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Mithalesh Kumar
Mithilesh Kumar ©Mithalesh Kumar जिस प्रकार बूंद बूंद पानी से
Shikha Dubey
पत्थर जो फेंका था उसने पानी में कुछ चंद बुंदे उस पर भी गिरी होंगी हर एक गिरती बूंद में एक आस रही होगी फिर उस समंदर से मिलने की चाह रही होगी शायद उस समंदर को उतनी एहमियत ना हो उन बूंदों की पर उन बूंदों का बसर जो समंदर ही था एक एक बूंद में समंदर है समंदर से बूंद नहीं, बूंदों से समंदर है
pramod malakar
बूंद बूंद करके """""""""""""" बूंद बूंद करके जो मिलता है ज्ञान तुम्हें दिल में समेट लिया करो। चांद की रोशनी मिलती है अगर, अमावस्या की रात भी, आंखों में समेट लिया करो। मंद मंद हवाएं बहती है अगर तुम्हारे करीब से, अपनी सांसों में पीरोलिया करो। कहानी किस्मत की ऐसे ही नहीं लिखी जाती, खुशी और गम को चुपचाप पी लिया करो। तुम भी शबनम हो इस कायनात के, मुस्कुराते हुए हर पल जी लिया करो। ख्वाहिशें तो बहुत होगी दिल में , फटे लम्हों को मन के धागों से सी लिया करो । आसमान भी और जगह ढूंढ रहा है , सपनों को दायरे में समेट लिया करो। बूंद बूंद करके जो मिलता है ज्ञान तुम्हें, दिल में समेट लिया करो।। !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! प्रमोद मालाकार की कलम से !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! ©pramod malakar #बूंद बूंद करके
Anuj Ray
" दो बूंद सुधा कि अधरों से" दो बूंद सुधा की अधरों से अधरों को पिलाई थी तुमने मेरी तपती बंजर भूमि को, गंगा से नहाई थी तुमने आकृतज्ञ नहीं जो विसराती इस कदर सजाई थी तुमने. मैं हरी हुई फूली महकी , जो प्रीत बसाई थी तुमने.. दो बूंद सुधा की अधरों से अधरों को पिलाई थी तुमने दो बूंद सुधा की अधरों से
hãmräj jhâ
कांच के बाहर की परत मुझ जैसी है। बूंद जैसी तुम छूकर गुजरती रहती हो। न तुम रुकती हो, न मेरा मन भरता है। - ©hãmräj jhâ बूंद बूंद 😛+ #Twowords
Anuj Ray
सागर से छलकी, दो बूंद जल की , खुशियां भरी थीं ,जीवन के पल की । प्रेम की बावरी थी, मन के मिलन की। आशा की किरणें, बिखरी थीं हल्की।।.. सपनों की पूंजी है , ये डोर कल की, इसमें यादें बसी हैं, पहले मिलन की ।। सागर से छलकी, दो बूंद जल की, खुशियां भरी थीं, जीवन के पल की।। ©Anuj Ray #सागर से छलकी, दो बूंद जल की
Ajeet Ajeet
बारिश के बूंदें मेरे पूरे जिन्दंगी के जान और ज़हान है चाहें कोई हमेशा परेशान न रहे जब आप लोग सोचते हैं तब हम फिर क्यों रोते है ©Ajeet Ajeet एक एक बूंद से बनीं है ज़िन्दगी