Find the Latest Status about पदव्युत्तर पदवी from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, पदव्युत्तर पदवी.
hemlata mandle
तुमची पदवी ही फक्त एक कागद आहे तुमचं खरं शिक्षण हे तुमच्या वागणुकीवर अवलंबून असते पदवी
Ranjan Kumar Sahu
पदवी योग्य_ कोई भी 'पद' आपको यह साबित नहीं करता है, की आप कितने 'श्रेष्ठ' हो ! आपके 'गुण' से बहती विचारधाराओं का रसपान करने यदि 'योग्य' हो ! तब आप कहीं किसी भी पद के लिए "विभूषण योग्य" ज़रूर हो ! #पदवी योग्य
Umrain Ahmed (Akhtar)
ताज्जुब है , कि मुझे अब कांटे नही गुलाब दिये जाते है मुतमइन मेरी आँखों को नामुकम्मल ख़्वाब दिये जाते है कोई पागल , कोई मजनूँ तो कोई दीवाना कहता है अब मुझे लक़ब भी चुन - चुनकर नायाब दिये जाते है मुतमइन = संतुष्ट लक़ब = उपाधि, पदवी नायाब = अमूल्य, दुर्लभ #bestyqhindiquotes #sad #life #yqbaba #shayari #broken #yqdidi #Urdu_Hindi Poet
Akash Das
#Kabir_Is_Real_God कविर्देव शिशु रूप धारण कर लीला करता है। कविताओं द्वारा तत्वज्ञान वर्णन करने के कारण कवि की पदवी प्राप्त करता है। वास्तव म
श्री सबरी भजन मंडल
मन रे परसि हरिके चरण। सुभग सीतल कंवल कोमलत्रिविध ज्वाला हरण। जिण चरण प्रहलाद परसे इंद्र पदवी धरण॥ जिण चरण ध्रुव अटल कीन्हे राख अपनी सरण। जिण चरण ब्रह्मांड भेटयो नखसिखां सिर धरण॥ जिण चरण प्रभु परसि लीने तेरी गोतम घरण। जिण चरण कालीनाग नाथ्यो गोप लीला-करण॥ जिण चरण गोबरधन धार।ह्यो गर्व मघवा हरण। दासि मीरा लाल गिरधर अगम तारण तरण॥ ©श्री सबरी भजन मंडल 🙏🌹मन रे परसि हरिके चरण। सुभग सीतल कंवल कोमलत्रिविध ज्वाला हरण। जिण चरण प्रहलाद परसे इंद्र पदवी धरण॥ जिण चरण ध्रुव अटल कीन्हे राख अपनी सरण।
PW SOZO-TEKI
rakshabandhan ©PW SOZO-TEKI ENTRY07 NAME: Shubham Choubey Poetry "मेरी बहना" कविता के लेखक शुभम चौबे एक युवा हिंदी लेखक हैं। वे नरसिंहपुर मध्यप्रदेश के एक गांव सालीवा
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat उंगली ना उठा, उठा भी तो किसी को ना गिरा, एक उंगली उठाई तो ३तेरी तरफ भी है, कैसे भूल जाते हो, कुसूर कुबूल अपना ख़ुद का दूसरे पर कैसे लगाते हो। यूं लोगों में गिनती ना कर जो दूसरों पर निर्भर रहते है। हम कौन नहीं,हम हम है ख़ुद से ही पहचान है। उंगली ना दिखा, ख़र्च करना है तो कमाने की भी ताकत दिखा। अपनी आंखो में ख़ुद की इज्ज़त बना। अपनी ज़िन्दगी की पतवार थामली मैने वालिदैन का फ़र्ज़ के पदवी अकेले मां होकर सम्भाल ली मैनें। #singlemother #proud #women #bond #yqbaba #yqdidi Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat उंगली ना उठा, उठा भी तो किसी ना गिरा, एक उंगली उ
alex akash
ऐ मेरे दोस्तों, मौत पर मेरी एक सौगात लाना, किसी ना किसी पर्व में मेरे घर ज़रूर आना, मां का बहुत लाड़ला हूं, मेरी कमी ना खले उन्हें, तुम भी उन्हें दो-चार चुटकुले ज़रूर सुनना, पापा के जिम्मेदारीयों का आख़िरी सहारा हूं, आते-आते उन्हें अपनी पदवी ज़रूर बताना, कुछ भूले हुए पल बेचैन कर देंगे तुम सबों को, तुम थोड़ा थम कर उन्हें ज़रूर संभालना, मेरे क़रीब है कुछ शख़्स मिरे, तुम उनसे मेरी बातें कभी ना दौहराना, और तुमसे क्या कहूं ऐ मेरे दोस्तों, तुमलोग जान हो मेरे, मेरे मरने के बाद भी मुझे ज़िन्दा रख जाना। ऐ मेरे दोस्तों, मौत पर मेरी एक सौगात लाना, किसी ना किसी पर्व में मेरे घर ज़रूर आना, मां का बहुत लाड़ला हूं, मेरी कमी ना खले उन्हें, तुम भी उ
Rishika ishita【 Dil ki bat】
भाग-१ गुरू ज्ञान माँ पहला गुरु होती है जिनसे शुरू शिक्षा होती है पिता से जीवन की सीख होती है भगवान से बड़ी गुरु की पदवी होती है गुरु ज्ञान बिना कुछ नहीं जीवन का अर्थ कुछ नहीं शिक्षक से शिक्षा है बार-बार माँगू मैं भिक्षा है अज्ञानी को ज्ञान कराये सबका जीवन सफल बनाये नित्य शीश झुकाये आपके चरणों में आपकी महानता का जिक्र नहीं मेरे शब्दों में आपका दिल से अभिन्नदन है शिष्य प्रणाम कर रहे गुरु आपका वंदन है जिनके माथे में चमके शिक्षा वो चंदन है शत शत प्रणाम गुरूदेव को मेरा वंदन है ©Rishika ishita【 Dil ki bat】 भाग-१ गुरू ज्ञान माँ पहला गुरु होती है जिनसे शुरू शिक्षा होती है पिता से जीवन की सीख होती है भगवान से बड़ी गुरु की पदवी होती है गुरु ज्ञान
Pankaj Singh Chawla
"पत्थर बोल पेंदे ने" लगदी है जदो ठोकर पत्थर बोलदे ने, है मेरे सीने विच वी दिल पत्थर बोल्दे ने, जदो तक चढ़ेया रहन्दा गरूर सर ते अपने ठोस होण दा, पदवी जेडी वी पा ले ओह सम्मान नही मिलदा, सिर्फ उपरो पूछ हुंदी है फिर वी अभिमान नही हिलदा, जदो तक लगे न चोट पत्थर दिल ते ओह नही पिघलदा, चोट लगन तो बाद ही पत्थर दी मूर्त बन्दी, जेड़ा पत्थर हंस के सह लवे चोट उसदी पूजा हुंदी, जेड़ा करे गरूर ओह चूर-चूर हुंदी, लगदी है जदो ठोकर पत्थर बोलदे ने, है मेरे सीने विच वी दिल पत्थर बोलदे ने।। "पत्थर बोल पेंदे ने" लगदी है जदो ठोकर पत्थर बोलदे ने, है मेरे सीने विच वी दिल पत्थर बोल्दे ने, जदो तक चढ़ेया रहन्दा गरूर सर ते अपने ठोस होण द