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꧁ARSHU꧂ارشد
वो निगाहें तबस्सुम जो हज़ारों की सुना करती थीं , फैसले मेरे इशारों पे हर एक लिया करती थीं , फिर एक दिन वो जस्बात व इरादे बदल गये , एक बा वफा से बेवफा वो 'अरशद ' को कर गये .... ©꧁ARSHU꧂ارشد वो निगाहें तबस्सुम जो हज़ारों की सुना करती थीं , फैसले मेरे इशारों पे हर एक लिया करती थीं , फिर एक दिन वो जस्बात व इरादे बदल गये , एक बा वफ
वो निगाहें तबस्सुम जो हज़ारों की सुना करती थीं , फैसले मेरे इशारों पे हर एक लिया करती थीं , फिर एक दिन वो जस्बात व इरादे बदल गये , एक बा वफ #Shayari
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खामोशी से अपनी आग में जलते रहो 'अरशद' , दुनिया तो अर्ज़ -ए- हाल से बे_आबरू करे .... ©꧁ARSHU꧂ارشد खामोशी से अपनी आग में जलते रहो 'अरशद' , दुनिया तो अर्ज़ -ए- हाल से बे_आबरू करे .... NIKHAT (दर्द मेरे अपने है ) Sethi Ji jhanvi Singh Ansh
खामोशी से अपनी आग में जलते रहो 'अरशद' , दुनिया तो अर्ज़ -ए- हाल से बे_आबरू करे .... NIKHAT (दर्द मेरे अपने है ) Sethi Ji jhanvi Singh Ansh #Shayari
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हाल-ए-मर्ग-ए-बे-कसी सुन कर असर कोई न हो , सच तो ये है आप सा भी बेख़बर कोई न हो ... वो क़यामत की घड़ी है तालिब-ए-दीदार पर , जब उठे पर्दा तो पर्दे के उधर कोई न हो ... इश्क़ में बे-ताबियाँ होती हैं लेकिन ऐ अरशद , जिस क़दर बेचैन तुम हो उस क़दर कोई न हो ... ©꧁ARSHU꧂ارشد हाल-ए-मर्ग-ए-बे-कसी सुन कर असर कोई न हो , सच तो ये है आप सा भी बेख़बर कोई न हो ... वो क़यामत की घड़ी है तालिब-ए-दीदार पर , जब उठे पर्दा तो
हाल-ए-मर्ग-ए-बे-कसी सुन कर असर कोई न हो , सच तो ये है आप सा भी बेख़बर कोई न हो ... वो क़यामत की घड़ी है तालिब-ए-दीदार पर , जब उठे पर्दा तो #Shayari
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मुझे मालूम है कि वो मेरी हो नहीं सकती 'अरशद' , न जाने फिर भी खुलुश ओ मोहब्बत उससे ही क्यूँ है ... ©꧁ARSHU꧂ارشد मुझे मालूम है कि वो मेरी हो नहीं सकती 'अरशद' , न जाने फिर भी खुलुश ओ मोहब्बत उससे ही क्यूँ है ... Ishika Ritu Tyagi Neelam Modanwal NIKHAT
मुझे मालूम है कि वो मेरी हो नहीं सकती 'अरशद' , न जाने फिर भी खुलुश ओ मोहब्बत उससे ही क्यूँ है ... Ishika Ritu Tyagi Neelam Modanwal NIKHAT #Shayari
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हुए नाक़ाम जो इश्क़ में तो किसी से क्या ग़िला करता , फकत दिल टूटना तो रिवायत है मुहब्बत की 'अरशद' ... ©꧁ARSHU꧂ارشد हुए नाक़ाम जो इश्क़ में तो किसी से क्या ग़िला करता , फकत दिल टूटना तो रिवायत है मुहब्बत की 'अरशद' ... sana naaz Anshu writer Mahi Niaz (Har
हुए नाक़ाम जो इश्क़ में तो किसी से क्या ग़िला करता , फकत दिल टूटना तो रिवायत है मुहब्बत की 'अरशद' ... sana naaz Anshu writer Mahi Niaz (Har #Shayari
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