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vikash Saini
Unsplash कभी याद 📝नहीं आती ©vikash Saini #leafbook कभी याड नहि आती
#leafbook कभी याड नहि आती
read moreF M POETRY
Unsplash दिल तड़पता है जांन जाती है.. आपकी याद ऐसे आती है.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #आपकी याद ऐसे आती है...
#आपकी याद ऐसे आती है...
read moreParul Sharma
सुबह का सत्कार और शाम का इंतजार यूं हर दिन के ललाट पर कुमकुम सजता है ©Parul Sharma # goodmorning #सुप्रभातम #ललाट #इंतजार #सत्कार #कुमकुम #शाम #सुबह
Lotus Mali
White "शाम अपनी चादर ओढ़े खड़ी थी और मेरे मन का पंछी अभी भी किसकी राह पर निघाए लिए इंतजार कर रहा था मन पंछी कभी इस मुंडेर पर तो कभी उस टहन्नी पर घुमा शाम तो शाम ढल गई कबकी मगर इंतजार अभितक ख़त्म नहीं हुवा।" -LotusMali https://lotusshayari.blogspot.com/ ©Lotus Mali #sad_quotes "शाम अपनी चादर ओढ़े खड़ी थी और मेरे मन का पंछी अभी भी किसकी राह पर निघाए लिए इंतजार कर रहा था मन पंछी कभी इस मुंडेर पर तो
#sad_quotes "शाम अपनी चादर ओढ़े खड़ी थी और मेरे मन का पंछी अभी भी किसकी राह पर निघाए लिए इंतजार कर रहा था मन पंछी कभी इस मुंडेर पर तो
read moreAvinash Jha
White याद आती है वो शाम याद आती है वो शाम, जब सूरज ढलता था, आंगन में बैठकर, चाय का कप सजता था। हवा में थी खुशबू, मिट्टी की सौंधी-सौंधी, हर कोने में थी ख़ुशी, हर बात थी मीठी-मीठी। गली में बच्चों की हंसी, और पतंगों का खेल, उन दिनों का हर लम्हा, जैसे कोई सुंदर मेल। दादी की कहानियां, जो दिल को बहलाती थीं, वो गाने, जो माँ गुनगुनाती थीं। सांझ के दीपक, जो अंधेरे को मिटाते थे, हमारे सपनों में उजाले भर जाते थे। खुला आकाश, तारे गिनने का जुनून, जैसे हर रात थी कोई अनोखा सुकून। वो दोस्ती, जिसमें दिखावा न था, हर बात में बस अपनापन था। मिट्टी के घरों में भी, खुशियों का वास था, कम साधनों में भी, भरपूर उल्लास था। अब वक़्त बदला, पर दिल वही ठहरा है, उन बीते पलों का जादू आज भी गहरा है। याद आती है वो शाम, वो मासूम दिन, जिनमें छिपा था सच्चा जीवन का संगम। ©Avinash Jha #याद #शाम
नवनीत ठाकुर
ज़ुबां कहे भी तो किसे सुनाए ग़म, जिस दिल ने जिया है, वही समझे कम। बेनिशान थी आरज़ू, मगर गहरी छाप छोड़ गई, ज़ुबां खामोश रही, मगर दास्तां बोल गई। दिल के अंदर एक कहानी दबी थी, जो न कह सका, वो नरगिस ने सुनाई थी। गहरी छाप थी मोहब्बत की, वक़्त ने छोड़ दी, ज़ुबां की खामोशी में सच्चाई खोल दी। दर्द को छिपाकर, दिल ने उसे सहा, जिसे कह न सका, वही आह में बहा। मौन की गहराई में, दिल की आवाज़ पाई, जो अल्फ़ाज़ न थे, वो खामोशी ने जताई। ©नवनीत ठाकुर #जुबां खामोश थी
#जुबां खामोश थी
read moreF M POETRY
White आजा मेरे ख्वाबों की महज़बीन शाम है.. आ देख मेरे साथ क्या हसीन शाम है.. तन्हाँ न समझ आएंगे रंगीन नज़ारे.. आ मैं तुझे दिखाता हुँ रंगीन शाम है.. यूसुफ़ आर खान.... ©F M POETRY #शाम है...
#शाम है...
read moreShiv Narayan Saxena
White ढलता सूरज शाम का, रह रह दे आवाज़। सुबह नयी नये लक्ष्य का, करिये फिर आगाज़।। ढलता सूरज शाम का, कह बतलाये बात। समय चुके पछताय क्या, मत कर आलस तात।। कठिन समय से जीतना, सबसे कठिन मुकाम। बिना समय के एक भी, बने न बिगड़े काम।। ©Shiv Narayan Saxena #GoodMorning ढलता सूरज शाम का... hindi poetry
#GoodMorning ढलता सूरज शाम का... hindi poetry
read moreF M POETRY
White ज़ाम लेते हैं तेरी यादों में.. सुबह लेते हैं शाम लेते हैं.. यूसुफ़ आर खान.... ©F M POETRY #सुबह लेते हैं शाम लेते हैं.....
#सुबह लेते हैं शाम लेते हैं.....
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