Find the Latest Status about धातु रूप संस्कृत में from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, धातु रूप संस्कृत में.
Anjali Singhal
White "शिव नाम की पावन ज्योति नैनों में समाई, अंग-अंग भस्म रमाकर सती प्रेम में डूबी जाई। मन इतना निश्चल तन को अपने अग्नि में भस्म कर जाई, पार्वती रूप में पुनर्जन्म लेकर शिव संग ब्याह रचाई।।" #महाशिवरात्रि #हर____हर___महादेव ©Anjali Singhal "शिव नाम की पावन ज्योति नैनों में समाई, अंग-अंग भस्म रमाकर सती प्रेम में डूबी जाई। मन इतना निश्चल तन को अपने अग्नि में भस्म कर जाई, पार्वती
"शिव नाम की पावन ज्योति नैनों में समाई, अंग-अंग भस्म रमाकर सती प्रेम में डूबी जाई। मन इतना निश्चल तन को अपने अग्नि में भस्म कर जाई, पार्वती
read moreTARUN KUMAR VIMAL
White हमारे देश मे कितने भोले लोग है, वो पत्थर से कागज और धातु मांगते है ©TARUN KUMAR VIMAL #love Extraterrestrial life हमारे देश मे कितने #भोले लोग है, वो पत्थर से #कागज और #धातु मांगते है #tarun_kumar_vimal #tarunkumarvimal #देश
love Extraterrestrial life हमारे देश मे कितने #भोले लोग है, वो पत्थर से #कागज और #धातु मांगते है #tarun_kumar_vimal #tarunkumarvimal #देश
read moreगुरु देव[Alone Shayar]
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset Hey 👋 frd how's you today 👋 ©गुरु देव[Alone Shayar] #SunSet शायरी हिंदी में शायरी दर्द Sanju Slathia संस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु Vikram vicky 3.0 Neel KK क्षत्राणी
#SunSet शायरी हिंदी में शायरी दर्द Sanju Slathia संस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु Vikram vicky 3.0 Neel KK क्षत्राणी
read moreसंस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु
New Year Resolutions तरुः यथावत् तिष्ठति, कदापि परिवर्तनं न करिष्यति हिन्दी अनुवाद तरु जैसी है वैसी ही रहेगी खुद को कभी बदलने ना देगी ©संस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु २०२४ के अध्याय को अलविदा २०२५ के अध्याय का आरंभ #wellwisher_taru #नववर्ष #Nojoto #Poetry #Life #कवितावाचिका #संस्कृत #newyearresolution
२०२४ के अध्याय को अलविदा २०२५ के अध्याय का आरंभ #wellwisher_taru #नववर्ष Poetry Life #कवितावाचिका #संस्कृत newyearresolution
read moreगुरु देव[Alone Shayar]
Unsplash बरबादी में मेरी बैसे तो तुम ही सबसे ज्यादा हकदार हो.. हमने इल्जाम तुम पे ना लगाया तो हमें अंजान ना समझ लेना. ©गुरु देव[Alone Shayar] #library हिंदी शायरी शायरी संस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु KK क्षत्राणी Satish vimlesh Gautamhttps://youtube.com/@jindgikafasana6684?si=q
#library हिंदी शायरी शायरी संस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु KK क्षत्राणी Satish vimlesh Gautamhttps://youtube.com/@jindgikafasana6684?si=q
read moreRam Prakash
Unsplash प्रेम क्या है शराबी से हो जाता है शादी के बाद रूप रोता है भाग्य खाता है ©Ram Prakash #lovelife रूप
#lovelife रूप
read moreAnuj Ray
White खुशी का रूप" जैसे ही खुशी की बात बताई अवनि ने जाके अंबर से की, बनने वाले हो तुम पिता, उठा के गोद में अवनी को मारे ख़ुशी के पागलों की तरह नाचने लगा, डम डम डिगा डिगा। ऐसा ख़ुशी का रूप देखने वालों से रहा न गया, हर कोई जोर-जोर से खिलखिला के हंस पड़ा। ©Anuj Ray # ख़ुशी का रूप"
# ख़ुशी का रूप"
read moreMayuri Bhosale
रूप तुझे .... रूप तुझे अंधारात लखलखणाऱ्या प्रकाशित ताऱ्यांसारखे. रूप तुझे कोळशाच्या खाणीत चमचमणाऱ्या हिऱ्यासारखे. रूप तुझे सागरात असणाऱ्या शिंपल्यातील शुभ्र मोत्यासारखे. रूप तुझे मोगऱ्याचा सुगंध बागेत दरवळल्यासारखे. रूप तुझे साजिरी गोजिरी दिसणाऱ्या नक्षत्रासारखे. रूप तुझे मंद झुळझुळ वाहणाऱ्या संथ वाऱ्यासारखे. रूप तुझे रात्रीच्या गोड लाजणाऱ्या चंद्रासारखे. रूप तुझे सुंदर मनाला भुरळ घालणाऱ्या मोहिनी सारखे. ©Mayuri Bhosale #रूप तुझे
#रूप तुझे
read moreसंस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु
White मातामही मातामहः ग्राम: अहं तत् क्षणं बहु मधुरं मन्ये यः ग्रामे निवसति स्म पन्थाने कृषिक्षेत्राणि,कोष्ठानि च गृहीतः, मया सः क्षणः वास्तवमेव अतीव मधुरः इति ज्ञातम्। पूर्वं यदा मम मातामही मातामहः ग्रामः अहं बाल्यकाले गच्छामि स्म, हिन्दी अनुवाद नाना नानी के गांव वो क्षण ही बड़ा प्यारा लगा करता था जो गांव में बिता करता था पगडंडी पर खेत खलिहानों का जायजा लिया जाता था, सच वो क्षण बड़ा ही प्यारा लगा करता था जब नाना नानी के गांव बचपन में जाना हुआ करता था, ©संस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु स्वलिखित संस्कृत रचना हिन्दी अनुवाद सहित शीर्षक नाना नानी के गांव मातामही मातामहः विधा विचार भाव वास्तविक #Trending #wellwisher_taru #Po
स्वलिखित संस्कृत रचना हिन्दी अनुवाद सहित शीर्षक नाना नानी के गांव मातामही मातामहः विधा विचार भाव वास्तविक #Trending #wellwisher_taru Po
read moreJitendra Giri Hindu
"1. **यथा वा वदति सदा तद्वदन्तु तत्त्वदर्शिनः।** - "जैसा कोई कहता है, वैसा ही सदैव सच को कहो।" 2. **कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।** - "आपका अधिकार केवल कार्य पर है, फलों पर नहीं।" 3. **सर्वधर्मान्परतित्यज्य मामेकं शरणं व्रज।** - "सभी धर्मों का त्याग करके केवल मेरी शरण में आओ।" 4. **वक्तव्यं न हि नष्टं न चान्यस्य समृद्धि।** - "किसी के अपमान के लिए शब्दों का अनर्थ नहीं होना चाहिए।" 5. **आगमोऽपि सदा शान्ति यस्तु संकल्पयेत् सदा।** - "जो संकल्प करता है, वह सदा शांति प्राप्त करता है।" 6. **विद्या ददाति विनयं विनयाद्यति पात्रताम्।** - "ज्ञान विनय को देता है, विनय से पात्रता प्राप्त होती है।" 7. **सत्यं वद धर्मं चर।** - "सत्य बोलो और धर्म का पालन करो।" 8. **दृष्ट्वा वा ज्ञात्वा वा परार्थं त्यजेत् स्वार्थम्।** - "दृष्टि से या ज्ञान से, स्वार्थ का त्याग कर देना चाहिए।" ©Jitendra Giri Hindu "संस्कृत उद्धरण: ज्ञान और प्रेरणा का स्रोत" संस्कृत, उद्धरण, ज्ञान, प्रेरणा, जीवन, धर्म, सत्य, विनय, कर्म, संस्कृति, शांति, राजा, उत्कर्ष, स
"संस्कृत उद्धरण: ज्ञान और प्रेरणा का स्रोत" संस्कृत, उद्धरण, ज्ञान, प्रेरणा, जीवन, धर्म, सत्य, विनय, कर्म, संस्कृति, शांति, राजा, उत्कर्ष, स
read more