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Amaan Moradabadi
चाहें नज़रे हो आसमानो पर , पाँव लेकिन ज़मीन पर रखिये ! एकटुक मुझको देखे जाती है , अपनी नज़रो पे कुछ नज़र रखिये ! ~ निखत जी
NIKHAT (दर्द मेरे अपने है )
पता है कभी कभी मुझे येह फूल भी अजीब लगता है खुद मे बसा कर मुझे कहता है निखत तेरे बिना दिल नहीं लगता है निखत मतलब खुशबू ©NIKAT(घायल अलफ़ाज़ मेरे ) #निखत फूलो की मै R Ojha Neel J P Lodhi. Mahi Ek Alfaaz Shayri डॉ.वाय.एस.राठौड़ (.मीत.) ग्वालियर heartlessrj1297 ADV.काव्या मझधार( DK) महाक
NIKHAT (दर्द मेरे अपने है )
हर शख्श परेशान है,हर दिल गमगीन है कितनो के दर्द सीने मे छुपाओ गे मुरशदददददददद कितनो के आंसू पिजाओ गे हर घूट से कलेजा काट जाये गा हर आँखों का पानी नमकीन है निखत की ♥️की बात निखत के ✍️से ©NIKHAT الفاظ جو دل کو چھو لے #निखत की ♥️की बात J P Lodhi. ᴩᴏᴏᴊᴀ ᴜᴅᴇꜱʜɪ Mahi Aditya kumar prasad अभिषेक योगी (alfaaz_बावरे) Ek Alfaaz Shayri Riti sonkar Ambika Mallik A
NIKHAT (दर्द मेरे अपने है )
इक़बाल मेरा शेर क्या मेरा ज़िक्र क्या मेरा कलम क्या मेरा कमाल था मेरे जुबां से जो निकल गई वो शहद थी जो लिपट गई मेरे ज़ेहन मे जो ख्याल था जो लिखा था सब मै मिसाल है मेरी जान थी जब जिस्म मे मेरी हर अदा मे कमाल था मै इक़बाल था वो कलमकार जो मै लिख गया लगातार था निखत के कलम से तारीफे इक़बाल ©NIKHAT الفاظ جو دل کو چھو لے #निखत के कलम से "ARSH"ارشد Mahi shashi kala mahto FURKAN KHARODIYA Ambika Mallik Riti sonkar ADV.काव्या मझधार( DK) महाकाल उपासक Lalit Saxe
NIKHAT (दर्द मेरे अपने है )
आकर मुहब्बत मे ऐसा क्यों होता है एक बात करने को तरसता है और दूसरा चैन से सोता है मेरे दर्द को कमाल नहीं, उसे कोई भी मलाल नहीं मेरी नींद आँखों से उड़ गई , उसकी आँखे अब भी सराबोर है मुझे उसकी ही बस चाहत है उसे बस अपना ही ख्याल है मेरी रात दिन बेचैन है, उसे तो चैन की तलाश है मेरी रूह मे वो समा गया,उसे जिस्म की बस चाह है मेरे लबों पे उसका ही नाम है, उसे होते चूमने का अरमान है मै फूल रही कोमल सदा, उसे चिकनी पत्तियों की आस है ना कुचलो तुम मुझे इस क़द्र,मै हु बाग़ की ज़ीनत सदा मै बसी हु इन फूलो मे मै हु फूलो की निखत गमज़ादा ©NIKHAT الفاظ جو دل کو چھو لے #फूलो की निखत ᴩᴏᴏᴊᴀ ᴜᴅᴇꜱʜɪ Sircastic Saurabh Shiv Narayan Saxena Mili Saha Ambika Mallik Mahi Umme Habiba अभिषेक योगी (alfaaz_बावरे) Riti
NIKHAT (दर्द मेरे अपने है )
मै मोम की गुड़िया नहीं जो रो रो कर पिघल जाऊंगी मै सूरज हु जो एक नई सुबह लाऊंगी हो गा वो मेरा दुश्मन जो अब खाये गा मुझपे तरस देखे गा अब पूरी दुनिया मेरा हिम्मत का लोहा अब के बरस ऐ आंसुओ तुम जान लो अब मै कमज़ोर नहीं अब मै नहीं बहु गी तुम्हारी बहाओ मे मै निखत हु निखत बस महक कर सारी गुलशन को मै महकाऊंगी ©NIKHAT الفاظ جو دل کو چھو لے #निखत फूलो की प्रशांत की डायरी Dil E Nadan Shiv Narayan Saxena Aditya kumar prasad ADV.काव्या मझधार( DK) महाकाल उपासक Madhusudan Shrivasta