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Abhi Rana
माठमà¥à¤à¥‡ वरदान दो की मां तू हमरा पर राखीहा नयन। मां तू हमरा पर रखीहा नयन। पैर पूजाई छी तोहर हम। मां पैर पूजे छी तोहर हम।। भाग वाला तोहर भक्ती जग में करा, शीश अपन झुकाबे तोहर पैर तैरा।। दा दे सद्गुण के सबटा रतन।। पैर पूजे छी तोहर हम।।। विनय विनती करी भक्त तोहार रही। हमर मैया छा तू बैन का बेटा रही।। लोक तिनों कराई छौ नमन।। पैर पूजै छी तोहर हम। ई सृष्टि के रचना तूही केलां। तोहर मर्जी बिना ने एक्टा पता हिले।। बेटा बम बम कराई छौ हवन।। पैर पूजाई छी तोहर हम।। मां तू हमरा पर राखीह नयन। पैर पूजाई छी तोहर हम।।।।। ©Abhi Jha गीत maithil
गीत maithil
read moreBANDHETIYA OFFICIAL
White हलक से सुर जो निकले हैं, वहीं तान और विकले हैं, तुम जो गप मारते हो,लो, गीत तनके टहले हैं। ©BANDHETIYA OFFICIAL #sad_quotes #गीत
Azaad Pooran Singh Rajawat
New Year Resolutions आध्यात्मिक आस्था के साथ हर कर्म करेंगे। नशे से और नशा करने वालों से दूरी बनाकर रखेंगे। सात्विक शाकाहारी भोजन करेंगे फास्ट फूड से जहां तक संभव होगा बचेंगे। ©Azaad Pooran Singh Rajawat #newyearresolutions #आजाद संकल्प#
#newyearresolutions #आजाद संकल्प#
read moreAdv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)
Unsplash आजाद ग़ज़ल --------------- जाने कब तिजोरी से माल निकाल लेता है ये आदमी बाल की खाल निकाल लेता है यहाँ तो कटता नहीं लम्हा उसके बिना वो मजे से साल दर साल निकाल लेता है हैरान हूँ उससे बहस कर करके मैं वो मिरे हर जबाब से सवाल निकाल लेता है ख़ामोश रहे आना तुम्हारा ये और बात है वो माहिर सब हाल चाल निकाल लेता है मिरे ताकत-ए-तसव्वुर को नज़र अंदाज न कर ये तिरे भीतर के भी ख़याल निकाल लेता है मैं मजबूर हूँ उसे सुनकर हँस देने को वो बात बात पे जुमले कमाल निकाल लेता है वो सौदागिरी में बड़ा कमजोर नज़र आया मैं दाल मांगता हूँ वो गुलाल निकाल लेता है ©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) #आजाद ग़ज़ल
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read moreAdv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)
कहीं नज़र में आये तो अच्छा घर खानदान बताना बेटी की ज़िंदगी का सवाल है नेक इंसान बताना वज़ह सबूत ही सही कुछ ज़ख्म छुपा रख्खे हैं वो क़ातिल लौट आये तो मेरे निशान बताना कब तक घुमड़ते उमड़ते ही रहोगे तुम बादलों बरस के अपनी पहचान बताना.. मैं कह दूंगा तुम्हें तुम्हारी ख़ुशी के लिए जमीं तुम भी मुझे शौहरतों का आसमान बताना यूँ तो शहर के नामी रईसों में शुमार है वो पर कहता है मेरा तारुफ़ केवल किसान बताना तू किस प्रान्त से है मुझे फर्क नहीं पड़ता मगर कोई गैर पूछे तो पता हिन्दोस्तान बताना ©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) #आजाद ग़ज़ल
#आजाद ग़ज़ल
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White फलक पे माँ बाप का दर्जा रखा है मैंने बाकी कहाँ किसी का कर्जा रखा है मैने जुबाँ का इस्तेमाल ही कम करना है मुझे तुम कहते रहो मुँह में जर्दा रखा है मैंने कहीं सच जुबाँ पे आया तो बिखर जायेंगे रिश्तों की खातिर थोड़ा पर्दा रखा है मैंने कोई क़ीमत नहीं ली उसे खुश रखने की ऊपर से बोझ उसके सर का रखा है मैने उजालों ने साथ छोड़ा तो क्या करते फिर अंधेरों से याराना उम्र भर का रखा है मैंने न फ़िदा हूँ उनके हुस्न-ओ-अदाओं पे तो बेवज़ह मुलाकातों पर पहरा रखा है मैंने उनसे भी तो उम्मीद ही कहाँ रखी जिनसे रिश्ता मोहब्बत का गहरा रखा है मैंने ©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) #आजाद ग़ज़ल
#आजाद ग़ज़ल
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