Find the Latest Status about हिन्दी कविता मानवता from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, हिन्दी कविता मानवता.
श्यामजी शयमजी
White कुत्ते का पिल्ला बैठा नीम की शाम में आज बारिश होगी आपकी भी गांव में ©श्यामजी शयमजी #cg_forest कविता कविता
#cg_forest कविता कविता
read moreS K Sachin उर्फ sachit
मेरी नई पुस्तक ©S K Sachin उर्फ sachit #गजल#पुस्तक#हिन्दी
Dr Wasim Raja
White धरा पर मानवता होती रही है तार तार। संकुचित होते जा रहे हैं सब के विचार।। धर्म के नाम पर फैलाया जा रहा है हाहाकार। ईश्वर-अल्लाह की लड़ाई का हो रहा व्यापार।। महंगाई की परवाह नहीं सज रहे बाबा का दरबार। शिक्षा हो रही चौपट, मारे-मारे फिरते हैं बेरोजगार।। यहां अन्नदाता किसानों पर जारी है अत्याचार। मानव के विनाश को तैयार है जैविक हथियार।। झूठों का बोलबाला है, झूठ का हो रहा है प्रचार। आंख में धूल झोंक कर फैलाये जा रहे अंधकार।। स्त्री पुरुष की समता पर हो रहा है बारंबार प्रहार। लिंग भेद करने वालों के जीवन पर है धिक्कार।। लूट ,शोषण, बाह्याडम्बन का सज रहा है बाजार। छीने जा रहे हैं जन-जन से स्वतंत्रता का अधिकार।। मिलकर करें विचार कैसे सजे खुशियों का संसार। यहां विनाश नहीं प्रेम भाईचारे का चाहिए उपहार।। ©Dr Wasim Raja #Moon मानवता हो रही तारतार
पथिक..
Men walking on dark street देखना , की किसी का दिल ना दुखे सोचना, की किसी को बुरा न लगे करना, की किसी का भला हो सके देना, की किसी की पूर्ति हो सके रखना , शर्म की किसी की जुबान ना खाली जा सके, भेजना, सुभकमनाए की कोई जिंदगी में आगे बढ़ सके फैलाना, विश्वास की ईश्वर सबके साथ है लेना, भरोसा की तुम पर यकीं कर सके ©पथिक.. #उद्देश्य #मानवता का
Shiv gopal awasthi
ऐसा पढ़ना भी क्या पढ़ना,मन की पुस्तक पढ़ न पाए, भले चढ़े हों रोज हिमालय,घर की सीढ़ी चढ़ न पाए। पता चला है बढ़े बहुत हैं,शोहरत भी है खूब कमाई, लेकिन दिशा गलत थी उनकी,सही दिशा में बढ़ न पाए। बाँट रहे थे मृदु मुस्कानें,मेरे हिस्से डाँट लिखी थी, सोच रहा था उनसे लड़ना ,प्रेम विवश हम लड़ न पाए। उनका ये सौभाग्य कहूँ या,अपना ही दुर्भाग्य कहूँ मैं, दोष सभी थे उनके लेकिन,उनके मत्थे मढ़ न पाए। थे शर्मीले हम स्वभाव से,प्रेम पत्र तक लिखे न हमने। चंद्र रश्मियाँ चुगीं हमेशा,सपनें भी हम गढ़ न पाए। कवि-शिव गोपाल अवस्थी ©Shiv gopal awasthi कविता
कविता #शायरी
read moreअदनासा-
अपने विचारों को घृणा एवं द्वेष से, कदापि प्रदूषित ना होने दें, यह मानवता एवं समाज दोनों को, पूर्णतया विकलांग बना देती है, अपितु स्वयं के पतन का पथ प्रशस्त कर, केवल सर्वनाश ही करती है। Never Let Your Thoughts, Get Polluted With Hatred And Malice, It Completely Cripples Both Humanity And Society, But Only Leads To Destruction, By Paving The Path Of One's Own Downfall. ©अदनासा- #हिंदी #घृणा #द्वेष #Hatred #Malice #मानवता #समाज #Humanity #Society #अदनासा