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Sumit Upadhyay
Rudra Sharma
जन्मदिनशुभेच्छाः।। अर्थ – आप दीर्घायु और आरोग्य हों, और जिंदगी में हमेशा ही यश प्राप्त करें, जन्म दिवस पर यही शुभकामना है कि आपको हर कदम पर जीत मिले। प्रार्थयामहे भव शतायु: ईश्वर: सदा त्वाम् च रक्षतु। पुण्य कर्मणा कीर्तिमार्जय जीवनम् तव भवतु सार्थकम्।। @ शिवम् शर्मा ©Rudra Sharma त्वं दीर्घायु भवः। #motherlove
दासनुदास सोम
यदि त्वं श्री कृष्णं प्रेम करोषि तर्हि त्वं दु:खं न अनुभवसि श्रीकृष्ण से प्रेम करोगे तो दु:ख का अनुभव नहि होगा if you love krishna then you don't feel pain दासनुदास सोम ©गुमनाम कवि यदि त्वं श्री कृष्णं प्रेम करोषि तर्हि त्वं दु:खं न अनुभवसि श्रीकृष्ण से प्रेम करोगे तो दु:ख का अनुभव नहि होगा if you love krishna then yo
Rajesh Khanna
किस्मत को पलट कर दुबारा मिला हूं उसे अभी भी खो दूं उसे न न न न अभी तो प्यार की बातें करी हैं अभी तो i love you भी कहना हैं मुझे ©Rajesh Khanna न न न न
Bhupendra Rawat
न हिन्दू,न मुस्लिम,न सिक्ख,न इसाई था वो कब्रगाह में दफ़न उन शवों का भाई था वो बहुत नज़ारे देखे थे,मज़हब की आड़ में बड़े दूर से आए थे,इंसान नही कसाई थे वो उम्र इसकी अभी और थी,कहकर पाछताया शब्दों को मौन कर यम ने भी शोक जताया कौन थे,वो दरिंदे जिन्हें इंसानियत से रुसवाई थी एक लाश चीख चीख कर पुकार रही थी क्या बेहरो की फौज इंसाफ की गुहार लगाने आयी थी शांति के दूत लोकतंत्र बचाने आए थे एक दबी हुई आवाज़ को दबाने आये थे भूपेंद्र रावत 26।04।2020 #न हिन्दू#न मुस्लिम#न सिक्ख#न इसाई था वो#
Devil
मैं तुम्हारा हो चुका हूं बस इसलिए अकेला हूं तुम्हारे अलावा किसी से मोहब्बत न थी न है न होगी मैं तुम्हीं पर मर मिटा हूं बस इसीलिए तबाह हूं तुमको मुझसे मोहब्बत न थी न है न होगी 🙂 Devil 😈 ©Devil न थी , न है , न होगी 🙂
Ramkrishan Rana
❤❤❤❤🌷☘💐💗 इश्क मुहब्बत तो सब करते हैं! गम-ऐ-जुदाई से सब डरते हैं हम तो न इश्क करते हैं न मुहब्बत! हम तो बस आपकी एक मुस्कुराहट पाने के लिए तरसते हैं! ❤❤❤❤ न इश्क न मोहब्बत
Parasram Arora
घोंसला बनाओ... जरूर बनाओ.. सुंदर बनाओ प्रीति कर.... बनाओ.. तुम्हारे सृजन की छाप हो उस पर.... तुम्हारे व्यक्तित्व के हस्ताक्षर हो उसपर . फिर घोंसला हो कि झोपड़ा हो कि मकान हो.. कि महल हो .....अपनी सृजनात्मक ऊर्जा उसमे ऊडेलो मगर एक स्मरंण कभी न चूके सतत एक जयोति बोधकी भीतर जलती रहे.. "यह सराय है " आज नही कल कल नही परसो इसे छोड़ कर जाना है... जाना ही पड़ेगा... तो जिसे छोड़ कर जाना है उसे पकड़ना ही क्यों?. रहलो जी लो उपयोग कर लो. लेकिन आग्रह न हों आसक्ति न हो ©Parasram Arora न आग्रह न आसक्ति....
Parasram Arora
कविता तो मैंने लिख दी.... पर शीर्षक तुम बतलाओ? ओके...क्या तुम्हारी कविता में डोल की चर्चा है? नही क्या तुम्हारी कविता में नगाड़े का कोई जिक्र है? नही तो तुम्हारी कविता का शीर्षक है "न डोल न नगाड़ा " ....ii ©Parasram Arora न डोल न नँगाड़ा.....