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love you zindagi
Autumn आती नहीं रात में नींद बन गए हो तुम देखता रहता हूँ रात भर ख्वाब बन गए हो तुम जो चलती रहती हैं हर पल सांस बन गए हो तुम पल पल सताता है मुझे वो अहसास बन गए तुम ।। @वकील साहब ✍️ ©love you zindagi #autumn #तुम #नींद #ख़्वाब #सांस #अहसास🙂
Dil_ki.dastaan :- संग्राम मौर्य
Unsplash फिर तेरी याद आयेगी ख्वाबों की बारात लाएगी, दूल्हे बनेंगे हम और तू हमारे साथ जायेगी.. ©Dil_ki.dastaan #lovelife #ख़्वाब #Dream #लव #Love #Wedding #groomingformen
Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी एजेंडे के तहत महापुरुष भी बे दखल आजादी के दीवानो को ठुकराया जा रहा है काला चेहरा सत्ताधीशो का अंग्रेजो जैसा बर्ताव जनता से किया जा रहा है बढ़ गया जोर जुर्म इनका टेक्सो से भुखमरी का शिकार बनाया जा रहा है नैतिकता संवेदना और सँविधान से ना इनका वास्ता हठधर्मिता से देश चलाया जा रहा है भगतसिंह सुभाष चन्द नेहरू अम्बेडकर सब गौण सिर्फ वीर सावरकर का गुणगान किया जा रहा है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Likho एजेंडे के तहत महापुरुष भी बे दखल
#Likho एजेंडे के तहत महापुरुष भी बे दखल
read moreAdv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)
White निकलकर उनके दिल से घूमने का मन है कितना तो गिरे अब सम्भलने का मन है कह सकते हैं अब वो भी हमें मतलबी वो बदले तो अपना भी बदलने का मन है ©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) #हाल-ए-दिल
#हाल-ए-दिल
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White ए जिन्दगी कुछ कदम तो और चल मुझे सुकून के चंद पलों का इंतजार है ©हिमांशु Kulshreshtha ए जिंदगी...
ए जिंदगी...
read moreMRohit
White नाभिषेको न संस्कारः सिंहस्य क्रियते वने । विक्रमार्जितसत्तवस्य स्वयमेव मृगेन्द्रता ।। There is no sanskar (ceremony) held to declare that the lion is the king of forest. He becomes king by his own merits and heroism. ©MRohit #Shlok #Bhakti #bhagwatgeeta #Deep #Meaning
Shlok Bhakti bhagwatgeeta Deep Meaning
read moreShashi Bhushan Mishra
बे-दखल चाहत हुई है, भावना आहत हुई है, प्रेम का मरहम लगाया, तब कहीं राहत हुई है, बेवज़ह बेचैन हो मन, समझ लो उल्फ़त हुई है, देखता हरबार मुड़कर, जब कोई आहट हुई है, ध्यान में बैठे हो जबसे, फिर कहां फ़ुर्सत हुई है, हो मनोरथ सिद्ध अपना, ऐसी कब किस्मत हुई है, मुस्कुराकर भूल जाना, अपनी तो आदत हुई है, याद तड़पाती है 'गुंजन', घर गये मुद्दत हुई है, -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra #बे-दखल चाहत हुई है#
#बे-दखल चाहत हुई है#
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