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N.Sharma
सरकार भाव ना देवे भगवान साथ ना देवे और फिर भी अपना जमीदार भाई इतना नुकसान ओट लेवे है आज कि भारी मात्रा में बारिश☔ और ओलों के कारण सभी किसानों को बहोत जादा नुकसान हो गया है 😥😥
Chirag Vashishtha
चलो आज एक कहानी कहता हूँ जो कुछ है बीती, मुँह जवानी कहता हूँ ओलों की तपिश और आग की ठंडक में लिपटकर उड़ा वो पतंगा , आज़ादी की खुशबू पाकर ,यूँ बेफिकर घूमा कि भूल ही गया, शिकारी ताक में बैठें हैं बस एक चूक और सब खत्म.......(भाग ४) #yqbaba #yqdidi #yqtales #yqquotes #yqhindi #love #life यादों की बात...भाग ४ चलो आज एक कहानी कहता हूँ जो कुछ है बीती, मुँह जवानी कहता हूँ
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat बचपन की बारिश भी क्या बारिश थी दिल लड़कपन और दिल चांचल सी उमंग थी बूंदों में टपकती आंखों में चमक थी एक नया मोड़ लेती उमर की बागडोर थी संभाले ख़ुद को पर बचपन कि चोट थी बेपरवाह खेलते समय की मांग यहीं वो मोड़ थी प्रेम स्नेह से खेलकूद में भाग लेने में सक्षम यहीं होड़ थी बारिश में भीगने को दिल में उम्मीद की कशतियो की दौड़ थी मन में चैन की जिंदगी को खलेने में अब उमर में उमड़ते सैलाब भी चितचोर थी बारिश भी बचपन सी नादान बन उमर को करती बेलिहाज बनाती घंगोर थी बचपन ज़िंदा रहने की उम्मीद जगाती वहीं बेपरवाह बूंद थी हर्षिता की स्याही में बिछी ओलों में एक नई कहानी की सुगंध थी Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat बचपन की बारिश भी क्या बारिश थी दिल लड़कपन और दिल चांचल सी उमंग थी बूंदों में टपकती आंखों में चमक थी एक न
ऋत्विज राय
नहीं मयस्सर रात के निवाले उसको .... गुरबत की गुलामी देखो..... फिर भीअकड़न सी है लहजे में उसके..... खून में गुरूर की रवानी देखो.... —राज जय जवान जय किसान जय विज्ञान।। भारतीय विकासखंड के मूल मंत्रों में से एक इस श्रमिक किसान की हालत देखिए ....जाने कितनी फसलें से ये अपने परिवार
Nirali Thakkar
जब मुहब्बत इतनी बेहद की थी तो दर्द भी उतना असह्य मिलना ही था •short_story ये तो होना ही था, तुमने पौधों को संघर्ष का ज़रा सा भी मौका नहीं दिया . ना तेज धूप में उनको तपने दिया ,ना आंधी ओलों से जूझने
Vikas Sharma Shivaaya'
✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की कठिन समय व्यक्ति को तब परेशान नहीं करता जब उसका समय कठिन-संघर्ष भरा चल रहा होता है ये उस इंसान को तब कठिन लगता है जब संसार को ये पता लग जाता है की हाँ ,ये समय -ये वक़्त इस व्यक्ति के विपरीत चल रहा है ...फिर वो व्यक्ति चौपाल की खबर हो जाता है ..., जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जिंदगी को जीना कठिन नहीं सरल है कैसे की बस आप बर्दाश्त करना सीख लो ,पीना क्या पीना बातों को पीना सीख लो ,सब्र करना सीख लो ,श्रद्धा रखना सीख लो और नजरअंदाज करना सीख लो ,फिर देखो जिंदगी तुम्हें जीती है या तुम जिंदगी को ...., एक बार एक किसान परमात्मा से बड़ा नाराज हो गया ! कभी बाढ़ आ जाये, कभी सूखा पड़ जाए, कभी धूप बहुत तेज हो जाए तो कभी ओले पड़ जाये! हर बार कुछ ना कुछ कारण से उसकी फसल थोड़ी थोड़ी ख़राब हो जाये! एक दिन बड़ा तंग आ कर उसने परमात्मा से कहा ..., देखिये प्रभु,आप परमात्मा हैं , लेकिन लगता है आपको खेती बाड़ी की ज्यादा जानकारी नहीं है ,एक प्रार्थना है कि एक साल मुझे मौका दीजिये ..., जैसा मै चाहू वैसा मौसम हो,फिर आप देखना मै कैसे अन्न के भण्डार भर दूंगा! परमात्मा मुस्कुराये और कहा ठीक है, जैसा तुम कहोगे वैसा ही मौसम दूंगा, मै दखल नहीं करूँगा! किसान ने गेहूं की फ़सल बोई ,जब धूप चाही ,तब धूप मिली, जब पानी चाहा तब पानी मिला ..., तेज धूप, ओले,बाढ़ ,आंधी तो उसने आने ही नहीं दीया, समय के साथ फसल बढ़ी और किसान की ख़ुशी भी,क्योंकि ऐसी फसल तो आज तक नहीं हुई थी ..., किसान ने मन ही मन सोचा अब पता चलेगा परमात्मा को, की फ़सल कैसे करते हैं ,बेकार ही इतने बरस हम किसानो को परेशान करते रहे..., फ़सल काटने का समय आया ,किसान बड़े गर्व से फ़सल काटने गया, लेकिन जैसे ही फसल काटने लगा ,एकदम से छाती पर हाथ रख कर बैठ गया..., गेहूं की एक भी बाली के अन्दर गेहूं नहीं था ,सारी बालियाँ अन्दर से खाली थी, बड़ा दुखी होकर उसने परमात्मा से कहा ,प्रभु ये क्या हुआ ? तब परमात्मा बोले,” ये तो होना ही था ,तुमने पौधों को संघर्ष का ज़रा सा भी मौका नहीं दिया ना तेज धूप में उनको तपने दिया , ना आंधी ओलों से जूझने दिया..., उनको किसी प्रकार की चुनौती का अहसास जरा भी नहीं होने दिया , इसीलिए सब पौधे खोखले रह गए, जब आंधी आती है, तेज बारिश होती है ओले गिरते हैं तब पोधा अपने बल से ही खड़ा रहता है..., वो अपना अस्तित्व बचाने का संघर्ष करता है और इस संघर्ष से जो बल पैदा होता है वोही उसे शक्ति देता है ,उर्जा देता है, उसकी जीवटता को उभारता है..., सोने को भी कुंदन बनने के लिए आग में तपने , हथौड़ी से पिटने,गलने जैसी चुनोतियो से गुजरना पड़ता है तभी उसकी स्वर्णिम आभा उभरती है,उसे अनमोल बनाती है ..., उसी तरह जिंदगी में भी अगर संघर्ष ना हो ,चुनौती ना हो तो आदमी खोखला ही रह जाता है, उसके अन्दर कोई गुण नहीं आ पाता ..., ये चुनोतियाँ ही हैं जो आदमी रूपी तलवार को धार देती हैं ,उसे सशक्त और प्रखर बनाती हैं, अगर प्रतिभाशाली बनना है तो चुनोतियाँ तो स्वीकार करनी ही पड़ेंगी, अन्यथा हम खोखले ही रह जायेंगे..., अगर जिंदगी में प्रखर बनना है,प्रतिभाशाली बनना है ,तो संघर्ष और चुनोतियो का सामना करते रहिए यही जीवन है..., अपनी दुआओं में हमें याद रखें बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....! 🙏सुप्रभात 🌹 आपका दिन शुभ हो विकास शर्मा'"शिवाया" सर्वधर्म समाधान ©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की कठिन समय व्यक्ति को तब परेशान नहीं कर
Namit Raturi
बिजली कडकी,बादल बरसे आए जो ईश्वर धरती पे, रस्ता भटके प्रभु और आ पहुंचे यहाँ गलती से, जरा सी घूमी क्या दुनिया,फर्क बदल गया जमानो का, कहीं दूषित करे बादलों को काला धुँआ कारखानों का, दग दग दौडे गाडी, पूछें प्रभु यह कैसे रहीस ताँगे, उधर एक छोटी बच्ची गाडियों की खिडकियों को खटखटा के भीख माँगे, यह कैसी दुनियादारी कि कुछ लोग अपने कारोबार मे व्यस्त है, बाकी खाली बैठे चटाई पे राजा,रानी और इके कि दुनिया में मस्त है, हाए यह बेरोजगारी भूखा मर रहा हर कोई कडकी से, बिजली कडकी,बादल बरसे आए जो ईश्वर धरती पे ॥ (read whole poem in caption) ईश्वर धरती पे ! एक नई कविता प्रस्तुत करने जा रहा हूँ,उम्मीद है कि आपके दिलों तक पहुँच सकूं,आपसे निवेदन है कि इस हास्य व्यंग्य कविता को पढें