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SK Poetic
#5LinePoetry श्रेष्ठ बनने की चाहत सभी को है। लेकिन व्यक्ति अपने गुणों और आचरण से श्रेष्ठता को प्राप्त करता है। श्रेष्ठता त्याग और नैतिकता के मार्ग पर चलकर ही प्राप्त की जा सकती है। अगर ऐसा नहीं होता तो रामायण में बलशाली बाली का वध करने के लिए स्वयं प्रभु श्री राम को धनुष नहीं उठाना पड़ता।बाली वध से एक बहुत बड़ी सीख मिलती है। जिसे हर व्यक्ति को जानना चाहिए और किसी भी तरह के पाप और अपराध से दूर रहना चाहिए। बाली बहुत बलशाली था।उसे एक ऐसा वरदान प्राप्त था जिससे वह सामने वाले की शक्ति को ले लेता था। इस कारण लंकापति रावण भी उससे घबराता था। एक युद्ध में बाली ने रावण को बहुत बुरी तरह से परास्त किया और बगल में दबाकर पूरे महल की परिक्रमा की। सुग्रीव बाली के भाई थे।। लेकिन बाली ने सुग्रीव का सब कुछ छीन लिया और अपमान करके राज्य से भगा दिया ।वन गमन के दौरान जब सुग्रीव की भगवान राम से भेंट हुई तो सुग्रीव ने अपनी पूरी पीड़ा प्रभु को बताई।प्रभु राम ने उन्हें सब कुछ वापस दिलाने का वचन दिया।इसके लिए योजना बनाई गई सुग्रीव को बाली के पास युद्ध करने के लिए भेजा। शक्ति के मद में चूर बाली सुग्रीव से युद्ध करने के लिए तैयार हो गया।इस दौरान उचित समय पाकर भगवान राम ने अपने बाण से बाली का वध कर दिया। बाण लगते ही बाली जमीन पर आ गिरा, प्रभु राम उसके सामने आ गए प्रभु राम को देखकर जमीन पर पड़े बाली ने हाथ जोड़कर कहा- धर्म हेतु अवतरेहु गोसाईं मारेहु मोहि ब्याध की नाई मैं बैरी सुग्रीव पिआरा अवगुण कवन नाथ मोहि मारा अर्थात 'हे गुसाई,धर्म की रक्षा के लिए अवतार लिया है और मुझे एक व्याध की तरह मारा।प्रभु बताओ मैं बैरी और सुग्रीव क्यों प्यारा है। हे नाथ आपने किस दोष की सजा दी है।' तब प्रभु राम बाली के इस प्रश्न का उत्तर देते हुए कहते हैं- अनुज बधू भगिनी सुत नारी। सुनु सठ कन्या सम ए चारी। इन्हहि कुदृष्टि विलोकइ जोई ताहि बधे कछु पाप न होई।। अर्थात भगवान राम बाली से कहते हैं 'हे मूर्ख, सुन छोटे भाई की स्त्री,बहन, पुत्र की स्त्री और कन्या ये चारों समान है।इन्हें जो कोई बुरी दृष्टि से देखता है, उसे मारने में कुछ भी पाप नहीं।' ©S Talks with Shubham Kumar श्रेष्ठ बनने की चाहत #5LinePoetry
Naresh chandra
आज का ज्ञान जीवन में वही श्रेष्ठ है , जो अपने आप में स्थित है #जीवन #में #श्रेष्ठ, #जीवन #की #महानता,
Vishnu K Keshri
आपकी सादगी और विनम्रता ही आपको औरों से श्रेष्ठ बनाती है। ©Vishnu K Keshri श्रेष्ठ
सिद्धार्थ गौतम
श्रेष्ठ चरित्र बिल्कुल खाली दिखाई पड़ेगा, क्योकि उसे प्रदर्शन में कोई रुचि नही। ©Robiinn #श्रेष्ठ
rajeshwari Thakur
पर कुछ लोग ना कभी नहीं बदलेंगे, जो अपने आपको कुछ ज्यादा ही श्रेष्ठ साबित करना चाहते हैं सबके सामने। वो तो कभी भी नही। जिन्हें खुद ही पता नही होता कि, श्रेष्ठता में उनसे भी ऊपर ऐसे लोग हैं जिनके सामने वह कुछ भी नहीं । ©rajeshwari Thakur #श्रेष्ठ
sneha raj
मित्र में सुदामा श्रेष्ठ थे पुत्र में श्रवण श्रेष्ठ थे प्रेम में राधा श्रेष्ठ थी माता में यशोधा श्रेष्ठ थी पिता में दशरथ श्रेष्ठ थे भाई में लक्ष्मण श्रेष्ठ थे पत्नी में सीता श्रेष्ठ थी इन सब को अपने पूज्य से अलग होना पड़ा तो क्या अलगाव ही श्रेष्ठता को जन्म देती हैं? ©sneha raj श्रेष्ठ
मेरे ख़यालात.. (Jai Pathak)
ज्ञानी बोले ज्ञान श्रेष्ठ है अज्ञानी कहे माया को श्रेष्ठ कोई कहे भक्ति तो कोई कहे स्वयं को ही सर्वश्रेष्ठ, सबकी अपनी भावदशा है सबका ही अपना भेष, तु मन मेरे विचलित ना हो स्वयं की नयी राह बना कुछ दूर चल के तो देख खोज ले तु भी कुछ ऐसा जो तेरे लिए हो श्रेष्ठ.. जो तेरे लिए हो सर्वश्रेष्ठ..... ©Jai Pathak #श्रेष्ठ