Find the Latest Status about आत्मानुभूति का अर्थ from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, आत्मानुभूति का अर्थ.
Anupam Mishra
आत्मानुभूति 1 जन्म लिया बेटी ने जबकि चाहिए होता है सबको बेटा, बेटी तो पराई होती है, वंश चलाता है परिवार का बेटा; बेटी का बढ़ा थोड़ा मान, उसके बाद जब पैदा हुआ बेटा, बेटी रही इस बात से हमेशा परेशान कि वो क्यूं न हुई बेटा; नन्ही उस बेटी को कोई भी छोटा मालिक नहीं कहता, जबकि नवजात उस बेटे को हर कोई घर का मालिक मानता; हां, मैं भी वैसी ही एक बेटी हूं, उन्हीं कुछ प्रश्नों में उलझी रही हूं, कभी तो बेटा कहलाने की होड़ में लगती, तो कभी खुद को ढूंढती; साधारण से परिवार की एक साधारण सी क्रांतिकारी बेटी हूं, जीवन के हर मोड़ पर स्वयं ही सवाल जवाब करके बड़ी हुई हूं; कई सवालों के जवाब नहीं मिले, कई दिल में दफन होकर रह गए, सवालों के चक्रव्यूह में फंस कई दफा कृष्ण की तलाश में रही हूं; शिक्षा का मतलब समझ नहीं आया कभी मुझे, क्या सीखते कुछ हैं और असल दैनिक जीवन में करते उपयोग कुछ और ही है? उस सीख का मतलब क्या, जो सिर्फ किताबों तक ही सीमित है, उस वैयाकरण के असीमित ज्ञान का क्या, जो उसे उपयोग में लाता नहीं; नशा करने वाले यदि सीखाए कि नशा करना स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं, कौन करेगा ऐसी दोहरी नीति वाले शिक्षा पर यूं आंख मूंदकर यकीन; बालपन और यौवन के बीच का वो कुछ पल का किशोरी जीवन, जिसमे ना जाने एक साथ ही कौंध उठे जेहन में कितने ही प्रश्न, जिनका उत्तर किससे मांगू यही निश्चित न कर पाया नादान मन, और उसमे गलती कर बैठी कोई मैं भी ऐसी जिसे मानते सब पतन; अब था एक विकल्प, या तो दूसरों को दवा लिखने की औकात बनाऊं, या फिर बांध दी जाएगी डोर उससे जो भी मिलेगा कोई सज्जन; एक ज़िन्दगी का हुआ इस बिंदु पर समापन, दूसरा हुआ आरम्भ, जिस मैं को ढूंढ़ती रही थी खुद में कभी कभी, अब सब बंद; अब तो सिर्फ और सिर्फ चलना था वैसे जैसे ले चले जीवन, न तो कोई शिकायत थी किसी से और न ही था सपनों का उपवन; कई दफा घबराई, दिल के दर्द से बेचैन होकर खुलकर रोई चिल्लाई, पर अंत में फिर वक्त की हथेली पकड़ बेजान सी आगे बढ़ते गई। ©अनुपम मिश्र #आत्मानुभूति #LightsInHand
Niti Adhikari
आत्मा और मन का युद्ध हुआ आत्मा या मन किसकी सुने भगवान की सुने की अंतर्मन की सुने कहते है मन बुरे को भी साथ लेता है तो बिना मन के भी क्या कोई जीता है प्रश्न हजारों थे आत्मा के सामने त्याग करो मन का क्योंकि मन तो अभिशप्त है जो रोकता नही टोकता नही रोकने पे रोता है , टोकने पे गरजता है आत्मा का मिलन तो परमात्मा से होता है फिर ये परमात्मा मन क्यों देता है क्या बिना मन के भी कोई जीता है ? ©Niti Adhikari #मन और #आत्मानुभूति
Presha
माफ़ करना तुमपे हक जता बैठे जो कभी था नहीं हमारा उसे अपना बना बैठे जो सपने इन आंखों के थे ही नहीं उन सपनों को देख बैठे जो सिर्फ़ एक खूबसूरत ख़्वाब था उसको ज़िंदगी का सबसे बड़ा सच समझ बैठे माफ़ करना तुमपे हक जता बैठे। #secondquote #आत्मानुभूति #जीवन #सपने #प्यार #yqdidi
Rahul Shastri worldcitizens2121
Safar July 10,2019 सत्संग का अर्थ होता है गुरु की मौजूदगी! गुरु कुछ करता नहीं हैं, मौजूदगी ही पर्याप्त है। ओशो सत्संग का अर्थ
Aman Baranwal
मिट्टी का जिस्म और आग सी ख्वाहिशें, खाक होना लाजमी है, क्योंकि आदमी आखिर आदमी है! जीवन का अर्थ
divya...
इश्क़ आज भी है मगर राधा- कृष्ण जैसा नहीं ... होगे एक - आध भी उनके जैसे अगर... तो उनको चैन का जीवन नहीं... लोगो को प्रेम का हर दस्तूर झुटा लगता है... क्योंकि उन्होंने कभी किसी से .... सच्चा प्रेम किया ही नहीं... प्रेम का अर्थ...
Kumar Gunjan
"सफलता" कभी भी अर्थ शिक्षा, पद या गरिमा द्वारा निर्धारित नहीं की जा सकती सफलता एक संतुष्टि हैं, जिसे आप निर्धारित करते है। सफलता का अर्थ