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Sunita Pathania
अनुज
देख कर नयन श्री राम के चरण सिया मुस्कानी स्वयंवर में शिव के धनुष तोड़ रघुवर ने रच दी नई कहानी जयघोष से गूंजा नगर सारा राजा राम की दुल्हन बनी सिया रानी.. #सियाराम_विवाह🙏🚩 ©अनुज देख कर नयन श्री राम के चरण सिया मुस्कानी स्वयंवर में शिव के धनुष तोड़ रघुवर ने रच दी नई कहानी जयघोष से गूंजा नगर सारा राजा राम की दुल्ह
देख कर नयन श्री राम के चरण सिया मुस्कानी स्वयंवर में शिव के धनुष तोड़ रघुवर ने रच दी नई कहानी जयघोष से गूंजा नगर सारा राजा राम की दुल्ह
read moreonlinepuja
हवन अथवा यज्ञ का जीवन में विशेष महत्व है - #Homam #havan #onlinepuja #Trending #ViralVideo #Facts Hinduism
read moreDevanand Jadhav
Sanatan_Sanskriti_Shubhash
चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर पाहिमाम् | चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर रक्षमाम् ‖1 ‖ अर्थ – हे चन्द्रशेखर (भगवान जिनका मुकुट चंद्रमा ह
read moreneelu
White Yesterday I saw a few episodes of the Mahabharat series and today all I can say is विजय भव .....कल्याण हो.. Thank God... ©neelu #sad_quotes #Yesterday I #saw a few episodes of the #Mahabharat series and today all I can say is विजय भव .....कल्याण हो.. Thank God...
#sad_quotes #yesterday I #Saw a few episodes of the #Mahabharat series and today all I can say is विजय भव .....कल्याण हो.. Thank God...
read moreAvinash Jha
कुरुक्षेत्र की धरा पर, रण का उन्माद था, दोनों ओर खड़े, अपनों का संवाद था। धनुष उठाए वीर अर्जुन, किंतु व्याकुल मन, सामने खड़ा कुल-परिवार, और प्रियजन। व्यूह में थे गुरु द्रोण, आशीष जिनसे पाया, भीष्म पितामह खड़े, जिन्होंने धर्म सिखाया। मातुल शकुनि, सखा दुर्योधन का दंभ, किंतु कौरवों के संग, सत्य का कहाँ था पंथ? पांडवों के साथ थे, धर्म का साथ निभाना, पर अपनों को हानि पहुँचा, क्या धर्म कहलाना? जिनसे बचपन के सुखद क्षण बिताए, आज उन्हीं पर बाण चलाने को उठाए। "हे कृष्ण! यह कैसी विकट घड़ी आई, जब अपनों को मारने की आज्ञा मुझे दिलाई। क्या सत्य-असत्य का भेद इतना गहरा, जो मुझे अपनों का ही रक्त बहाए कह रहा?" अर्जुन के मन में यह विषाद का सवाल, धर्म और कर्तव्य का बना था जंजाल। कृष्ण मुस्काए, बोले प्रेम और करुणा से, "जो सत्य का संग दे, वही विजय का आस है। हे पार्थ, कर्म करो, न फल की सोच रखो, धर्म की रेखा पर, अपना मनोबल सखो। यह युद्ध नहीं, यह धर्म का निर्णय है, तुम्हारा उद्देश्य बस सत्य का उद्गम है। ©Avinash Jha #संशय #Mythology #aeastheticthoughtes #Mahabharat #gita #Krishna #arjun
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read moreYogi Raj Bharti
इन्द्र धनुष सा है जीवन मेरा जवानी में असमान में बिखर रहा हूँ बुढ़ा होकर इक दिन में भी इन्द्र धनुष सा बिखर जाऊंगा भूल जाता हूँ अक्सर में भी अतीत मेरा कैसा गुजरा है नई ऊंचाईयों की चाहत में मैं भी अतीत बनकर रह जाऊँगा ©Yogi Raj Bharti इन्द्र धनुष और अतीत
इन्द्र धनुष और अतीत
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