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Mď Âĺfaž" ["Šĥªयरी Ķ. दिवाŇ."]
["खुशी के असली मायने"] जो इंसान खुद को खुश रख सकता है, वह अपनों को भी खुश रख सकता है। ["सच्ची खुशी की तलाश"] जो इंसान अपनी खुशी दूसरों में ढूंढ़ता है, वह जीवन में कभी खुश नहीं रह सकता। ©Mď Âĺfaž" ["Šĥªयरी Ķ. दिवाŇ."] #Shades ["#सच्ची #खुशी की #तलाश तलाश"] #hindi shayari #motivational shayari #shayari on love
Bhupendra Uikey
White बारिश की एक बूंद सागर की तलाश में ©Bhupendra Uikey #Thinking बारिश की एक बूंद सागर की तलाश में life quotes in hindi
#Thinking बारिश की एक बूंद सागर की तलाश में life quotes in hindi
read moreBhupendra Uikey
बारिश की एक बूंद सागर की तलाश में 🌺👰 ©Bhupendra Uikey बारिश की एक बूंद सागर की तलाश में
बारिश की एक बूंद सागर की तलाश में
read moreआधुनिक कवयित्री
Book quotes मत खोलना मेरी जिंदगी की पुरानी किताबों को... मैं जो थी, अब नहीं हूँ, और जो हूं..... वो किसी को पता नहीं..!! 🤫 ©आधुनिक कवयित्री गुमशुदा ख़ुद की तलाश में........
गुमशुदा ख़ुद की तलाश में........
read moreDeependra Dubey
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset हमारी आंखें आज भी उन्हीं को तलाश रही। जिन्होंने हमें बेवफ़ा नाम दिया था। ©Deependra Dubey #तलाश शायरी
#तलाश शायरी
read moreShivani Anuragi
#❤️🩹uljhi ladki 🥺 कुछ उलझी सी लड़की मैं .... thodi suljhi सी लड़की मै ..... सपने मंजिले रूठ गए ... .अधूरे रास्ते में ।दुनिया भूलकर बस खुद को ढूढ़ रही हु .. अपने आप में ©Shivani Anuragi खुद की तलाश 🥺💗
खुद की तलाश 🥺💗
read moreStƴɭɩsʜ Tɩŋkʋ
White मोहब्बत और नौकरी में कोई फर्क नहीं ! इंसान करता रहेगा, रोता रहेगा पर छोड़ेगा नहीं !! ©Stƴɭɩsʜ Tɩŋkʋ मोहब्बत और नौकरी #Advice&Motivation #subichar
Rameshkumar Mehra Mehra
Unsplash पहले भी मुसाफ़िर थे... आज भी मुसाफ़िर है.....! पहले किसी की तलाश मे थे....!! और अब अपनी तलाश में...!!! ©Rameshkumar Mehra Mehra # पहले भी मुसाफ़िर थे,अब भी मुसाफ़िर है,पहले किसी की तलाश में थे,और अब अपनी तलाश में है..
# पहले भी मुसाफ़िर थे,अब भी मुसाफ़िर है,पहले किसी की तलाश में थे,और अब अपनी तलाश में है..
read moreअभिव्यक्ति और अहसास -राहुल आरेज
White नौकरी बजानी होती है सहाब, झोला उठाकर निकल जाता हूं लौट आता निस्तेज मै क्या करूं, पेट बडा हो गया है मेरा सब डकार जाता है रद्दी हो या बेकार, नौकरी बजानी होती है सहाब पकने लगे है अब बाल मेरे , सब पता है फिर भी चलायमान तन मन, रूकता कहां है थमता कहां है हा ठिकाना भी जानता हूं साठ के बाद का वही पिछले का पुराना पलंग , गंदी तकिया और वो अंतिम पथ का प्रथम कोना। हास्यपद है फिर भी नौकरी बजानी पडती है सहाब। ©अभिव्यक्ति और अहसास -राहुल आरेज नौकरी बजानी होती है सहाब
नौकरी बजानी होती है सहाब
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White है अगर तलाश सुकून की जिन्दगी में इस्तकबाल करना सीख लो तन्हाई का जिन्दगी में ©हिमांशु Kulshreshtha जो है तलाश...
जो है तलाश...
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