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Bhaskar Anand
यशवंत कुमार
वो चेहरा 'तुम्हारा' है मेरी बातों का मेरे जज्बातों का मेरे ख्यालों का मेरे सवालों का Read in caption... वो चेहरा "तुम्हारा " है। मेरी बातों का मेरे जज्बातों का मेरे ख्यालों का मेरे सवालों का मेरी तन्हाईयों का मेरी परछाईयों का
Rohit Potdar
का बरं का ? "Koni Pratyaksha pyeksha Gelyavarach jasta prem jaanavte." Haa difference vedich sarkavta aala nahi. Tar aayushya aani tyatli loko, fakt aathvan mahnun rahun jhatil aani tasecha jagave lagtil. का बरं का ?
Atul Sharma
*📚 *“सुविचार"*🖋️ 📘 *“10/11/2021”*📝 ✨ *“बुधवार”*🌟 “संसार” के सबसे “कठोर धातु” में से एक है “लोहा”, “लोहे” से हम “अस्त्र-शस्त्र” प्राप्त कर सकते है, “अनेक वस्तुएं” प्राप्त कर सकते है, अब इस “लोहे” को प्राप्त करने के लिए, इस “लोहे” को प्राप्त करने के लिए किसका उपयोग किया जाता है ? “लोहे” का ही...ये बात हम सभी जानते है कि “लोहे” से ही “लोहे को काटा” जाता है, इसके आगे एक बहुत बड़ा “प्रश्न” आ जाता है, जो बहुत बड़ी “सीख” दे जाता है,ऐसा क्यों होता है ? कि हम “लोहे” से ही “प्रहार” कर रहे है “लोहे” पर किन्तु जिस “लोहे से प्रहार” कर रहे है उस “लोहे का आकार” नहीं बदल रहा, जिस पर “प्रहार” कर रहे है उस “लोहे का आकार” बदल रहा है, इसमें “अंतर” क्या है...इसमें अंतर है “तापमान” का,जिस “लोहे” को हमें बढ़ाना है और “काटना” है उस “लोहे को गर्म” किया जाता है और जिस “लोहे” से हमें “प्रहार” करना है उस “लोहे को ठंडा” रखा जाता है, अर्थात “ठंडा” लोहा “गर्म” लोहे को काटता है,अब देखिए हमारे “जीवन” में भी “समस्याएं” भी आती है हमें इस बात पर ध्यान रखना चाहिए कि हमें हमारे मन को “शांत” रखना है यदि हम “क्रोध” और “ईष्र्या” की “अग्नि” में जलते रहें,“द्वेष की अग्नि” में जलते है तो हम भी उस “लोहे की भांति” हो जाएंगे जिसका “तापमान” कई अधिक है,तब कोई भी आके हमें “क्षति” पहुंचा सकता है,याद रखिए जिसकी सबसे अधिक “स्थिर बुद्धि” है,जो सबसे “शांत व्यक्ति” है वो सबसे अधिक “बलशाली” है... *“अतुल शर्मा”🖋️📝* ©Atul Sharma *📚 *“सुविचार"*🖋️ 📘 *“10/11/2021”*📝 ✨ *“बुधवार”*🌟 *#“कठोर धातु”* *#“लोहा”*
Author Munesh sharma 'Nirjhara'
"अधूरापन ही खींचता है अपनी ओर पूर्ण हो जाने के लिए..." अधूरापन भावों का...सोच का....विचारों का...
Mayank Pandit
आज कल लोग सच्चे प्यार की नही, बस कुछ दिन साथ दे ऐसे यार की खोज करते है, आज कल तो सकल भी नही देखते लोग, 10 मिनट की चॅटिंग मे डिरेक् पुरपोज करते है, और कहते है की बेबी हम भी मशूर हो लैला मजनू की तरह इस जमाने मे, मगर उनको क्या पता जिंदगी से अल्बिदा कहना पड़ता है इश्क़ का इतिहास बनाने मे. . poet - mayank pandit आज का का इश्क़
NE Changeharwala
मौत के बाद ए है जिंदगी का सच बीवी मकान तक लोग शमशान तक बेटा अग्नि तक लेकिन ईमान ईमान.....स्वर्ग तक ! जिंदगी का का सच
Ganesh Barupal
शादी का बंधन... प्यार का बंधन.... जीवन का बंधन.. रिश्तों का बंधन....