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Rahul Singh Bhardwaj
रात काली है तो क्या हुआ, हौसले अब भी मेरे चांदनी से ज्यादा चमकदार है! #अँधेरी रात
shashi kala mahto
प्रिय,तुम देख रही हो,दूर-दूर तक काली अँधेरी रात से धरती घिरी हुई है।लेकिन धरती को पूर्ण विश्वास है कि सूर्य की पहली किरण से ही ये अँधेरा गायब हो जाएगा और धरती पूरी तरह प्रकाशमय हो जाएगा। डार्लिंग, मायूस न हो,तुम्हारी जिन्दगी से भी इस बीमारी की काली रात कुछ ही दिनों में डाक्टर के इलाज से चली जाएगी और जिन्दगी प्रकाशमय हो जाएगा। फिर दोनों साथ-साथ जिन्दगी को खुशी से जिएंगे। ©shashi kala mahto #अँधेरी रात
Vikram Prashant "Tutipanktiyan "
कुफ अँधेरी रातों में जब जागना पड़ता है नींद भरी हो आंखों में पर सोना डरावना होता हो हरेक पल बोझिल पलके यूँ ही खुली रहती है जब नींद की हल्की सी आहट भारी लगता है नींद भी धीरे धीरे अपना दम तोड़ने लगती है थकी थकी आंखे जागना सीख जाती है डर का आलम ही कुछ ऐसा होता है हर क्षण का कटना सुकून लिए होता है कुफ अँधेरी रातों में....... ............. ................। ©Vikram Prashant "Tutipanktiyan " कुफ अँधेरी रात #covidindia
Rahul Sharma
अँधेरी रात है पहली मुलाकात है मेरे महबूब में कोई तो बात है ©Rahul Sharma अँधेरी रात है #Andheriraat #love❤
aru (.....)
अगर तजुर्बा तुम्हारा हो तो यहां दिल मत बहला जाना अंदाज़ हमारा अभी कोरा कागज़ सा हैं ©aru❤️ #nojotahindi #लव #अंदाज_ए_बयान #Life❤ #अँधेरी
Deepak Sisodia
सबको यहाँ, बस अपने ही, मतलब से मतलब हैं जो था यहाँ कल, आज हैं, और बस वहीं अब हैं मण्डी फकीरों की लगी , बिकता ख़ुदा देखा अब तो दुआओं में भी, उनके उनका मतलब हैं रिक्शे चलाने वाले भी , बाबा थे बचपन में बच्चों को भी क्या इल्म, के क्या अदब अब हैं दौलत की चम चम में, यहाँ सब चमचमाता हैं सिक्कों की ये आवाज़ हमदम , क्या गज़ब ढब हैं अब तो यहाँ हर बात में, बस आप दिखता हैं ख़ुद के ख़ुदा हम आप हैं, और आप ही रब हैं दीपक सिसोदिया मतलब ही मतलब....
Rajotiya Bhuwnesh
वो नजरें भी खफा थी हमसे जिनको हमने इत्मीनान से चूमा करते थे जो करती थी इंतजार हमारा भी कुछ दिन ढले आफत की शाम आयी बुझ गए वो चिराग जिसने जिंदगी मे समा जलाई आखिर यही दुआ है पर्वरदिगार से कुछ रहम फरमाओ जरा चिराग तो लोटाओ कत्लेआम मचा रखा है दिलो मे इस अंधेरों की शाम ने जरा चिराग तो जला दो इस अँधेरी शाम मे मैं उठु और फिर सोउ दिन देखु ना रात देखु बस ढूंढ एक सकून जरा साथ तो दो फिर अँधेरी शाम अंधे थे हम महोब्बत मे फिर से रोशन करदो हमारी शाम राजोतिया भुवनेश ©Rajotiya Bhuwnesh jangir अँधेरी शाम मे बुझा चिराग #LastDay