Find the Latest Status about यजामहे सुगंधिम from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, यजामहे सुगंधिम.
harshit tyagi
उठता रहूँ जमीन से ,गिर के बारम्बार डरना क्या संसार से जब स्वयं शिवजी हैं आधार... महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं हर हर महादेव 🙏🏻 ©harshit tyagi ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥ देवाधिदेव महादेव भगवान भोलेनाथ की आराधना के पावन
Ruchi Baria
ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ।। ॐ नम: शिवाय।। ©Ruchi Baria ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः ज
Ruchi Baria
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥ ©Ruchi Baria ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥ "हम त्रि-नेत्रीय वास्तविकता का चिंतन करते हैं जो
Mahadev Son
ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे, सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्, मृत्योमुर्क्षीय मामृतात्। सावन सोमवार की शुभकामनाएं! ©Mahadev Son ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे, सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्, मृत्योमुर्क्षीय मामृतात्। सावन सोमवार की शुभकामनाएं!
Sourabh Baisla
महामृत्युंजय मंत्र ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् | उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् || मंत्र का अर्थ हम त्रिनेत्र को पूजते हैं, जो सुगंधित हैं, हमारा पोषण करते हैं, जिस तरह फल, शाखा के बंधन से मुक्त हो जाता है, वैसे ही हम भी मृत्यु और नश्वरता से मुक्त हो जाएं। ©Sourabh Baisla ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् | उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ||#shiva #Bholenath #Mahamrityunjaya #mantra #vir
Deepa Kandpal
Nir@j
ॐ नमः शिवाय ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ !! #ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भू
Nir@j
ॐ नमः शिवायः' नमामीशमीशान निर्वाण रूपं, विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदः स्वरूपम् । निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं, चिदाकाश माकाशवासं भजेऽहम् ॥ निराकार मोंकार मूलं तुरीयं, गिराज्ञान गोतीतमीशं गिरीशम् । करालं महाकाल कालं कृपालुं, गुणागार संसार पारं नतोऽहम् ॥ तुषाराद्रि संकाश गौरं गभीरं, मनोभूत कोटि प्रभा श्री शरीरम् । स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारू गंगा, लसद्भाल बालेन्दु कण्ठे भुजंगा॥ चलत्कुण्डलं शुभ्र नेत्रं विशालं, प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम् । मृगाधीश चर्माम्बरं मुण्डमालं, प्रिय शंकरं सर्वनाथं भजामि ॥ प्रचण्डं प्रकष्टं प्रगल्भं परेशं, अखण्डं अजं भानु कोटि प्रकाशम् । त्रयशूल निर्मूलनं शूल पाणिं, भजेऽहं भवानीपतिं भाव गम्यम् ॥ कलातीत कल्याण कल्पान्तकारी, सदा सच्चिनान्द दाता पुरारी। चिदानन्द सन्दोह मोहापहारी, प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी ॥ न यावद् उमानाथ पादारविन्दं, भजन्तीह लोके परे वा नराणाम् । न तावद् सुखं शांति सन्ताप नाशं, प्रसीद प्रभो सर्वं भूताधि वासं ॥ न जानामि योगं जपं नैव पूजा, न तोऽहम् सदा सर्वदा शम्भू तुभ्यम् । जरा जन्म दुःखौघ तातप्यमानं, प्रभोपाहि आपन्नामामीश शम्भो ॥ रूद्राष्टकं इदं प्रोक्तं विप्रेण हर्षोतये ये पठन्ति नरा भक्तयां तेषां शंभो प्रसीदति।। ॥ इति श्रीगोस्वामितुलसीदासकृतं श्रीरुद्राष्टकं सम्पूर्णम् ॥ #ॐ नमः शिवाय ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ
Vishw Shanti Sanatan Seva Trust
ॐ नमः शिवाय ©Vishw Shanti Sanatan Seva Trust ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् । उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ॥ सभी को शिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं
KrissWrites
ॐ नमः शिवाय (2) हर हर महादेव मै केदारनाथ, मै विश्वनाथ मै महाकालेश्वर, मै बैजनाथ मै ओंकारेश्वर, मै नागेश्वर मै सोमनाथ, मै घृष्णेश्वर मै त्रयमबकेश्वर, मै भीमशंकर मै मल्लिकार्जुन, मै रामेश्वरम मै शिव हूॅ मै ही शंकर ॐ नमः शिवाय (2) हर हर महादेव द्वापर या सतयुग मै कृष्ण हूॅ मै राम हूॅ मै कंश हूॅ मै रावण हूॅ मै मृत्युंजय मै विनाशक हूॅ मै हनुमान हूॅ मै परशुराम हूॅ कलयुग का मै कालके हूॅ हर हर महादेव ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॥ यह कृष्णायादव दवारा लिखित शिव ताण्डवस्तोत्रं सम्पूर्ण हुआ ॥ ©kriss.writes ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ नमः शिवाय (2) हर हर महादेव मै शिव हूॅ मै ही शंक