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Arshad Mirza
ArshadAlamShah
आपकी कमाई हुई चीजों में से सबसे ज़्यादा कीमती है आशीर्वाद। #अरशद आलम शाह
ArshadAlamShah
साला खुद का गुस्सा तो control नहीं होता दुसरो कि काहाँ से adjust करूँ। #अरशद आलम शाह
ArshadAlamShah
मुस्कान मुस्कुराहट एक दुआ है, दिया कीजिये जनाब.... आज दे गए तो कल वापस जरूर आएगी!!☺️😊 #अरशद आलम शाह #मुस्कुराहट एक दुआ है, दिया कीजिये.... आज दे गए तो #कल वापस जरूर #आएगी!!☺️😊 #अरशदआलमशाह #मुस्कान
Arshad Ansari
ग़ज़ल ______________________ सनम बेरुखी तो दिखाते नहीं हम तुम्हारी तरह गम सुनाते नहीं हम //१// कि जो हाल दिल का है तूने बनाया सनम ऐसी उल्फत निभाते नहीं हम //२// हमारी है फितरत फकत इश्क़ करना अदू पर भी उंगली उठाते नहीं हम //३// हवा नफरतों की चले चाहे जितनी चरागे मुहब्बत बुझाते नहीं हम //४// है इस्लाम ने ये दिया दर्स हम को सो गैरों का दिल भी दुखाते नहीं हम //५// गमें हिज्र में जो बहाएं हम आंसू तो कुलजुम् रवां हो, बहाते नहीं हम //६// हवादिस की आंधी में जो टूट जाएं शजर बाग़ में वह लगाते नहीं हम //७// दुआ साथ रहतीं हैं मां की हमारे कि मुश्किल में भी डगमगाते नहीं हम //८// कि ख्वाब ए लहद और मर्गे तसव्वुर खुशी में भी रह, मुस्कुराते नहीं हम //९// ये अरशद करे क्या अदावत किसी से किसी को भी दिल से लगाते नहीं हम //१०// स्वरचित ✍️ #अरशद अंसारी के कलम से ©® mohammadarshad17338@gmail.com Arshad Ansari Fatehpur Aboo nagar
ArshadAlamShah
लोगों की मुहब्बत भी अब चाय जैसी हो गई है 😋😷🙂 बस कुछ ही देर में ठंडी हो जाती है ♥️☕♥️ Chay time injoy ☕☕ #अरशद आलम शा #chai लोगों की मुहब्बत भी अब चाय जैसी हो गई है 😋😷🙂 बस कुछ ही देर में ठंडी हो जाती है ♥️♥️♥️♥️♥️☕♥️ Chay time injoy on dhaba☕☕🚶 #अरशदआलमशाह
ArshadAlamShah
चाय सा इश्क़ किया है तुझसे ❣️😷🚶 ना मिले तो सिर में दर्द सा हो जाता है 🙂😋😛 Some time masti on chay ☕ #अरशद आलम शाह चाय सा #इश्क़ किया है तुझसे ❣️😷🚶 ना मिले तो सिर में #दर्द सा हो जाता है 🙂😋😛 Some time masti on chay ☕ #अरशदआलमशाह #chai_love
Arshad Ansari
#ग़ज़ल ( एक मतला दो शेअर) ______ #अरशद अंसारी के क़लम से #मापनी : २१२२/११२२/११२२/२२ बाद मुद्दत के तेरे गम से मैं बाहर निकला जबकि सरमाय ए इशरत मेरे अंदर निकला //१ मुस्कुराने दो कफ ए दस्त में लेकर जां को मारने वाला मेरा अपना बिरादर निकला //२ जुअम है इतना तुझे फानी ए हस्ती पे क्यूं मौत में जबकि तेरा हिस्सा बराबर निकला //३ #स्वरचित ©® mohammadarshad17338@gmail.com Fatehpur #ग़ज़ल ( एक मतला दो शेअर) ______ #अरशद अंसारी के क़लम से #मापनी : २१२२/११२२/११२२/२२ बाद मुद्दत के तेरे गम से मैं बाहर निकला जबकि सरमाय ए इशरत मेरे अंदर निकला //१
Arshad Ansari
ग़ज़ल वह मेरे रूबरू आ के बैठ गई इश्क़ की जुस्तुजु अा के बैठ गई जब भी महफ़िल में ग़ज़लों का दौर चला उनकी ही गुफ्तुगु आ के बैठ गई जैसे देखा था मैंने हकीकत उसे ख़्वाब में हू ब हु आ के बैठ गई मेरे भी जिस्म से खुशबू आने लगी तितली वह रंग आे बु आ के बैठ गई दिल संभालता नहीं नज़रें थकती नहीं सामने जब से तु आ के बैठ गई अब ग़ज़ल में मेरी नगमगी आ गई बुलबुलें कू ब कु आ के बैठ गई सुन के अरशद ग़ज़ल रश्क करने लगीं महजबीं चार सु आ के बैठ गई अरशद अंसारी फतेहपुर #अरशद #arshadansarigazal
Arshad Ansari
مجھے رنگ لازم رہا اب نہیں کچھ میں خد میں ہوں نادم رہا اب نہیں کچھ मुझे रंग लाज़िम रहा अब नहीं कुछ मैं खुद में हूं नादिम रहा अब नहीं कुछ تخیل میں میرے ہمیشہ رہیں وہ ہوئے دل سے عازم رہا اب نہیں کچھ तख्य्युल में मेरे हमेशा रहें वह हुए दिल से आज़िम रहा अब नहीं कुछ अरशद अंसारी مجھے رنگ لازم رہا اب نہیں کچھ میں خد میں ہوں نادم رہا اب نہیں کچھ #मुझे रंग लाज़िम रहा अब नहीं कुछ मैं खुद में हूं नादिम रहा अब नहीं कुछ تخیل میں میرے ہمیشہ رہیں وہ ہوئے دل سے عازم رہا اب نہیں کچھ #तख्य्युल में मेरे हमेशा रहें वह हुए दिल से आज़िम रहा अब नहीं कुछ