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Nirankar Trivedi

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praveen dubey

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काव्यात्मक अंकुर

नातं 

लिखाणाची आवड मला
मनी काही साचवत नाही
दडले आहे आत माझ्या दुःख 
माझ्या लेखणीला सारं काही दाखवत नाही
सार लिहीतो भावनांचा मी 
शब्दांवर खार खात नाही
भार आहे जीवनाचा खूप
कोणाचा आधार राहत नाही
अपार कष्टाची तयारी आहे
दिवस की रात्र हे पाहत नाही
कोणावाचून कोणाचं राहत नाही
असं म्हणून इथे चालत नाही
जुळून येते विचारशैली आणि अनुभव 
त्याशिवाय लिखाणात मी भर घालत नाही
कोणीतरी सहजपणे नकळत जोडलं जातं
पाणी डोळ्यांतून कोणाच्या उगाच वाहत नाही

©काव्यात्मक अंकुर #नातं #अंकुर #काव्यात्मकअंकुर🌱 #लेखणी #MarathiKavita #marathi #writers #Reality #Life #Life_experience

Dileep Bhope

KK Storyteller

गरज संपली नातं संपलं #Quote #marathi love #Emotional #मराठीप्रेम

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Mohan Somalkar

Sanskar

Gurudeen Verma

कविता

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White शीर्षक- इस ठग को क्या नाम दे
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बड़े नम्बरी होते हैं वो आदमी,
जो करते हैं शोषण छोटे आदमी का,
और छीन लेते हैं उधारी चुकाने के नाम पर,
गरीब आदमी की जमीन और आजादी।

लेते हैं काम छोटे आदमी को,
कोल्हू के बैल की तरह दिनरात,
एक वर्ष की मजदूरी बीस हजार देकर,
जबकि होते हैं खर्च पाँच हजार एक माह में।

लेता है ब्याज बहुत वो आदमी,
छोटे आदमी को देकर उधार रुपये,
बड़े ही ठाठ होते हैं इन आदमियों के,
जिनके होते हैं मकां महलनुमा।

होती है उनकी जिंदगी राजा सी,
जिनके एक ही आदेश पर,
हो जाते हैं सारे काम,
और हाजिर नौकर चाकरी में।

कमाता होगा इतने रुपये वह आदमी,
मेहनत की कमाई से कभी भी नहीं,
बनाता है वह अपनी इतनी सम्पत्ति,
भ्रष्टाचार और दो नम्बर की कमाई से।

लेकिन एक ऐसा आदमी भी है,
जो लेता है बड़े आदमी से भी ज्यादा दाम,
करता नहीं रहम वो अपने भाई पर भी,
और कोसता है वह बड़े आदमी,
इस ठग को क्या नाम दे।।




शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma #कविता
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