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Stories related to कहीं और चला जाता हूं

Ghumnam Gautam

White कहाँ हम कुछ कहीं भी बो रहे हैं
झुकी है पीठ ख़ुद को ढो रहे हैं

बहुत खुश हैं वो जिनका दिल है टूटा
जिन्हें दिलवर मिला वो रो रहे हैं

©Ghumnam Gautam #love_shayari 
#दिलवर
#कहीं 
#पीठ 
#ghumnamgautam

theABHAYSINGH_BIPIN

#lovelife #Ga #Hain #sayari #ishq Love हा, मैं यूंहीं नहीं हूं ख्यालों में उसके, कभी-कभी खुद से भी मैं बातें करता हूं। सोचता हूं अक्सर, प

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Unsplash हा, मैं यूंहीं नहीं हूं ख्यालों में उसके,
कभी-कभी खुद से भी मैं बातें करता हूं।
सोचता हूं अक्सर, प्यार से भरी बातें उसकी,
अक्सर सोचकर, उसे मैं मुस्कुराता हूं।

बावली है थोड़ी, और चंचल सी यादें हैं उसकी,
कभी-कभी दिन के ख्वाबों में मैं खो जाता हूं।
मनमुग्ध सी मुस्कुराहट है होठों पर उसके,
मैं अक्सर गहरी काली आंखों में डूब जाता हूं।

होठों के तिल, खूबसूरती में चांद लगाते हैं उसके,
देखकर अक्सर उसे, खुशी से झूम सा जाता हूं।
खूबसूरत और प्यारे एहसासों से भरी है वो,
मैं उसकी गहरी बातों में अक्सर खो जाता हूं।

©theABHAYSINGH_BIPIN #lovelife #Ga #Hain #sayari #ishq #Love 
 हा, मैं यूंहीं नहीं हूं ख्यालों में उसके,
कभी-कभी खुद से भी मैं बातें करता हूं।
सोचता हूं अक्सर, प

Sarvesh kumar kashyap

🤷 मैं हूं दिल है और..🤔 #Best Poetry #Trending #shayri #status #Emotional

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डॉ.अजय कुमार मिश्र

डरता हूं

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White बहुत लोग हैं मेरे साथ, फिर भी आज मैं तन्हा हूं,
जाने क्यों खुली आसमां से ,व्यथा आज कहता हूं।

हमें आदत थी हमेशा आग और बर्फ पर चलने की,
आज सर्द हवाओं के सर्दी से भी जाने क्यों बचता हूं।
धधकती आग तो दूर, आज आग के धुएं से भी डरता हूं।।

 कोई चोटिल न हो जाए मेरे खट्टे मीठे शब्दों से ,
आज जुबान से निकलने वाली हर शब्द से डरता हूं।

कौन सक्स कब हमें कह दे गुनहगार।
आज हर सक्स के नजरों से डरता हूं।

©डॉ.अजय कुमार मिश्र डरता हूं

Honey

कोई नगमा कहीं कोई

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Poet Maddy

मुस्कुराकर हमको न देखा करो जान, इस दिल का करार कहीं खो जाता है....... #Look#SmileLove#peace#Heart#lost#Eyes.........

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मुस्कुराकर हमको न देखा करो जान,
इस दिल का करार कहीं खो जाता है.......
और तुम पर पड़ती है जब नज़र हमरी,
तो हमको तुमसे फ़िर प्यार हो जाता है......

©Poet Maddy मुस्कुराकर हमको न देखा करो जान,
इस दिल का करार कहीं खो जाता है.......
#Look#Smile#Love#Peace#Heart#Lost#Eyes.........

Ajay Tanwar Mehrana

मैं आजाद हूं

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ना मेरा कोई मेरा रहबर मेरा रब
                ना हितैषी मैं ही तो हूं जो मेरा सब
                 मोड़ सब आंधी तूफानों की मरोड़ 
                 कोई कह तो दे कि मैं  बर्बाद  हूं ।

                 मैं चला बंदिश जमाने की भी तोड़ 
                 असल मायने में तो मैं आजाद हूं ।

                 जी रहे सब दुःख भरी मर्यादाओं में 
                 मैं नहीं विक्षत ना ही दिलशाद हूं ,
                  कालचक्र कर्मकांडों की ये सीमा 
                तो भी चलती चक्की का उन्माद हूं ।

                 मैं चला बंदिश जमाने की भी तोड़ 
                 असल मायने में तो मैं आजाद हूं ।

                 ना मैं जकड़ा जातियों, पंथों, धर्म ने
                  ना समाज की रिवाजों के भरम ने ,
                 झूठ सब देवों - देवियों की ये लीला 
                'अजय' खुले द्वंद्वों में बजता नाद हूं !

                 मैं चला बंदिश जमाने की भी तोड़ 
                 असल मायने में तो मैं आजाद हूं ।

©Ajay Tanwar Mehrana मैं आजाद हूं

Matangi Upadhyay( चिंका )

मैं हूं और मेरा अकेलापन है..🤔😔 matangiupadhyay Love Life Sad

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White मैं वो थी जो हर लम्हे को जी भर के जीती थी, 
छोटी छोटी बातों में खुश हो जाती थी 
और आज खुद को देखती हूँ तो 
ये ख्याल आता है 
की ऐसा क्या पाना था मुझे 
जो मैंने खुद को ही खो दिया 
हर वक्त उलझनों में फँसी रहती हूँ,
 कोई अपना नहीं लगता मुझे, 
बस मैं हूँ और मेरी बढ़ती हुई तकलीफें हैं,
 परेशानियाँ है, और मेरा अकेलापन है 
जो मुझे अंदर ही अंदर खा रहा है..!

©Matangi Upadhyay( चिंका ) मैं हूं  और मेरा अकेलापन है..🤔😔
#matangiupadhyay #Nojoto #Love #Life #Sad

Shashi Bhushan Mishra

#रह जाता अवशेष#

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कैसे  चढ़  पायेगी  सफलता की सीढ़ी,
जब अवसाद ग्रस्त है आज युवा पीढ़ी,

मन की उलझन से बच पाने का साधन,
बना आज व्यवसाय  है बिकती पंजीरी,

पथ को कंटक पूर्ण देख मत घबराना,
जीवन  पथ  की  राह बहुत टेढ़ी-मेढ़ी,

छद्म मान्यताओं ने  जकड़े  पांव यहां,
दौड़   नहीं  पायेगा   काटे   बिन बेड़ी,

क्या लेकर आए क्या लेकर जाओगे,
नाहक  करते  फिरते  हो  तेरी   मेरी,

मजदूरों ने सिखलाया पथ पर चलना,
धुएं की कश में फूंक जला देता बीड़ी,

मिट्टी में मिल जाता है सबकुछ 'गुंजन',
रह जाता  अवशेष  राख  बनकर ढ़ेरी,
     ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
               प्रयागराज उ०प्र०

©Shashi Bhushan Mishra #रह जाता अवशेष#

BS NEGI

व्यस्त हूं

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White स्वयं की खोज में हूँ, 
शांत एवं मौन मैं हूँ,
पथिक हूँ सत्यपथ का, 
मैं स्वयं में ही व्यस्त हूँ!

©BS NEGI व्यस्त हूं
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