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Urmeela Raikwar (parihar)
White देखों ना रात की कहानी अब भानु ने भी ख़त्म कर दी, अब लौट आओ तुम ,, written by Urmee ki Diary ©Urmeela Raikwar (parihar) #Sad_Status रात की कहानी
#Sad_Status रात की कहानी
read moreNurul Shabd
White बिछड़ने की रात उस रात ने हमें तोड़ दिया, जिसने तुझसे हमेशा का बिछड़ने का दर्द दिया। ©Nurul Shabd #good_night #बिछड़ने #की #रात शायरी लव
#good_night #बिछड़ने #की #रात शायरी लव
read moreBhupendra Uikey
बारिश की एक बूंद सागर की तलाश में 🌺👰 ©Bhupendra Uikey बारिश की एक बूंद सागर की तलाश में
बारिश की एक बूंद सागर की तलाश में
read moreआधुनिक कवयित्री
Book quotes मत खोलना मेरी जिंदगी की पुरानी किताबों को... मैं जो थी, अब नहीं हूँ, और जो हूं..... वो किसी को पता नहीं..!! 🤫 ©आधुनिक कवयित्री गुमशुदा ख़ुद की तलाश में........
गुमशुदा ख़ुद की तलाश में........
read moreking_ajeet_0376
White चांद की वो रातें सुनसान जगह पेड़ से हवाएं बह रही थी मन में डर तेजी से चल रहा था ©king_ajeet_0376 चांदनी रात प्यार की बात
चांदनी रात प्यार की बात
read moreAbhishek Jha
Unsplash रात के अंधेरे में, बालकनी में खड़े होकर चाय की चुस्की लेते ही चश्मे पे जमे हुए भाप ने मुझसे कहा, "अंधेरा थोड़ा धुंधला ही अच्छा लगता है।" उसकी सुनता, पर इतने में ही रात की ख़ामोशी बोल पड़ी, "अरे, मुझे बाहर क्या ढूंढता है, मैं तो तेरे अंदर भी हूँ।" तो मैंने उससे पूछा, "अच्छा मुझमें,पर मुझमें कहाँ?" तो बोलती है, "जरा दिल की गहराइयों में उतर के तो सुन, ख़ामोशी हूँ, मेरा एक अलग शोर होता है।" मैं ख़ामोशी की बात सुन ही रहा था, इतने में बालकनी से गुजरती ठंडी हवा ने कहा, "अरे, जनाब पहले चाय तो पी लिजिये, वरना इस अंधेरी रात में खामखा मुझपे इल्ज़ाम लग जाएगा।" बस इतने में ही गुजरते हुए वक़्त ने कहा, "बस कीजिए भाईसाहब, फिर लोग दुनिया को दोष देते हैं, जबकी वक़्त तो अकेलापन बर्बाद कर देता है।" ©Abhishek Jha रात के अँधेरे में
रात के अँधेरे में
read moreShyarana Andaaz (अज्ञात)
दिन तो गुजर जाता है दुनिया की चकाचौंध में मसला तो रात की कहानी का है।। ©Shyarana Andaaz (अज्ञात) रात की कहानी
रात की कहानी
read moreAnuradha T Gautam 6280
Ashraf Fani
Unsplash एक तराशे हुए हीरे की तरह लगती हो रात अंधियारी में जुगनू की तरह लगती हो होश में हूँ या की बेहोशी में, जो भी हो ये क्या कहूँ तुम मुझे की और क्या क्या लगती हो ©Ashraf Fani एक तराशे हुए हीरे की तरह लगती हो रात अंधियारी में जुगनू की तरह लगती हो होश में हूँ या की बेहोशी में जो भी हो ये क्या कहूँ तुम मुझे की और क्य
एक तराशे हुए हीरे की तरह लगती हो रात अंधियारी में जुगनू की तरह लगती हो होश में हूँ या की बेहोशी में जो भी हो ये क्या कहूँ तुम मुझे की और क्य
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