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N S Yadav GoldMine

#MeriMatiMeraDesh {Bolo Ji Radhey Radhey} मनुष्य को अनुकूल - प्रतिकूल परिस्थितियों के आने पर सुखी - दु:खी नहीं होना चाहिये; क्योंकि इनसे #ज़िन्दगी

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Anjali Singhal

"किस रिश्ते में बाँधू तुझको, हर रिश्ते में प्रीत है; प्रीत का रिश्ता सबसे ऊँचा, बनाई तूने ही यह रीत है। सारा जग तुझे ऐसे चाहे, जैसे तू सबका #Videos #jaishreekrishna #AnjaliSinghal

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The Abhi facts

दुनिया का सबसे ऊँचा Fountain ⛲ कौनसा है? #Shorts #Fountain #Reels #America #जानकारी

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Anjali Singhal

"मूल्य अपना कम न आँको, मन को न फकीर बनाओ। चेतना का करो संचार, जीवन को न जड़ बनाओ। मुश्किल का डटकर करो सामना, हालात से न तुम घबराओ। अच्छा है #Poetry #AnjaliSinghal

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल  सच को मिलती हैं गालियाँ देखो । झूठ पे बजती तालियाँ देखो ।।१ #शायरी

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ग़ज़ल 
सच को मिलती हैं गालियाँ देखो ।
झूठ पे बजती तालियाँ देखो ।।१

पेट कितना भरा हमारा है ।
तुम भी आकर ये थालियाँ देखो ।।२

काट कर पेट बेटियाँ पाली ।
क्या बचा आज झोलियाँ देखो ।।३

नाम ऊँचा जरूर होगा कल ।
पढ़ रही आज बेटियाँ देखो ।।४

किसका मक़सद हुआ यहाँ पूरा ।
हर बशर में हैं सिसकियाँ देखो ।।५

वो नहीं फिर मिले कभी हमसे ।
बन्द जबसे ये खिड़कियाँ देखो ।।६

आह दिल से अगर मिरे निकली ।
टूट जायेगी फिर बेडियाँ देखो ।।७

पीठ पे मार कर चले ख़ज़ंर ।
मीठी जिनकी थी बोलियाँ देखो ।।८

रूह तक हो गई प्रखर घायल ।
भीगती आप आँखियाँ देखो ।।९

२२/१२/२०२३   - महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR 

ग़ज़ल 

सच को मिलती हैं गालियाँ देखो ।

झूठ पे बजती तालियाँ देखो ।।१

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल किसलिए है बेचारी किस्मत । कर्म के आगे हारी किस्मत ।।१ #शायरी

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ग़ज़ल

किसलिए है बेचारी किस्मत ।
कर्म के आगे हारी किस्मत ।।१

मैं न जानूँ इन रेखाओं को ।
मेरी तो महतारी किस्मत ।।२

नाम ऊँचा कल होगा मेरा ।
कर लूँ मैं अब दो धारी किस्मत ।।३

तू भाग्य भरोसे क्यों है बैठा ।
तेरी तो अभी कुँवारी किस्मत ।।४

वक्त के साथ चला जो भी है ।
उसकी नही है जुआरी किस्मत ।।५

अब गया मान देखो इस सच को ।
की अपनी तो दुखयारी किस्मत ।। ६

जो नहीं था अपने जीवन में ।
क्यों उस पर भी मतिमारी किस्मत ।।७

भूल जो हमने की बचपन में ।
अब उसका कर्ज उतारी किस्मत ।। ८

कुछ न अब याद प्रखर तुम करना ।
तुम पर है यह बलिहारी किस्मत ।।९

३०/१०/२०२३   -   महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल


किसलिए है बेचारी किस्मत ।

कर्म के आगे हारी किस्मत ।।१

Kulvant Kumar

नारी इतनी असहाय होती है, उसे पति से, पुत्र से, सभी से इतना लांछन, अपमान और तिरस्कार मिलता है कि पूजा पाठ न हो तो पशु बन जाए। पूजा पाठ ने ही #Life

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

वीणादण्ड़ छन्द  121  112  122   222 मिले फिर नया सवेरा जागे जो । #कविता

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वीणादण्ड़ छन्द 
121  112  122   222

मिले फिर नया सवेरा जागे जो ।
न मेहनत से कभी भी भागे जो ।।
तभी उदय भाग्य का ऊँचा होगा ।
न सोच अब क्या यहाँ नीचा होगा ।।


१३/०९/२०२३    -   महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR वीणादण्ड़ छन्द 

121  112  122   222



मिले फिर नया सवेरा जागे जो ।

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- तुझे ऊँचा अफसर बनाने की हसरत है । जहाँ तक पढ़े तू पढ़ाने की हसरत है ।।१ खिलों फूल सा अब हँसाने की हसरत है । तुम्हारे लिए चाँद लाने क #शायरी

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ग़ज़ल :- 

तुझे ऊँचा अफसर बनाने की हसरत है ।
जहाँ तक पढ़े तू पढ़ाने की हसरत है ।।१

खिलों फूल सा अब हँसाने की हसरत है ।
तुम्हारे लिए चाँद लाने की हसरत है ।।२

हटाकर मैं काँटे तेरे रास्ते के
डगर साफ़ सुथरी दिखाने की हसरत है ।।३

करो खूब बेटी सदा नाम जग में ।
यही कीर्ति तुमको दिलाने की हसरत है ४

महादेव लाए घड़ी वह सुहानी ।
कि डोली तुम्हारी सजाने की हसरत है ५

कली बाग की तुम हमारी हो पहली ।
तुम्हें देख कर मुस्कुराने की हसरत है ।। ६

खुशी से मनाए प्रखर दिन तुम्हारा ।
खुशी आज पूरी जताने की हसरत है ७

१४/०८/२०२३    - महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- 

तुझे ऊँचा अफसर बनाने की हसरत है ।
जहाँ तक पढ़े तू पढ़ाने की हसरत है ।।१

खिलों फूल सा अब हँसाने की हसरत है ।
तुम्हारे लिए चाँद लाने क

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

विषय :- आजाद भारत विधा :- सार छन्द ,१६,१२पर यति आजाद भारत की लिखें हम , मिलकर नई कहानी । आओ आज बताएँ सबको , हम सब हिन्दुस्तानी ।। आजाद #कविता

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विषय  :- आजाद भारत 
विधा :-   सार छन्द ,१६,१२पर यति

आजाद भारत की लिखें हम , मिलकर नई कहानी ।
आओ आज बताएँ सबको , हम सब हिन्दुस्तानी ।।
आजाद भारत की लिखें हम....

सबका हक है एक बराबर,  यहाँ सभी है ऊँचा ।
सबकी मंजिल एक यहाँ पर , और एक है कूँचा ।।
कदम मिलाकर नारी चलती , थी पुरुषों ने ठानी ।
उतरी वह विश्वास लिए फिर , करी न आनाकानी ।।
आजाद भारत की लिखें हम....

एक कमाए घर भर खाए , नही चलेगा ऐसे ।
आओ मिलकर काम करे हम , लाए फिर दो पैसे ।
इसी सोंच ले लिख डाली , देखो एक कहानी ।
इक के पीछे एक चला फिर , सबको थी हैरानी ।।
आजाद भारत की लिखें हम....

बच्चों को स्कूल भेजकर हम , शिक्षित उन्हें बनाएं ।
और बाल श्रम पर रोक लगे , आवाज हम उठाए ।।
आने वाले कल को हम दे , सुंदर एक निशानी ।
अलग बने पहचान हमारी , देनी हर कुर्बानी ।
आजाद भारत की लिखें हम....

चाहे जैसा हो कल अपना , साहस बाँधें रहना ।
यही सूत्र था तब जीवन का , हर मुश्किल से लड़ना ।
कितना भी हो वक्त बुरा सुन , होगी फिर आसानी ।
खूब बहेंगी दूध कि नदियाँ , क्यों आखों में पानी ।
आजाद भारत की लिखें हम ...

आजाद भारत की लिखें हम ,मिलकर नई कहानी ।
आओ आज बताएं सबको , हम सब हिन्दस्तानी ।।

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR विषय  :- आजाद भारत 
विधा :-   सार छन्द ,१६,१२पर यति

आजाद भारत की लिखें हम , मिलकर नई कहानी ।
आओ आज बताएँ सबको , हम सब हिन्दुस्तानी ।।
आजाद
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