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Akshay Ojha
जिस्म-ए-ताल्लुक बनाया है तो तन पर कपड़े भी पहनना... मोहब्बत आखिर है क्या रूह का रूह में मिल जाना... इश्क़ में सब चाहते है इतात मेरी कबूल हो गर जो कबूल हो गई है तोह खुदगर्ज तुम ना बन जाना ।। Take care of your Love even after you have physical relation with the same spirit you took care of earlier. That's what makes difference bet
vishnu prabhakar singh
हे देवाधिदेव! लय और प्रलय के स्वामी कैलाश की रुपकता के फलक शोभायमान चन्द्रमा के गणक महाविषधारी, नंदी के सवारी, चेतना के अंतर्यामी, भोले नाथ आपकी आराधना का साहस कोई युग्म ही करेगा यथास्थान की प्रधानता होगी। अनादि मानते हुए शक्ति की उष्णता से प्रकृति को एकत्रित रखने वाले सदाशिव मारक और धारक के निष्ठ लय और प्रलय पर आपकी अधीनता का प्रसाद ग्रहण भर करने वाला कोई, SHIVHOLIK ही होगा। यह वर्ग ही अलग है। सुबह सुबह लो शिव का नाम कर लो बंदे ये शुभ काम।। फोटो गोलची के सौजन्य से। #गोलची #विप्रणु #yqdidi #yqbaba #yqhindi #life
Jiyalal Meena ( Official )
JALAJ KUMAR RATHOUR
सुनो कॉमरेड, सितारों से सजी रात में, मैं जब भी आसमान की ओर देखता हूँ तो किसी टिमतिमाते तारे में तुम्हें पाता हूँ,चाँद नही, तुम मेरे लिए चाँद नही थी क्युकी तुम तो बेदाग़ थी । और दागो को अच्छा बताने वाली इस दुनिया ने हर दागी चीज को अपना आदर्श बना लिया है। रात भी तो दागी ही है, चोरी होने की वजह से, लेकिन एक दाग भी बेदाग़ होता है। इस बात को समझने के लिए पहले बेदाग़ होना पड़ेगा, इसी लिए मैं अपनी छत के उस कोने में, जहाँ से तुम टिमतिमाती नजर आती थी बैठ जाता था। सुदूर अंतरिक्ष में मुझसे दूर तुम तारो सी दिखने में छोटी पर दिल की बहुत बडी थी। वैसे किसी का बड़ा होना उसके औदे और रुतबे पर नही बल्कि उसके जमीं से जुडी गहराइयों पर निर्भर करता है। मैं गहराईयों में ही तो था तुमसे प्रेम में, वरना अर्धरात्रि को प्रेमियों और फौजियो के सिवा कौन जागता है।मेरे प्रेम का बीज तुम्हारे दिल की भूमि में अंकुरित क्यूँ नही हुआ या फिर होकर पनप नही पाया ,इसका मुख्य कारण शायद मेरे ह्रदय को सुकूँ के पल ना दे इसलिए इस प्रश्न को प्रश्न रहने दो और मुझे रात्रि में तुम्हारे संग बीते लम्हों में मग्न रहने दो क्युकी मग्न होना या किसी के साथ सलग्न होना अधीनता की निशानी है और में तुम्हारे अधीन होना चाहता हूँ। ..... #जलज कुमार राठौर #moonlight सुनो कॉमरेड, सितारों से सजी रात में, मैं जब भी आसमान की ओर देखता हूँ तो किसी टिमतिमाते तारे में तुम्हें पाता हूँ,चाँद नही, तुम
JALAJ KUMAR RATHOUR
अगर कोई कहता है कि वो मौत से नही डरता तो, या फिर तो वो झूठ बोल रहा है या वो मराठा है" हिन्दू साम्राज्य को स्थापित करने वाले वीर मराठा छत्रपति शिवाजी राजे और माता सईबाई के पुत्र छत्रपति सम्भा जी भोंसले ने इस कहावत को सिद्ध किया था मात्र 32 वर्ष की अल्पकालिक उम्र में 210 युद्धो मे अजेय रहकर, 14 मई 1657 को जन्मे छत्रपति सम्भा जी महाराज एक वीर योद्धा के साथ साथ लेखक व राजनीतिज्ञ भी थे। मात्र 9 साल की उम्र में औरंगजेब की आँखो में धूलझोंक कर आगरा से भाग आने वाले इस वीर योद्धा ने औरंगजेब को नाको चना चबा दिये थे, कविकलश जैसे परममित्र और सलाहकार के साथ सम्भा जी राजे को मुगल सेना ने पकड़ लिया और अधीनता के साथ साथ धर्म परिवर्तन के लिए दबाब डाला पर हिंदुत्व का रखवाला और वीर शिवाजी के इस पुत्र ने इसे स्वीकार नही किया, आँखों में गर्म छ्डे, नाखूनो को नोचकर, अंगुलियों को काटकर औरंगजेब ने 1 महीने तक प्रताडित किया और अंत मैं यह कहकर कि "अगर सम्भा जी तेरे जैसा मेरा एक पुत्र भी होता तो में संपूर्ण भारत पर राज्य करता " कहकर उनके शरीर को छिन्न भिन्न कर के नदी में बहा दिया" हिंदुत्व के इस महान योद्धा ने हिंदू नववर्ष के दिन 11 मार्च 1689 इस्वी को अपने प्राण त्याग दिये। मराठा उस एक माह (सम्भा जी के पकड़े जाने से लेकर शहीद होने तक के समय) के लिए अपनी किसी प्रिय वस्तु का त्याग कर हिंदुत्व के इस वीर रखवाले को श्रद्धांजलि अर्पित करते है। हमें अफसोस है कुछ गद्दार सरकारों या मुगलो की औलादो ने स इस महान योद्धा के चरित्र को भारतीय समाज से दूर रखा .... "मुजरा राजे" आपकी वीरता को "जय हिंद जय भारत" ... #जलज राठौर ' इटावा ' अगर कोई कहता है कि वो मौत से नही डरता तो, या फिर तो वो झूठ बोल रहा है या वो मराठा है" हिन्दू साम्राज्य को स्थापित करने वाले वीर मराठा छत्रपत
Divyanshu Pathak
भोर भई मन तड़पत सरपट "कनुआ" दौड़ बुलाइ रह्यो है ! वो मधुकर को प्रेम पियासो पुष्प सुबह बिलखाय रह्यो है ! तेरे दर्शन दुर्लभ भारी क्यों मुझसे शरमाय रह्यो है ! आ मिल अंक से अंक मिलाले क्यों ऐसे भरमाय रह्यो है ! श्याम सलोने मत कर देरी क्यों बैरी मोय सताय रह्यो है ! आ अब भी तू साथ हमारे क्यों मेरी पीर बढाइ रह्यो है ! तत्व सत्व को रस बरसाने "पाठक" तोय बुलाय रह्यो है ! :☕☕🌱🍀🍫🍫☕☕🍨👨 जुग जुग नर नारायण जैसे संग साथ तू रहतो आयो मैं जीवन तू 'जीवनज्योति' अब क्यों मुह दुबकाय रह्यो है !😊😊😊😊😊😊 : मुझे पिछले माह विवाह