी हर दिशा में खुश ब्रह्मा विष्णु शंकर होता।। स्वरचित -प्रकाश विद्यार्थी। भोजपुर आरा बिहार ©Prakash Vidyarthi #Sad_Status #पोएट्री #कविता_शिव_की_कलम_से
#Sad_Status #पोएट्री #कविता_शिव_की_कलम_से
read moreशुभम मिश्र बेलौरा
White नेता जी संसद भवन में अब,ये मारा मारी बंद करो। झूठे वादों से वोटों की कालाबाजारी बंद करो। नेता जी..... TV में जब से दिखने लगे,ज्यादा उत्तेजित रहते हो, मर जायेंगे जनता खातिर हर बात में कहते रहते हो। बोतल तोड़ो कुर्सी छोड़ो, हल्ला गुल्ला करते हो, खत्म हुआ जैसे ही सदन,कैन्टीन में सुल्ला करते हो। जाति धर्म के नाम पे नफरत की बमबारी बंद करो, नेता जी..... पढ़ने लिखने वालों पर, लाठी डंडे चलवाते हो, जान जा रही बेटी की, तुम कैन्डेल मार्च कराते हो। जनता के मुद्दों पर बोलो, उस पर बहस जरूर करो, नियम बनाना बंद करो, अब नीति बनाना शुरू करो। बहस के नाम पे जहर उगलने की ये पारी बंद करो, नेता जी ....... क्या खाकर पैदा करते, जो नेता बनने लायक हैं, अपने बेटे को मिले टिकट, बाकी जनता नालायक है। एक जाति के बने मसीहा, बाकी के खलनायक हैं, बदमासी चोरी करता जो, बनता वही विधायक है। देखके मौसम पार्टी बदलना बारी बारी बंद करो, नेता जी...... ©शुभम मिश्र बेलौरा #Sad_Status नेता जी
#Sad_Status नेता जी
read moreLadla. S. Sharma
White टूटा तो है कोई 💔 बताओ या ना बताओ आपको मर्जी ©Ladla. S. Sharma #GoodMorning जी
#GoodMorning जी
read moreशुभम मिश्र बेलौरा
White नेता जी संसद भवन में अब,ये मारा मारी बंद करो झूठे वादों से वोटों की कालाबाजारी बंद करो। TV में जब से दिखने लगे,ज्यादा उत्तेजित रहते हो, मर जायेंगे जनता खातिर हर बात में कहते रहते हो। बोतल तोड़ो कुर्सी छोड़ो, हल्ला गुल्ला करते हो, खत्म हुआ जैसे ही सदन,कैन्टीन में सुल्ला करते हो। जाति धर्म के नाम पे नफरत की बमबारी बंद करो, नेता जी..... पढ़ने लिखने वालों पर लाठी डंडे चलवाते हो, जान जा रही बेटी की तुम कैन्डेल मार्च कराते हो। जनता के मुद्दों पर बोलो उस पर बहस जरूर करो, नियम बनाना बंद करो अब नीति बनाना शुरू करो। बहस के नाम पे जहर उगलने की ये पारी बंद करो, नेता जी ....... क्या खाकर पैदा करते वो नेता बनने लायक हैं, अपने बेटे को मिले टिकट बाकी जनता नालायक है। एक जाति के बने मसीहा बाकी के खलनायक हैं, बदमासी चोरी करता जो बनता वही विधायक है। देखके मौसम पार्टी बदलना बारी बारी बंद करो, नेता जी...... ©शुभम मिश्र बेलौरा #Sad_Status नेता जी
#Sad_Status नेता जी
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