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Santosh Jangam
White "विचार - शक्ती" सद्विचारांची ज्योत, पेटवा मनी, ध्येय धरावं, विशाल आसमानी। कर्तव्य पथ हा, घेईल आकार, ध्यास जीवनाचा, यशस्वी साकार॥ उत्तम विचारचं, ठसवा मनी, आचरणात यावा, ध्यान लावुनी। पुस्तकी ज्ञान मग मागे टाकुनी, हाच खरा बोध, तुंम्ही घ्या जाणुनी॥ पराजय ही, विजयाची जननी, हीच ती सुंदरता, सुखी जीवनी। नित्य निरंतर, करावं सत्कर्म, हीन जे संस्कार, न होई विस्तीर्ण॥ ज्योती सम असावी, विचारा धारा, कर्मचं वाही, शक्तीचा स्रोत सारा। जीवनी सकारात्मक, बिज पेरा, सुखद भविष्य, येईल आकारा।। बालमनी पेरा, सुविचार बिज, आत्मबळ करी, विश्वासाचं चीज। जीवनाच लक्ष, दिसे नजरेत, आयुष्य सफलता, येई कवेत।। निराश हृदय, विचारा अडसर, प्रकाशित मन, दावी अवसर। सुविचार मग, करतीलं संचार, आत्मसम्मानास, येईलं उभार।। विघ्न येता वाटेस, रहावे शांत, आशा ज्योत उजळी, मनी निवांत। मिळेलं शुद्ध, विचारास एकांत, समृद्ध पथ हा, दृष्टीस साक्षात।। शरीर हे, विचार प्रकट रूप, राष्ट्र हेचं जन-मनाचे स्वरूप। शुद्धता, सद्विचारांची अभिव्यक्ती,जीवनातं नसावी, निराशा चित्ती।। करूया विचार, साम्राज्य निर्माण, धरूया उंच, आशात्मक निशाण। गाठूया स्वप्न ही, प्रयत्न पंखानी, जगूया जीवन, आनंदी-सन्मानी।। ©Santosh Jangam #कविता : सकारात्मक विचारांनी यश मिळवा, चुकांपासून शिका, चांगले कर्म करा आणि आत्मविश्वास बाळगा. अशा विचारांनी स्वतः आणि राष्ट्र उन्नती करा.
#कविता : सकारात्मक विचारांनी यश मिळवा, चुकांपासून शिका, चांगले कर्म करा आणि आत्मविश्वास बाळगा. अशा विचारांनी स्वतः आणि राष्ट्र उन्नती करा. #मराठीकविता
read morePФФJД ЦDΞSHI
अंतरमनन मे बहुत सवाल हैं ज़िन्दगी निहाल हैं कैसे सुलझाए समस्याओ क़ो कई लोगो का जीवन दुश्वार हैं, as a writer लिख कर अपनी वेदना प्रकट करती हूँ पर मेरे पास भी इसका कोई जवाब नहीं कि कैसे सब का हल निकालू, क्या लोग समझे गे एक दूसरे की तकलीफ क़ो कि लड़ते ही रहेगे आपस मे धन दौलत प्यार शोहरत के लिए, अपने अंदर ही सब के यूद्ध चल रहा बाहर महाभारत तो मन कहाँ से शांत होगा, जल्द ही इसका कोई उपाय सोचना पड़ेगा???? ©PФФJД ЦDΞSHI #अंतरमनन #मन #लेखक
PФФJД ЦDΞSHI
White हर बार different करो.... लेखक हो कलाकार हो, reels बनाते हो,एक जैसा देख कर पढ़ कर लोग bore होते हैं, इस्लिये कहा,जिनको पसंद नहीं करते उन्हें like मत करो सही देखो सही करो, जो गलत हैं उनको देख कर like कर बढ़ावा मत दो, इंटरनेट से गन्दगी साफ करनी हैं तो कला दिखाओ जिस्म नहीं, ये गन्दी reels बनाने वाली लड़कियों औरतो पर comment हैं पुरुष भी non veg types reels बनाते हैं और लड़कियां बन उनका मजाक उडाते हैं कैसे पुरष हो यार,, clean aap clean dirty things in mind ✌🏻 ©PФФJД ЦDΞSHI #Reels #लेखक #कलाकार
Sita Prasad
White लेेखन सौन्दर्य जब भी लिखी दास्तान दिल की कलम ने मेरा बखूबी साथ निभाया किसी ने कहा' वाह क्या बात है! ' किसी को मेरा नज़रिया न भाया हैं दिल की बातें भी अजीब इस दरिया में बस कुछ ही हैं नहाते हर एक को दृश्य सुन्दर हैं भाते बिरला ही कोई मनमोहक दिल हैं पाते स्वांग न रचना न बातें बनाना सीधी सी बात है दिल से दिल है मिलाना न अपना चातुर्य किसी को बार- बार दिखाना निर्मल हृदय पूर्ण सामने वाले की बात है समझना तुम कलिमल रहित मुझे अपनाना न मैं तुम्हे परखकर दोस्ती निभाऊँ मेरा तो बस काम ही है लिखना पाठक व दोस्त के घायल मन को सहलाना।। सीता प्रसाद ©Sita Prasad #flowers #कविता #लेखक #लेखन
Govind
*सध्याची महाराष्ट्रातील राजकीय परिस्थिती आणि सामान्य माणसाच्या मनातील प्रश्न तसेच प्रामाणिक कार्यकर्त्याची व्यथा इथे मराठी कलाकार आणि कवी सं #जीवनअनुभव
read moreSantosh Jangam
#shrirammandir कविता "राम नवमी उत्सव : परळी" कवितेचे सार म्हणजे राम नवमी उत्सव हा उत्साह, एकता आणि आनंदाने साजरा करणे आहे. त्याच्यात भक्तिचा #मराठीकविता
read moreGurudeen Verma
शीर्षक- और तो क्या ? --------------------------------------------------------- खास तुम भी होते साथ में, या फिर मैं होता तुम्हारे साथ में, और तो क्या ? यह खुशी दुगनी नहीं होती। ये दिन सुकून से गुजर जाते, मगर इस शक की दीवार को तो, तोड़ना ही नहीं चाहता कोई भी, और अपने अहम को भी, छोड़ना ही नहीं चाहता कोई भी। और तो क्या ? लोगों नहीं मिल जाता अवसर, कहानियां नई गढ़ने का, वहम को और बढ़ाने को, लेकिन इसमें हार तो, हम दोनों की ही होती, लेकिन मुझको बिल्कुल भी नहीं है, मेरे हारने का कोई गम। मुझको रहती है हमेशा यही चिन्ता, मैं तुमको खोना नहीं चाहता हूँ , भगवान को तो मैं मानता नहीं हूँ , फिर भी मिल जाये कुछ खुशी, आत्मा को निश्चिंत रखने के लिए, जला रहा हूँ मैं अकेले ही दीपक, और मना रहा हूँ मैं अकेले ही दीपावली, और तो क्या ? हंस लेता मैं भी--------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma #लेखक